नमस्कार मित्रों, आज की सुबह मैं आप सभी के लिए गणतंत्र दिवस पर बहुत ही प्रभावशाली निबंध लेकर आया हूँ आप सभी को गणतंत्र दिवस पर निबंध बहुत ही अच्छा लगेगा.
आज के समय में लोगों के पास समय की बहुत ही कमी है जिसकी वजह से मुझे आपके लिए गणतंत्र दिवस पर सबसे अच्छा निबंध लेकर आया
हूँ.
ऐसे तो भारत देश में अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं| हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्म के लोगों के अलग अलग धर्म है जिसकी वजह से उनके त्यौहार भी बहुत से हैं| लेकिन जो त्यौहार राष्ट्रीय है उसे प्रत्येक भारतीय मनाता है| ये भारतीय त्यौहार सरकारी अवकाश के साथ बड़ी ही धूम धाम हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
भारतीय जनता अपने भारत से बहुत प्यार करती है अपने भारत के लिए त्याग संपर्ण करने से पीछे नहीं हटती है| भारतीय लोग राष्ट्रीय त्यौहार मनाने के लिए परेड, झांकियां, तीनों सेनाओं का योगदान करती है.
बच्चों से बड़ों की जरूरत के हिसाब से हमने आपके लिए 100, 150, 200, 250, 300, 400, 600, 1000, 1200 शब्दों में आपके लिए गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखा है आपको जो सही लगे इस्तेमाल कर लीजिए.
इन सभी निबंध का प्रयोग करने से पहले आप कृपया करके पढ़िएगा जरूर| आप अगर अपने विचार व्यक्त करना चाहते हैं तो देरी मत कीजिएगा कमेंट के जरिये जरूर बताइएगा.
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26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस को पूरा भारत बड़ी ही खुशी के साथ मनाता है| 26 जनवरी का दिन भारत के लिए बहुत ही महत्व रखता है जिसका कोई मूल्य नहीं है.
26 जनवरी 1950 को देश का संविधान अस्तित्व में आया था| 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया.
गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट) पर परेड का आयोजन होता है| भारतीय सरकार द्वारा 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है| भारतीय लोग इस महान दिन को अपने तौर तरीके से मनाना पसंद करते हैं.
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भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को हो गयी थी लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था| जिस वजह से भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि ये हमें भारतीय स्वतंत्रता से जुड़े प्रत्येक संघर्ष के बारे में बताता है.
भारत की आजादी (पूर्णं स्वराज) की प्राप्ति के लिये लाहौर में रावी नदी के किनारे सन् 1930 में 26 जनवरी को भारत की आजादी के लिये लड़ने वाले लोगों ने प्रतिज्ञा की थी और बड़े ही संघर्षों के बाद 15 अगस्त 1947 को ये प्रतिज्ञा साकार हुई.
26 जनवरी 1950 में संविधान में संप्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी और लोकतांत्रिक, गणराज्य के रुप में घोषित हुआ अर्थात भारत पर स्वयं का शासन था.
भारत पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं करेगी| इस घोषणा के साथ ही दिल्ली के राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया गया साथ ही परेड तथा राष्ट्रगान से पूरे भारत में जश्न का माहौल शुरु हो गया| ये जश्न आज भी पूरी धूम धाम से मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस को भारत की आजादी के ढाई साल बाद से मनाया जाने लगा है| भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को हो गयी थी और तभी से लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में स्थापित हुआ लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ| जिस वजह से भारतीय लोगों में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि ये हमें भारतीय स्वतंत्रता से जुड़े प्रत्येक संघर्ष के बारे मेंवाखिफ कराता है.
भारत की आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की एक मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया| 4 नवंबर 1947 को डॉ बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया.
संविधान को तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और 26 जनवरी 1950 को इसको लागू कर दिया गया। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ.
26 जनवरी 1950 में संविधान में संप्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी और लोकतांत्रिक, गणराज्य के रुप में घोषित हुआ अर्थात भारत पर स्वयं का शासन था.
भारत पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं करेगी| इस घोषणा के साथ ही दिल्ली के राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया गया साथ ही परेड तथा राष्ट्रगान से पूरे भारत में जश्न का माहौल शुरु हो गया| ये जश्न आज भी पूरी धूम धाम से मनाया जाता है.
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प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है| गणतंत्र दिवस की खुशी को तो एक भारतवासी ही जानता है| बड़ी शिद्दत के बाद जब भारत आजाद हुआ था ठीक आजादी के ढाई महीने के बाद भारतीय सरकार ने संविधान लागू किया था.
संविधान लागू होने से भारतीय लोगों में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि ये हमें भारतीय स्वतंत्रता से जुड़े प्रत्येक संघर्ष के बारे में वाखिफ कराता है.
भारत की आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की एक मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया|
4 नवंबर 1947 को डॉ बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया| संविधान को तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और 26 जनवरी 1950 को इसको लागू कर दिया गया| साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ.
26 जनवरी 1950 में संविधान में संप्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी और लोकतांत्रिक, गणराज्य के रुप में घोषित हुआ अर्थात भारत पर स्वयं का शासन था| भारत पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं करेगी.
इस घोषणा के साथ ही दिल्ली के राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया गया साथ ही परेड तथा राष्ट्रगान से पूरे भारत में जश्न का माहौल शुरु हो गया। ये जश्न आज भी पूरी धूम धाम से मनाया जाता है.
जरुर पढ़े » 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर कुछ वाक्य
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है| गणतंत्र दिवस के दिन भारत का संविधान लागू किया था| 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है|
इस दिन सरकार ने शुरू से ही सरकारी अवकाश दिया है जिसकी वजह से प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है|
भारत की आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की एक मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया।
4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया| संविधान को तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और 26 जनवरी 1950 को इसको लागू कर दिया गया| साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ.
26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व भी कहा जाता है| भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही 26 जनवरी 1950 को हमारा देश पूरी तरह से को लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया.
26 जनवरी को भारतीय सेनाओं में तीनों सेनाओं (थल, जल और अम्बर) द्वारा भव्य परेड भी निकाली जाती है| ये परेड विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर खत्म होती है|
तीनों सेनाओं द्वारा राष्ट्रीयपति को सलामी दी जाती है और सभी सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंको का प्रदर्शन किया जाता है| अलग अलग आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है.
भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों (संतरी, सफेद, और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है गुब्बारे छोड़े जाते हैं|
स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है और अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है.
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भारत की आजादी में बहुत संघर्ष किए गए तब जाकर आज भारत आजाद है| भारत की भूमि लंबे समय से ब्रिटिश शासन के अधीन थी|
ब्रिटीशियों के कानून के चलते भारत कर्जे में आ गया था| भारत की आजादी के लिए अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों बहुत से संघर्ष किए त्याग किए जिसकी कोई सीमा नहीं थी|
उन सभी के इस त्याग को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है| भारत के सांविधान लागू होने से भारत में लोकतंत्र का आगमन हुआ लोकतंत्र के अंतर्गत भारत के लोग अपनी पसंद के नेता को चुन सकते है.
लोग चाहे तो किसी को भी वोट देकर जीता सकते हैं| भारत के लोकतान्त्रिक गणराज्य के होने से लोगों के बीच प्रेम और आजादी बनी रहेगी.
भारत और विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिय गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना सम्मान की बात है| भारतियों के लिए गणतन्त्र दिवस गर्व की बात है| गणतंत्र दिवस की खास महत्वता है और इसमें लोगों द्वारा कई सारे क्रिया-कलापों में भाग लेकर और उसे आयोजित करके पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है|
गणतंत्र दिवस के समारोह का हिस्सा बनने के लिये लोग इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है|
गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी एक महीन पहले से ही शुरु हो जाती है और इस दौरान सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है जिससे किसी तरह की अपराधिक घटना के होने से पहले रोका जा सके| इससे उस दिन वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाती है.
सम्पूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस सभी राज्यों और राजधानीयों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है| गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडा रोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है.
ध्वजारोहण के बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, राज्यों की झांकियों की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन गण” से गूँज उठता है.
स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी बेहद उत्साहित रहते है और इसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शुरु कर देते है| इस दिनविद्यार्थियों एकेडमी में खेल या शिक्षा के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार, इनाम, तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है.
पारिवारिक लोग सभी सुबह 8 बजे से पहले राजपथ पर होने वाले कार्यक्रम को टी.वी पर देखने के लिये तैयार हो जाते है| इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे.
तो दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध का यह लेख अच्छा लगा होगा| बिना किसी देरी के इस लेख को आप अपने मित्रों आदि में शेयर जरूर करना|
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धन्यवाद “जय हिन्द जय भारत”.
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