धनतेरस

धनतेरस का महत्व, अर्थ, पूजन विधि और मंत्र

सबसे पहले तो धनतेरस की खुशी में धनतेरस की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ| आज मै आप सभी को धनतेरस क्यों मनाया जाता है, धनतेरस कब मनाया जाता है, धनतेरस का महत्व आदि के बारे में बताऊंगा.

धनतेरस के बारे में आप सभी ने सुना ही होगा और आप ने धनतेरस का त्योहार अपने घरों आदि में मनाते हुए भी देखा होगा.

धनतेरस भारत का त्योहार है| धनतेरस का त्योहार हिन्दू धर्म में मनाया जाता है| हिन्दू धर्म के लोग इस त्योहार को बखूबी निभाते हैं| धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास की श्री कृष्ण त्रयोदशी को कहा जाता है.

धनतेरस का महत्व भारत के सभी लोग अच्छी तरह जनते हैं और यदि कुछ लोग जो नहीं जानते हैं कृपया करके चिंतित न हो क्यूंकि आज के इस लेख में आपको धनतेरस की पूरी जानकारी मिलेगी.

धनतेरस का महत्व – धनतेरस का अर्थ क्या है ?

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन अर्थात दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है.

धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है| धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का द‌िन|

कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है| साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है.

धनतेरस का त्यौहार कब आता है – Essay on Dhanteras in Hindi

धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है| हिन्दू धर्म के हिसाब से धनतेरस वाले दिन घर के द्वार पर 13 दीपक जलाए जाते हैं.

धनतेरस का त्योहार छोटी दिवाली से पहले आता है| धनतेरस वाले दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है| धनतेरस के दिन भगवान यमराज और भगवान धनवंतरी की पूजा होती है.

दीपावली के जो पाँच पर्व होते हैं ये उन पर्वों में सबसे पहले आता है| धनतेरस को कार्तिक मास के त्योहारों में सर्वप्रथम मनाया जाता है.

धनतेरस क्यों मनाया जाता है – Why We Celebrate Dhanteras in Hindi

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि “पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया” इसीलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है| जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है.

शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे|

मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं| संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था.

भगवान धनवंतरी जी के प्रकट होने के शुभ अवसर पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है|

भगवान धनवंतरी को खुश करने के लिए इस मंत्र का करें जाप

देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…

धनतेरस की पूजा कैसे करें ? – Dhanteras Puja Vidhi in Hindi

अन्य सभी त्यौहारों की तरह धनतेरस का त्यौहार की भी पूजा की जाती है, धनतेरस के त्यौहार की पूजा बहुत जरूरी होती है.

  1. सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें|
  2. चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें|
  3. भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें|
  4. हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें|
धनतेरस की खरीदी कब करनी चाहिए और धनतेरस की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त

खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त धनतेरस वाले दिन शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है|

जानिए कब करें धनतेरस वाले दिन किस चीज की खरीदारी|

  • काल – सुबह 7.33 बजे तक दवा और खाद्यान्न |
  • शुभ – सुबह 9.13 बजे तक वाहन, मशीन, कपड़ा और घरेलू सामान |
  • चर – 14.12 बजे तक गाड़ी, गतिमान वस्तु और गैजेट |
  • लाभ – 15.51 बजे तक लाभ कमाने वाली मशीन, औजार, कंप्यूटर और शेयर |
  • अमृत – 17.31 बजे तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा और स्टेशनरी |
  • काल – 19.11 बजे तक घरेलू सामान, खाद्यान्न और दवा|
धनतेरस के दिन क्या क्या खरीदना चाहिए – धनतेरस का महत्व

#1. धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदना सबसे शुभ माना जाता है| इस दिन चांदी के बर्तन खरीदने की भी प्रथा है| लोगों का मानना है चांदी चन्द्रमा का प्रतिक है जो शीतलता प्रदान करता है| धनतेरस के दिन लोग सोने-चांदी के बर्तन और सिक्के आदि खरीदते है.

#2. धनतेरस के दिन घर में दक्षिणा वर्ती शंख लाना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस शंख से देवी लक्षणी अत्यंत प्रसन्न होती है और घर में प्रवेश करती है.

#3. कुछ लोगों की मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन रुद्राक्ष की माला खरीदना भी शुभ होता है|

#4. बहुत से लोग इस दिन गणेश लक्ष्मी जी की मूर्ति भी खरीदते है जिनकी पूजा दिवाली के दिन की जाती है|

#5. कुछ लोग इस धनतेरस के दिन विलासिता से भरपूर वस्तुएं खरीदते है तो कुछ जरुरत की वस्तुएं खरीद कर धनतेरस का पर्व मनाते है|

#6. पहले ऐसा नहीं था लेकिन वर्तमान में धनतेरस के दिन वाहन आदि खरीदना भी शुभ मानते है| इसके अतिरिक्त अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं जैसे मोबाईल, कंप्यूटर और बिजली के उपकरण भी धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है|

#7. कुछ लोग इस दिन सोने या चांदी के बिस्कुट भी खरीदते है| जो बहुत शुभ माना जाता है|

#8. स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाने से लक्ष्मी घर की और आकर्षित होती हैं। इसलिए धनतेरस के दिन स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाएं और दीपावली की सांय को इसे लक्ष्मी पूजन स्थल पर रखकर इसकी पूजा करें|

पूजा के बाद इस श्रीयंत्र को केसरिया कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें, इससे सदा वहां बरकत बनी रहेगी|

#9.  झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दीपावली के मौके पर नई झाड़ू को घर लाएं। इससे नकारात्मक शक्तियां घर से बाहर जाएंगी और साफ सुथरे घर में लक्ष्मी का आगमन होगा|

#10. अपनी इच्छानुसार लोग वॉशिंग मशीन, वाहन, घर के सामान आदि भी खरीदना पसंद करते हैं|

तो देखा अपने आप इन सभी वस्तुओं को खरीद सकते हैं|

धनतेरस वाले दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए ? (धनतेरस का महत्व हिंदी में)

वैसे तो धनतेरस का दिन वस्तुएँ खरीदने के लिए बहुत ही अच्छा दिन माना जाता है लेकिन कुछ ऐसी वस्तुएँ हैं जिन्हें आपको नहीं खरीदना चाहिए.

#1. शीशे से संबन्धित वस्तु न खरीदें और अगर खरीदना जरूरी हैं तो शीशा पारदर्शी या धुंधला नहीं होना चाहिए|

#2. काँच का कोई भी समान न खरीदें|

#3. इस दिन ऐसी कोई भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए जिसमे तेल का इस्तेमाल होता है। अगर सामान जरुरी है तो आप इन्हे दो तीन दिन पहले ही खरीदकर ले आएं।

#4. कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन खासकर काले रंग की वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। इन्हे शुभ नहीं माना जाता।

#5. एल्युमीनियम के बर्तन धनतेरस पर खरीदना शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि इस धातु पर राहू का आधिपत्य होता है। और लगभग सभी शुभ ग्रह इससे प्रभावित होते है। इसी कारण पूजा पाठ की दृष्टि से भी एल्युमीनियम की धातु का इस्तेमाल शुभ नहीं माना जाता है|

#6. इस दिन नुकीला सामान जैसे चाकू, कैंची, छुरी और लोहे के बर्तन आदि नहीं खरीदना चाहिए|


धनतेरस की शुभकामनाएं | Dhanteras 2020 Wishes in Hindi

धनतेरस 2020: प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में आने वाला त्यौहार है।

  • धनतेरस का त्यौहार छोटी दिवाली से एक दिन पहले ही आता है।
  • धनतेरस का त्यौहार दिवाली से 2 दिन पहली मनाया जाता है।
इस वर्ष 2020 में धनतेरस को कैसे मनाए | धनतेरस का त्यौहार कोरोना काल में कैसे मनाए?

कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। ये बात तो सभी जानते है लेकिन कोरोना काल में धनतेरस की पूजा और खरीददारी कैसे की जाए।

प्रिय पाठकों उम्मीद करता हूँ की आपको धनतेरस का ये लेख बहुत अच्छा लगा होगा और आपको धनतेरस का महत्व भी पता चल गया होगा|

तो बिना देरी किए अपने मित्रों आदि में शेयर कर सकते है| धनतेरस का महत्व आप फेसबुक, व्हाट्सएप्प आदि पर शेयर कर सकते हैं|

“धन्यवाद”

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