Categories: Vasant Panchami

बसंत पंचमी 2021 का महत्व, कथा, कहानी

बसंत पंचमी का महत्व क्या है?

बसंत पंचमी की कथा 2021 | Basant Panchami Story in Hindi 2021 | बसंत पंचमी की कहानी | बसंत पंचमी के बारे में

Basant Panchami 2021 Speech Essay in Hindi

बसंत पंचमी एक हिन्दू धर्म का त्यौहार है। बसंत पंचमी का त्यौहार भारत का त्यौहारों है। बसंत पंचमी के त्यौहार को पूर्वी भारत के हिस्से में मनाया जाता है। बसंत पंचमी का त्यौहार बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। भारतीय लोगों की मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी का त्यौहार भगवान विष्णु और सरस्वती माता की पूजा के लिए जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी का महत्व हिंदू धर्म में सबसे विशेष रूप से माना जाता है। प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। पूरे भारत में लोग बसंत पंचमी को श्री पंचमी और ऋषि पंचमी के नाम से भी जानते हैं।

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर हम आप आपको बसंत पंचमी की संपूर्ण कथा जो कि हमारे उत्तर प्रदेश बिहार में अत्यधिक सुनने को मिलती है उसके बारे में बताएंगे। बसंत पंचमी की कथा सुनने के बाद अगर आपको बसंत पंचमी की कहानी सच में अच्छी लगे और बसंत पंचमी का महत्व जानने के बाद यदि आपको आनंद प्राप्त हो तो कृपया करके बसंत पंचमी की कथा शेयर करना ना भूले।

Essay on Basant Panchami in Hindi STORY

प्राचीन काल के प्राचीन कहानियों के अनुसार बताया जाता है कि बसंत पंचमी पृथ्वी के आरंभ काल से ही जुड़ी हुई है। हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो भगवान विष्णु के कहने पर श्री ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी, तभी ब्रह्मा जी ने मनुष्य और समर्थक तत्वों जैसे हवा, पानी, पेड़-पौधे, जीव जंतु, मिट्टी आदि का सृजन किया था। लेकिन संपूर्ण रचना के बाद भी ब्रह्मा जी अपनी रचनाओं से संतुष्ट नहीं हो पाए थे। तदुपरांत ब्रह्मा जी ने अपने रचयिता संसार में कुछ कमी का आभास हो रहा था। ब्रह्मा जी जिन्होंने यह पृथ्वी बनाई तब उन्होंने सभी चीजों का सृजन करने के बाद यह सोचा कि इसमें अभी भी कुछ कमी है जैसे कि मैं आपको बताता हूं…

ब्रह्मा जी ने इस कमी को पूरा करने के लिए अपने कमंडल से जल की कुछ बूंदे पृथ्वी पर डाली। अग्नि और जल चढ़ाने के बाद ही वहां पर एक स्त्री के रूप में दिव्य शक्ति ने अपने दर्शन दिए, उनके हाथ में वीणा वादक यंत्र और एक हाथ में पुस्तक थी।

कहा जाता है कि उन देवी ने जैसे ही बिना बजाया वैसे ही लोगों को बोलने की आवाज मिली, पानी ज्योतिबा करता था तो उसमें कुल प्लाट की आवाज सुनाई देने लगी, सराठे पैदा हुई, पशु और पक्षी आपस में सब अपनी अपनी भाषाओं में बातें करने लगे, हर किसी का अपना अपना व्यक्तित्व, अपना प्रभाव, अपनी आवाज और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे सब हो गया तभी सृष्टि के रचयिता श्री ब्रह्मा जी ने उस देवी रूपी स्त्री का नाम मां सरस्वती रखा जिन्हें शारदा और भागीरथी नाम से भी जाना जाता है। वह देवी आज के युग में माँ सरस्वती नाम से जानी जाती है जो विद्या की दाता है और सरस्वती मां के अनुसार सभी लोगों को बोलने कि बोली मिली।

सरस्वती माता बुद्धि की देवी भी हैं। यदि कोई उनकी पूजा समय के अनुसार और मन से उनकी पूजा करता है तो कहा जाता है कि उसके पास ज्ञान और बुद्धि की कमी नहीं होती और उनकी वाणी पर हमेशा तैयार रहता है। मां सरस्वती के उपहार से प्रत्येक वर्ष माघ के महीने में शुक्ल पंचमी को मां सरस्वती की पूजा की जाती है और उसी दिवस को बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है जो कि मां सरस्वती का जन्म दिवस भी कहा जाता है।

बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी इसीलिए कहा जाता है क्योंकि ऋग्वेद में भी सरस्वती के बारे में वर्णन मिलता है। ऋग्वेद में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार साथी बुद्धि दाता, सुख की दाता, वैभव दाता भी कहा जाता है। श्री कृष्ण जी ने भी ऋषि पंचमी के दिन पर मथुरा से प्रसन्न होकर उन्हें यह वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन तुलसी मां की पूजा कलियुग में भी हुआ करेगी। ऐसे वरदान को प्राप्त करने के बाद से प्रत्येक मनुष्य की तरह काम करने के बाद मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

बसंत पंचमी के दिन पूजा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होते हैं। बसंत पंचमी के दिन यदि स्त्रियां पीले रंग के कपड़े पहने, मां की आराधना करें और बच्चे भी इनकी पूजा करते है तो उनके पास ज्ञान और बुद्धि की कमी नहीं होती है। बसंत पंचमी के दिन विद्यालयों में भी छोटे-छोटे फंक्शन किए जाते हैं जिसमें मां शारदा की पूजा की जाती है और सभी अध्यापक गणों को बच्चों द्वारा पीले रंग के फूल प्रदान किए जाते हैं। यह केवल मनुष्य की मान्यताओं के अनुसार होता है। ऐसा माना जाता है जिस तरह मां सरस्वती हम सभी को ज्ञान प्रदान करती हैं, ठीक उसी तरह प्रत्येक विद्यालय में शिक्षक और शिक्षिका हमें ज्ञान प्रदान करते हैं तो वह मां सरस्वती के रूप में माने जाते हैं।

हिंदू धर्म में मां सरस्वती की पूजा करना बहुत ही सौभाग्य की बात मानी जाती है। मां सरस्वती ब्रह्मा जी से जन्म तिथि और विष्णु जी अर्थात श्री कृष्ण जी के प्रधान द्वारा उनकी मान्यता संपूर्ण संसार में मानी जाती है।


बसंत पंचमी कब है 2021 में

मंगलवार, 16 फरवरी

बसंत पंचमी पर अनमोल वचन

जल्दी अपडेट किया जाएगा।

बसंत पंचमी का अर्थ

जल्दी अपडेट किया जाएगा।

बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा
या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

सरस्वती वंदना गीत

वर दे, वीणावादिनि वर दे !
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
        भारत में भर दे !

काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
        जगमग जग कर दे !

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
        नव पर, नव स्वर दे !

वर दे, वीणावादिनि वर दे।
 - सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

मां सरस्वती की आरती

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..

चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॐ जय..

बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ ॐ जय..

देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ ॐ जय..

विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ ॐ जय..

धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ ॐ जय..

मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ ॐ जय..

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..

Maa Saraswati Prayers- Saraswati Vandana

बसंत पंचमी पर अच्छी सी कविता 2021 के लिए
वो आना वसंत का

ले के ख़ुदा का नूर वो आना वसंत का 
गुलशन के हर कोने पे वो छाना वसंत का 
दो माह के इस वक्त में रंग जाए है कुदरत 
सबसे अधिक मौसम है सुहाना वसंत का।

मेला बसंत-पंचमी का गाँव-गाँव में 
और गोरियों का सजना-सजाना वसंत का 
वो रंग का हुड़दंग वो जलते हुए अलाव 
आता है याद फाग सुनाना वसंत का 
होली का जब त्यौहार आये मस्तियों भरा 
मिल जाए आशिकों को बहाना वसंत का 
कोई हसीन शय ख़लिश रहे न हमेशा अफ़सोस, 
आ के फिर चले जाना वसंत का।

बसंत पंचमी के अचूक उपाय

जल्दी अपडेट किया जाएगा।


उम्मीद करता हूं आपको मां सरस्वती के बारे में जानकारी जानकर अच्छा लगा होगा और बसंत पंचमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है उसके बारे में उसका इतिहास जानने के बाद आपको अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी।

तो दोस्तों बसंत पंचमी का त्यौहार, बसंत पंचमी के बारे में आपको जानने के बाद अच्छा लगा तो शेयर करना ना भूले।

धन्यवाद

Hindi Parichay Team

HindiParichay.com पर आपको प्रसिद्ध लोगों की जीवनी (जीवन परिचय), उनके द्वारा अथवा उनके ऊपर लिखी गई कविता एवं अनमोल विचार अथवा भारतीय त्योहारों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां पढ़ने को मिलेगी। कोई भी प्रश्न एवं सुझाव के लिए आप हमसे संपर्क करें।

Share
Published by
Hindi Parichay Team

Recent Posts

DeepSeek vs. ChatGPT: The AI Race Heats Up

The rise of DeepSeek, a Chinese AI app, has sent ripples through the tech world,…

3 weeks ago

AI Pioneer Bengio Warns DeepSeek’s Rise Could Intensify Safety Risks

Yoshua Bengio, a leading figure in artificial intelligence often called the "godfather" of AI, has…

3 weeks ago

Microsoft’s Nadella Praises DeepSeek’s Rise: “A Win for AI”

Microsoft CEO Satya Nadella has offered a surprising take on the "DeepSeek drama," declaring it…

3 weeks ago

DeepSeek’s Shocking Performance: Beating Google and OpenAI at Their Own Game?

In the fast-paced world of Artificial Intelligence (AI), Google and OpenAI have long been considered…

3 weeks ago

DeepSeek’s “Open-Source Gambit”: Is This the Key to AI Domination?

Artificial Intelligence (AI) is revolutionizing multiple industries across the globe. Companies that innovate and make…

3 weeks ago

DeepSeek vs ChatGPT vs Claude 3: सबसे पावरफुल AI टूल कौन सा है?

आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में तेजी से विकास हो…

3 weeks ago