Children’s Day Speech in Hindi 2023: आज का दिन हमारे देश के सभी बच्चों के लिए एक विशेष दिन है। यह दिन हमारे प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें हम प्यार से ‘चाचा नेहरू‘ कहते थे। चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उनका मानना था कि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं। उनके इसी स्नेह और विश्वास के कारण उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
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इस लेख में, हम बाल दिवस भाषण (Speech on Children’s Day in Hindi) और बाल दिवस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानेंगे। हम जानेंगे कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस का महत्व क्या है, और बाल दिवस के अवसर पर हमें क्या करना चाहिए, इत्यादि।
इस लेख को पढ़ने के बाद, आपको बाल दिवस के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। आप बाल दिवस के महत्व को समझेंगे और बाल दिवस को मनाने का सही तरीका सीखेंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं।
बाल दिवस बच्चों के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और उन्हें प्यार, सम्मान और देखभाल की आवश्यकता है।
बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे खुशहाल और सुरक्षित बचपन जी सकें। इसमें उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा प्रदान करना शामिल है।
बाल दिवस का महत्व निम्नलिखित है:
बाल दिवस के अवसर पर हम निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
बाल दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें बच्चों के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में याद दिलाता है। यह दिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है कि सभी बच्चे खुशहाल और सुरक्षित बचपन जी सकें।
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आदरणीय शिक्षकों, प्रिय मित्रों और मेरे प्यारे साथियों,
आप सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज का दिन हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें हम प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहते थे। चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उनका मानना था कि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं। उनके इसी स्नेह और विश्वास के कारण उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
बाल दिवस के इस विशेष दिन पर हम बच्चों के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में सोचने का समय निकालते हैं। हर बच्चा खुशहाल बचपन जीने का हकदार है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं शामिल हों। हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर बच्चे के सपनों को उड़ान भरने में मदद करें और उन्हें एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
आप सब जानते हैं कि बच्चे हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। उनके अंदर असीम ऊर्जा, प्रतिभा और सपने भरे हुए हैं। यदि हम उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर प्रदान कर सकें, तो वे हमारे देश का नाम रोशन कर सकते हैं।
इसलिए आज के दिन हम सभी मिलकर यह प्रण लें कि हम हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा करेंगे, उनके सपनों को पूरा करने में उनका साथ देंगे और एक ऐसे समाज का निर्माण करेंगे, जहां हर बच्चा खुशहाल और सुरक्षित हो सके।
बाल दिवस की एक बार फिर से सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद!
भारत वर्ष 2023 में बाल दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। बाल दिवस प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है. बाल दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है. 14 नवंबर को नेहरू जी का जन्मदिन था। नेहरू जी का बच्चों के प्रति लगाव को देखते हुए 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
भारत में प्रत्येक वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. जवाहरलाल नेहरू जी के बच्चों के प्रति प्यार और लगाव को देखते हुए ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के निधन होने के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए। यह घोषणा की गयी की प्रत्येक वर्ष जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन के दिन बाल दिवस को खुशी के साथ मनाया जाएगा.
चाचा नेहरू जी के जन्मदिन को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.
बाल दिवस का इतिहास सन् 1925 से मनाया जाता रहा है, लेकिन यूएन ने 20 नवंबर सन् 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा कर दी थी. अलग अलग देशों में अलग-अलग तारीख पर बाल दिवस मनाया जाता है. भारत में बाल दिवस सन् 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद से मनाया जाने लगा.
14 नवंबर को विद्यालय, कॉलेजों समारोह आदि में जवाहर लाल नेहरू जी को श्रद्धांजलि देकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प माला भेंट की जाती है.
बाल दिवस 14 नवंबर अर्थात शीत ऋतु की माह महीने में मनाया जाता है। बाल दिवस को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है लोग इस दिन को एक त्यौहार की तरह मनाते हैं. नेहरू जी को छोटे छोटे बच्चे बहुत पसंद थे। नेहरू जी को बच्चे चाचा जी कह कर बुलाते थे. चाचा जी को छोटे बच्चों के साथ रह कर खेलना कूदना बहुत पसंद था।
चाचा नेहरू जी कहते थे कि छोटे बच्चों में उनको अपना बचपन याद आता था। नेहरू जी को छोटे बच्चों में कल के उज्ज्वल भारत की छवि दिखती थी। बच्चों को भारत का भविष्य माना जाता है. चाचा नेहरू जी का कहना था की बच्चों पर ही पूरे भारत वर्ष का भविष्य निर्भर करता है। नेहरू जी एक नयी व जोश भरी सोच के नेता थे। नेहरू जी एक महान नेता थे.
नेहरू जी एक राष्ट्रनेता और बड़ी हस्ती थे इसके बावजूद भी बच्चों के साथ खेलना कूदना उन्हे बहुत पसंद था।
बाल दिवस के दिन स्कूल खुले रहते हैं जिससे बच्चे अपने कार्यक्रम जैसे भाषण, गीत-संगीत, कला, नृत्य, कविता, पाठ, आदि करते हैं।
बाल दिवस पर अध्यापक भी इन सभी कार्यक्रमों का हिस्सा बनते हैं।
बाल दिवस पर विद्यालय आदि में भाषण, नृत्य, नाट्य, रंगारंग कार्यक्रम आदि होते है। खेल प्रतियोगितायें होती है, और जीतने वाले को पुरस्कार उपहार से सम्मानित किया जाता है.
बाल दिवस पर देश के प्रधानमंत्री बच्चों के भविष्य के लाभ के लिए कुछ न कुछ नियम जरूर निकालते है।
नयी नयी योजनाओं का आरंभ किया जाता है और हो सकता है की बच्चों के लिए बहुत जगह छूट भी दी जाती है जैसे की विद्यालय के बच्चों के लिए बसों ट्रेन आदि में किराए पर छूट, बच्चों के लिए किताबों, स्कॉलरशिप आदि जैसी योजनाएँ लागू होती है.
विभिन्न राज्यों में स्कूल के बच्चों को लैपटॉप, टैब आदि भी दिये जाते है।
बच्चे इस दिन नेताओं के भेष में नजर आते हैं जो अपने सिर पर नेताओं के जैसे टोपी पहनकर, अपने मुंह पर नेताओं की तरह मूंछ लगा कर चलते हैं, हाथों में झोला टांग कर चलते हैं, कुर्ता पजामा पहन कर उन्हे ऐसा देख कर बहुत अच्छा लगता है.
आज के बच्चे ही बड़े बनकर फौजी, नेता, पुलिस, इंजीनियर, वकील, डॉक्टर आदि बनते है।
आज के भारत को बदलना है तो आज के बच्चों को सही रास्ते दिखाने होंगे उनके भविष्य को लेकर सही सोच सही निर्णय लेना होगा.
भारत में आज भी कई जगह ऐसे बच्चे जी रहे है जिनके भविष्य को लेकर खिलवाड़ हो रहा है। छोटी सी उम्र में उनसे मजदूरी करवाई जाती है उन्हे कारखानो आदि में काम करवाया जाता है, बाज़ारों आदि में उनसे बिक्री करवाई जाती है.
जब ऐसे बच्चे दिखते है तो लगता है कि भारत का भविष्य खतरे में, भारत के विकास में बहुत बड़ी रुकावट आने वाली है.
छोटे बच्चे जैसा वातावरण पाते हैं वैसे हो जाते हैं यदि उन्हे अच्छा वातावरण मिले तो अच्छे बन जाते हैं। अगर गलत वातावरण मिले तो उनका भविष्य खतरे में होता है.
बच्चों से सुनहरे भविष्य की कल्पना की जा सकती है बशर्ते उनके भविष्य को लेकर चिंतित होना पड़ेगा.
भारत के नए प्रधानमंत्री जी श्री मान नरेंद्र मोदी जी ने भारत के युवा के लिए बहुत सी योजनाएं लागू की है। मोदी जी के राज में बहुत से बदलाव देखने को मिले है.
बाल दिवस के दिन पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को याद करके श्रद्धांजलि दी जाती है।
उनकी याद में गीत कविता भाषण आदि होते है.
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