हिंदु धर्म में अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं उन त्योहारों में होली भी एक त्यौहार है जिसे मनाने वालों की संख्या करोड़ों में है। होली को भारतीय लोग बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। होली का पर्व पूरे भारत के अंतर्गत बनाया जाता है। हर भारतवासी होली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है।
सभी लोग इस दिन पर अपने सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है। होली के रंग हम सभी को आपस में जोड़ कर रखते है और तारे भेदभाव ऊंच-नीच सब खत्म कर देते हैं और हमें प्रेम की राह दिखाते है। अन्य त्योहारों की तरह होली का भी एक अपना महत्व है और एक अपनी कहानी है।
होली का इतिहास जानने के लिए आपको संपूर्ण होली का ज्ञान जानना होगा जो कि मेरे इस लेख में आपको संपूर्ण होली की जानकारी प्राप्त होगी।
उम्मीद करता हूं आपको मेरे द्वारा लिखा गया होली पर निबंध का लेख अच्छा लगेगा और दोस्तों अगर आपको मेरा लेख अच्छा लगे तो शेयर करना ना भूले, आपके एक शेयर से मुझे बहुत मोटिवेशन मिलती है। होली का त्यौहार स्कूलों कॉलेज और घरों में मनाया जाता है।
आपके लिए: होली की 23 कविता जिस को पढ़कर प्रसन्न हो जायेगा आपका मन
होली के बारे में जानने के लिए संपूर्ण जानकारी आपको यहां मिल जाएगी और साथ में छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से होली पर हिंदी निबंध लिखे गए है।
होली पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500, 600, 1000 शब्दों में लिखे गए है। आप अपनी जरूरत के अनुसार इन Holi Essay in Hindi को इस्तेमाल कर सकते है और अपने विद्यालय कॉलेज में इन सभी निबंध का इस्तेमाल कर सकते है।
होली का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला त्योहार है। प्रत्येक वर्ष होली फाल्गुन मास में मनाया जाता है और होली का त्यौहार खुशियों का त्योहार है। होली के दिन रंग-बिरंगे रंगो और पानी के गुब्बारों के साथ खेला जाता है। बच्चों के अंदर होली को लेकर अत्यंत खुशी होती है और यह सुबह से ही शुरू हो जाती है।
जब बच्चे होली खेलने के लिए अपने घरों से बाहर निकलते हैं और रास्ते में आने जाने वाले हर किसी के ऊपर गुब्बारों की बौछार कर देते है। बच्चों को होली मनाना सबसे ज्यादा पसंद होता है।
होली से 1 दिन पहले छोटी होली आती है जिसे होलिका दहन कहते है। प्राचीन काल से यह प्रथा आज भी कायम है और प्रत्येक वर्ष इस प्रथा को दोहराया जाता है और स्कूलों में भी छोटी होली का त्योहार मनाया जाता है।
बड़ी होली के दिन बच्चे अपने घरों में अपने परिवार के साथ और रिश्तेदारों के साथ मित्रों के साथ होली का त्योहार मनाते है। इस दिन घरों में कई प्रकार के पकवान बनते है और अपने सभी रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घर होली के त्यौहार के दिन एक दूसरे के घर जाकर रंगों को लगाया जाता है।
रंग लगाकर और गले मिलकर उन सभी गिले-शिकवे को खत्म किया जाता है। होली का त्योहार इसीलिए रंगों का त्योहार कहलाया जाता है। सभी रंगों में एक दूसरे को देखते है तो एक दूसरे जैसे नजर आते है। इसलिए रंगों का त्योहार एक समानता का त्यौहार भी है।
होली के त्यौहार को संपूर्ण भारत में मनाया जाता है और होली के त्यौहार के लिए एक प्राचीन कहानी भी है जिस कहानी के सुनने के बाद आपको संपूर्ण जानकारी होली से संबंधित मिल जाएगी।
प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर हुआ करता था। हिरण्यकशिपु श्री विष्णु भगवान से नफरत किया करते थे लेकिन कुछ समय ऐसा भी था की हिरण्यकशिपु का बेटा प्रह्लाद श्री विष्णु जी का परम भक्त साबित हुआ। निर्णायक सब को यह बात समझ में नहीं आई और गुस्सा आया।
हिरण्यकश्यप ने अत्यंत कोशिश की अपने बेटे प्रह्लाद को मारने के लिए लेकिन वह नाकाम साबित हुआ। अंत में आकर हिरण्यकश्यप ने अपनी छोटी बहन होलिका को बुलाया और कहा प्रह्लाद को लेकर अग्नि कुंड में बैठ जाओ और जो कि तुम्हें भगवान शिव जी का वरदान है कि तुम्हें अग्नि कुछ नहीं कर सकती है तो तुम तो बच जाओगी लेकिन प्रह्लाद मर जाएगा।
होलिका प्रहलाद को लेकर बैठ गई थी मगर होलिका को वरदान मिला था लेकिन भगवान विष्णु को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने होलिका को उसी आग में जलने दिया। आपको बिना किसी नुकसान के आंख से बाहर निकाल दिया। उसी समय से होलिका का दहन मनाया जाता है।
होलिका दहन के अगले दिन बड़ी होली का त्योहार मनाया जाता है और यह प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के अंतर्गत मनाया जाता है। मनाने वालों की संख्या करोड़ों में होती है।
प्राचीन काल से ही प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में होली का त्यौहार मनाया जाता है। होली का त्यौहार हिंदू धर्म का त्यौहार है। प्रत्येक हिंदू, प्रत्येक भारतवासी इस दिन को खुशियों के साथ मनाते है।
होली के दिन सभी रंगों के साथ खेलते है जैसे कि गुलाल, गुब्बारे, रंग बिरंगे पानी के साथ खेला जाता है। लोगों के कपड़े और सबकी हालत रंग बिरंगी नजर आती है और सभी लोग आपसी भेदभाव, मनमुटाव, दुश्मनी को भुलाकर होली का त्यौहार एक साथ मिल कर मनाते है और कहा जाता है कि होली के दिन सभी पड़ोसी एक दूसरे के घर जाकर एक दूसरों को रंग लगाते हैं।
होली के दिन सुबह से ही लोग होली खेलना शुरू कर देते है और कोई भी किसी के भी साथ होली खेल सकते है। होली के दिन एक दूसरे को रंग लगाया जाता है और यह समानता का प्रतीक साबित किया जाता है।
होली से 1 दिन पहले छोटी होली मनाई जाती है। इस दिन होलिका का दहन किया जाता है। होलिका में जब हिरण्यकश्यप की बहन होलिका का दहन हुआ था तब से ही छोटी होली मनाई जाती है। होलिका हिरण्यकश्यप की छोटी बहन थी और हिरण्यकश्यप प्रहलाद के पिता थे। अपने आप को भगवान मानता था।
प्रह्लाद श्री हरि विष्णु जी का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप कि लाख कोशिशों के बाद भी प्रह्लाद श्री विष्णु जी की पूजा अर्चना करना नहीं भूला अंत में आकर्षण हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रवीण कुमार ने लाख कोशिश की लेकिन असफल रहा। उसी में एक बार हिरण्यकश्यप ने अपनी छोटी बहन होलिका से कहा कि होलिका दहन में इस बार तुम अब प्रह्लाद को लेकर बैठना होगा क्योंकि भगवान शिव जी का आपको वरदान है कि आपको कोई भी अग्नि नुकसान नहीं पहुंचा सकती है तो आप तो बच जाओगे लेकिन प्रह्लाद उस अग्नि में जल कर भस्म हो जाएगा।
लेकिन विष्णु जी को यह बात पसंद नहीं आई और होलिका में होलिका का दहन हुआ और प्रह्लाद का बाल भी बाका नहीं हुआ जिससे श्री विष्णु जी की शक्ति का पता चला और होलिका का दहन की प्रथा चलती है। होलिका के दहन के अगले दिन बड़ी होली मनाई जाती है जिसमें लोग आपस में एक दूसरे को रंग लगाकर एक समानता का उदाहरण देते है।
होली का पर्व प्राचीन काल से ही मनाया जाता आ रहा है। होली का पर्व हिंदू धर्म में मनाया जाता है और होली की मान्यता अपने आप में ही बहुत है। होली का पर्व संपूर्ण भारत में मनाया जाता है। हर भारतवासी होलिका पर हर्ष और उल्लास के साथ होली मनाते हैं। सभी लोग इस दिन पर अपने सारे गिले शिकवे और मनमुटाव को भूल कर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और होली का त्यौहार मनाते है।
रंगों का त्योहार होली खुशियों का त्यौहार है। होली का त्यौहार फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली का त्यौहार मार्च के महीने में मनाया जाता है। होली का त्योहार विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ मनाया जाता है। होली के दिन लोग अपने रिश्तेदारों आस-पड़ोस के लोगों के साथ होली का त्यौहार मनाते है।
होली के त्यौहार के दिन गुझिया, पापड़ बनाने की प्रथा है। होली से 1 दिन पहले छोटी होली मनाई जाती है जिस दिन होलिका को जलाया जाता है और होली का त्यौहार शुरू किया जाता है।
होलिका दहन में गेहूं के कुछ फल होली की अग्नि में भुनी जाती है और अपने आस-पड़ोस रिश्तेदारों में सभी लोगों को बांटा जाता है इससे गेहूं की फसल पकना शुरू हो जाता है।
भगवान श्री हरि के भक्त प्रह्लाद जिनके पिता का नाम हिरण्यकश्यप था। हिरण्यकश्यप अपने आप को राजा मानता था और अपने आप को भगवान मानने लगा था। वह किसी भी व्यक्ति को पसंद नहीं करता था जो भगवान श्री विष्णु जी को मानता था।
हिरण्यकश्यप के बेटे प्रह्लाद जोकि भगवान श्री विष्णु जी का परम भक्त था जब यह बात सबको पता चली तो उसने बहुत कोशिश की कि उसका बेटा प्रह्लाद विष्णु जी को भगवान मानना बंद कर दे लेकिन प्रह्लाद ने सीधा बोला श्री हरि जी ही सब कुछ है और इस संसार के पालनहार दुख हर्ता श्री विष्णु जी है। तो यह बात हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं आई और उसने अपने बेटे प्रह्लाद को मारने की बहुत कोशिश कि।
कभी समुद्र में पत्थर बांध के फेंके गए और कभी जलते उबलते हुए तेल में फेंके गए लेकिन श्री विष्णु जी ने हर हाल में अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की। ऐसे हिरण्यकश्यप ने अपनी छोटी बहन होलिका को बुलाया और कहा कि इस बार होलिका दहन में तुम रात को अपने साथ लेकर भगवान शिवजी का वरदान प्राप्त है कि कोई भी अग्नि आपको कुछ नहीं कर पाएंगी लेकिन लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
होलिका के ऊपर से वह वरदान उठकर प्रह्लाद के सर पर जा गिरा और प्रह्लाद तो बच गया लेकिन होलिका का दहन हो गया और यह प्रथा आज भी चलती आ रही है।
प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में होलिका का दहन होता है और अगले ही दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है। होली के दिन सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर, सभी प्रकार के दफ्तर को अवकाश प्राप्त होता है। होली के दिन सभी लोग एक दूसरे से सभी प्रकार के भेदभाव और नफ़रतों को भुला कर एक नयी दोस्ती की शुरुआत करते है।
परिचय
प्राचीन काल से ही मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण और श्री राम जी के भजन सुनने में आते थे उसी नगरी में लोगों द्वारा भगवान के भजनों को एक समूह बनाकर खाया जाता था और उसमें ढोलक, मंजीरा, बांसुरी आदि के ताल पर भजनों को संगीत और लोकगीत गाए जाते थे। होली के त्यौहार का आनंद लिया जाता था और रंग बिरंगे रंगों एक दूसरे को रंग लगाया जाता था।
कार्यस्थलों तथा विभिन्न संस्थानों पर होली
होली के पावन पर्व पर सभी प्रकार के संस्थान, संस्था व कार्य स्थल में अवकाश दिया जाता है लेकिन बड़ी होली के दिन पहले छोटी होली मनाई जाती है जिसे होलिका दहन भी कहा जाता है। उस दिन स्कूलों में बच्चे तथा कार्य स्थल पर सभी कर्मचारी एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।
होलिका की संध्या में मित्रों से मेल-मिलाव
छोटी होली के दिन होलिका दहन करने के बाद शाम के समय सभी लोग नए वस्त्र पहनते है और अपने पड़ोसी व मित्रों के साथ उनके घरों में उनसे मिलने और होली की शुभकामनाएं देने के लिए जाते है।
होली की हलचल का सभी टीवी चैनलों पर प्रसारण
होली का पर्व ऐसा पर्व है जिस पर सभी टीवी चैनलों में होली के गीत, अनेक विशेष कार्यक्रम तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से विभिन्न स्थानों की होली प्रसारित की जाती है। होली के दिन सभी अभिनेता और अभिनेत्री एक दूसरे के घर जाकर होली का त्यौहार मनाते हैं और यह सीधा प्रसारण टीवी चैनलों पर देखने को मिलता है।
हिन्दुस्तानी बाजारों की हलचल में, होली की परंपरागत रीति कहीं गुम न हो जाए
होली के दिन पर सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने दुकानों के आगे स्टैंड आदि लगा कर विभिन्न प्रकार के अबीर, चटकीले रंग, गुलाल, गुब्बारे, पिचकारी व होली के अन्य आकर्षक सामग्री जैसे रंग बिरंगी पिचकारियों से अपने स्टॉल को भर देते है।
राशन और होली की सामग्री की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। पहले के लोग होली के 1 दिन पहले ही घरों में गुझिया बनाना शुरू कर देते है और मीठे मीठे पकवान बनाते थे और सब कुछ अपने खुद के घर में बनाया जाता था लेकिन अब शहरीकरण की वजह से और लोगों की मानसिकता की वजह से सभी प्रकार के पकवान और मिठाइयां बाजार से ही खरीद ली जाती है।
पहले क्या हुआ करता था कि सभी लोग अबीर गुलाल रंगों से खेलते थे लेकिन अब शहरीकरण की वजह से लोग गुब्बारों व अन्य प्रकार के रंगों के साथ खेलने लगे है जो कि सामान्य व्यक्ति के लिए हानिकारक साबित होता है जिससे उनकी सेहत पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है।
पहले होली के त्यौहार की अलग ही धूम नजर आती थी लेकिन अब लोगों के पास समय ही नहीं रहता कि वह होली का त्योहार मना सकें और लोगों में प्यार बांट सके। परंपरागत विधि से आज इस त्योहार का स्वरूप बहुत अधिक बदल गया है। पहले के लोग होली के त्यौहार का बेसब्री के साथ इंतजार करते थे लेकिन अब होली कब आती है और कब जाती है किसी को नहीं पता होता।
समय के बदलते रुख को देखते हुए यह पता चलता है कि पहले होली का त्यौहार बहुत ही अच्छी तरीके से मनाया जाता था लेकिन अब लोग अपनी होली की मस्ती में अपनी मर्यादा को भूलते जा रहे हैं और आज के समय में त्योहार के नाम पर लोग अनैतिक कार्य कर रहे है। जैसे एक-दूसरे के कपड़े-फाड़ देना, जबरदस्ती किसी पर रंग डालना, बिना जान पहचान के ही किसी पर भी रंग डाल देना, होली के त्यौहार के दिन शराब आदि का सेवन करना आदि।
होली पर हुड़दंग
होली का त्योहार सभी के लिए समान तौर पर मनाया जाता है। अब चाहे कोई व्यक्ति होली मनाता हो या ना हो फिर भी उस पर रंग डाल दिया जाता है जैसे कि कोई भी व्यक्ति अपने घर से निकलना नहीं पता लेकिन फिर भी लोग उनके घरों में जाकर रंग डाल देते हैं और बुरा न मानो होली कह कर निकल जाते है। जैसे कि भिगोने वालों का तकिया कलाम बन चुका होता है “बुरा ना मानो होली है”।
कुछ लोग त्योहार का गलत फायदा उठा कर बहुत अधिक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं और सड़क पर चल रहे पुरुषों महिलाओं को परेशान करते है। यह बिल्कुल गलत है और हमारे इंसान के धर्म के विरुद्ध है। एक इंसान का धर्म होता है लोगों की रक्षा करना ना कि उसे परेशान करना।
होली का त्यौहार खुशियों का त्योहार है, खुशियों के साथ ही मनाया जाना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति के साथ मनाना चाहिए जो इसे होली का त्यौहार बिल्कुल पसंद नहीं या फिर वह होली का त्योहार मनाना ही नहीं चाहता।
होली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है। रंगों के साथ लोग अब अपनी मस्ती में डूबे नजर आते है, एक सामान्य व्यक्ति रंगों के साथ खेलता है, स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेता है और एक अनैतिक व्यक्ति अपने तरीके से होली का त्योहार मनाते है।
होली का त्यौहार एक सामाजिक त्योहार है। होली का उद्देश्य ही होता है कि सभी प्रकार के भेदभाव, मनमुटाव, दुश्मनी को भुलाकर एक दोस्ती का रिश्ता बनाया जाए। इसी को होली का त्यौहार कहां जाता है।
होली के त्यौहार की महत्वता बहुत है और होली का त्यौहार एकता और समानता का त्यौहार है। होली की खुशियों को एक दूसरे के साथ बांटना चाहिए और हो सके तो सभी गिले-शिकवे को भुलाकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करनी चाहिए।
होली का त्यौहार होता ही ऐसा है कि सभी मतभेदों को भुला देता है और मेरा यह होली पर निबंध अगर आपको अच्छा लगा हो तो शेयर करना ना भूले।
आप Holi Essay in Hindi को फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि पर शेयर कर सकते है।
हैप्पी होली, होली की ढेर सारी शुभकामनाएं। जय हिंद जय भारत….!
The rise of DeepSeek, a Chinese AI app, has sent ripples through the tech world,…
Yoshua Bengio, a leading figure in artificial intelligence often called the "godfather" of AI, has…
Microsoft CEO Satya Nadella has offered a surprising take on the "DeepSeek drama," declaring it…
In the fast-paced world of Artificial Intelligence (AI), Google and OpenAI have long been considered…
Artificial Intelligence (AI) is revolutionizing multiple industries across the globe. Companies that innovate and make…
आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में तेजी से विकास हो…