शहीद भगत सिंह को पूरा भारत वर्ष अपना क्रांतिकारी योद्धा मानता है| शहीद भगत सिंह जी ने भारत के लिए जो किया है वो ब्यान करना और भगत सिंह के विचार आपको बताना बहुत गर्व की बात है।
आपको गर्व महसूस होगा की शहीद भगत सिंह जैसे बड़े क्रांतिकारी हमारे देश में जन्मे और हम भारतियों के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।
अगर शहीद भगत सिंह ने आजादी की आग न जलाई होती तो आज भारत वर्ष पहले की तरह गुलाम होता।
अगर आपको इनके बारे में अधिक पढ़ना है, इनका जीवन परिचय जानना है तो आप शहीद भगत सिंह जीवनी, शिक्षा, आन्दोलन व उनकी मृत्यु का कारण वाला लेख पढ़ सकते हो।
इस लेख में आज हम आपको शहीद भगत सिंह के अनमोल विचार के बारे में बताएँगे| वो कहते है न की जैसा महान इन्सान होता है वैसे ही उनकी महान बातें होती है।
तो क्यों न दोस्तों, आज हम उस महान इन्सान की महान बातें पढ़े।
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⇓ भगत सिंह का मशहूर श्लोक ॥ भगत सिंह का नारा ⇓
मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे; मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग दे बसन्ती चोला।।
1. मेरी गर्मी के कारण राख का एक एक कण चलायमान हैं में ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हूँ।
2. क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह जरुरी नहीं| यह बम और पिस्तौल की राह नहीं है।
3. जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है उसे परम्परागत चलन की आलोचना एवम विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।
4. मैं यह मानता हूँ की मह्त्वकांक्षी, आशावादी एवम जीवन के प्रति उत्साही हूँ लेकिन आवश्यकता अनुसार मैं इस सबका परित्याग कर सकता हूँ सही सच्चा त्याग होगा।
5. किसी भी कीमत पर शक्ति का प्रयोग ना करना काल्पनिक आदर्श है और देश में जो नवीन आन्दोलन शुरु हुआ है जिसके शुरुआत की हम चेतावनी दे चुके है वो गुरु गोबिन्द सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान, वाशिंगटन और गैरीबालड़ी, लाफयेतटे और लेनिन के आदर्शों का अनुसरण है।
6. कोई भी व्यक्ति तब ही कुछ करता है जब वह अपने कार्य के परिणाम को लेकर आश्व्स्त (औचित्य) होता है जैसे हम असेम्बली में बम फेकने पर थे।
7. कठोरता एवं आजाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के गुण है।
8. मैं एक इन्सान हूँ और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।
9. जीवन अपने दम पर चलता है.... दूसरों के कन्धों पर तो अंतिम यात्रा पूरी होती है।
10. प्रेमी, पागल और कवी एक ही थाली के चट्टे बट्टे होते है अर्थात सामान होते हैं।
11. यदि बहरों को सुनना है तो आवाज तेज करनी होगी . जब हमने बम फेका था तब हमारा इरादा किसी को जान से मारने नहीं था. हमने ब्रिटिश सरकार पर बम फेका था. ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ना होगा और उसे स्वतंत्र करना होगा।
12. किसी को “क्रांति” को परिभाषित नहीं करना चाहिए| इस शब्द के कई अर्थ एवं मतलब है की जो की इसका उपयोग अथवा दुरपयोग करने वाले तय करते है।
13. सामान्यत: लोग परिस्थिति के आदि हो जाते है और उनमें बदलाव करने की सोच मात्र से डर जाते है| अत: हमें इस भावना को क्रांति की भावना से बदलने की जरूरत है।
14. क्रांति मनुष्य का जन्म सिद्ध आधिकार है साथ ही आजादी भी जन्म सिद्ध अधिकार है और परिश्रम समाज का वास्तव में वहन करता है।
15. अहिंसा को आत्म विश्वास का बल प्राप्त है जिसमे जीत की आशा से कष्ट वहन किया जाता है। लेकिन अगर यह प्रयत्न विफल हो जाए तब क्या होगा? तब हमें इस आत्म शक्ति को शारीरिक शक्ति से जोड़ना होता है ताकि हम अत्याचारी दुश्मन की दया पर न रहे।
16. व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नही मार सकते।
17. कानून की पवित्रता तभी बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करें।
18. अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं मिलेगी।
19. क्या तुम्हें पता है कि दूनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है यह एक सजा है.”
20. “राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है।”
21. प्रेमी पागल और कवी एक ही चीज से बनते है।
22. जो भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर रूढ़िवादी चीज कि आलोचना करनी होगी उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी.”
23. जरूरी नहीं था कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था”
24. “अगर बहरों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा, जब हमने असेम्बली में बम गिराया तो हमारा मकसद किसी को मारना नहीं था हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था।
25. “किसी को क्रांति शब्द कि व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए जो लोग इस शब्द का दुरूपयोग करते है, उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अर्थ और मतलब दिए जाते है।”
26. “मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्वकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ और वही सच्चा बलिदान है।”
27. “चीजें जैसी है आम तौर पर लोग उसके आदि हो जाते है और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते है हमें इसी निष्क्रियता को क्रांतिकारी भावना से बदलने कि जरुरत है।”
28. "बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”
29. “अहिंसा को आत्मबल के सिधांत का समर्थन है जिसमें प्रतिद्वंदी पर जीत कि आशा में कष्ट सहा जाता है, लेकिन तब क्या हो, जब ये कोशिश नाकाम हो जाए? तभी हमें आत्मबल को शारीरिक बल से जोड़ने कि जरुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर निर्भर न रहे.”
30. “कानून कि पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक वो लोगों कि इच्छा कि अभिव्यक्ति करे.”
31. “इन्सान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसा कि हम विधानसभा में बम फैंकने को लेकर थे.”
32. “व्यक्तियों को कुचलकर, वे विचारों को नहीं मार सकते.”
33. “निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण है.”
34. अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो राजनीति पर हम सब इकठ्ठे हो सकते है. धर्मों में हम चाहे अलग अलग ही रहें.
यह थे भारत देश के महान व्यक्ति शहीद भगत सिंह के विचार… उम्मीद करता हूँ कि आपको इनके विचार पसंद आए होंगे।
टिप्पणी करके हमको बताए की आपको इनके विचार कैसे लगे। अगर आपको भगत सिंह के अनमोल वचन पसंद आये हो तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले। “धन्यवाद”
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इस देश की माटी पर मर मिटने वालों को नमन करती हूँ
जन्मा जिस माँ ने शहीदों को उस माँ का बंदन करती हूँ --जय हिन्द