आज मैं आपको एक ऐसी घिनोनी घटना का दर्दनाक हादसा बताने जा रहा हूँ जिसे सुन कर आपका दिल दहल जाएगा और शायद इंसानियत पर से भरोसा भी उठ जाएगा।
प्रियंका रेड्डी रेप और हत्याकांड जैसे कारनामे इस देश में दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे है। दरिन्दे किसी भी हद तक जा सकते है। ये दरिन्दे वो हर काम कर देते है जिसके बारे में ये भोली भाली जनता कभी सोच भी नहीं सकती है।
कुछ ऐसी मनस्थिति के लोग जिनको शिक्षा या फिर मानवता का ज्ञान नहीं होता है उन्हें इंसानियत की परिभाषा नहीं आती। ऐसे लोग ही ऐसे कारनामों को अंजाम देते है और कुछ समय की ख़ुशी के लिए किसी भी निर्दोष कि जिंदगी बर्बाद कर उसकी हत्या कर देते है। मेरी नजर में ऐसे लोग राक्षस और परिजनों की सबसे उच्च कोटि में आते हैं।
निर्भया जी और प्रियंका रेड्डी जी को तो इन्साफ मिल गया लेकिन अभी ना जाने कितने केस ऐसे है जो आज भी पेंडिंग है। दोस्तों आज मुझे बड़ा ही अफसोस हो रहा है ये बात कहते हुए कि आज भी भारत कहीं ना कहीं कुछ ऐसे लोगों की वजह से बेइज्जती है और शर्मसार है।
भारत में अन्य किसी भी देश का व्यक्ति घूमने फिरने के लिए आने से पहले बहुत बार सोचता है। भारत एक ऐसा देश है जहां अन्य बहुत से देशों के लोग पर्यटन करने के लिए आते है लेकिन कुछ ऐसी घटनाओं के चलते लोगों ने भारत में आना भी कम कर दिया है।
पूरे भारत का समाचार अन्य सभी देशों में जाता है और भारत में जो कुछ भी होता है वो सबको पता चल जाता है जैसे कि रेप, चोरी, दंगे, हत्या, लूटपाट, आदि जैसी घटनाओं के चलते बहुत से विदेशी लोगों की हिम्मत नहीं होती कि वो कभी भारत में घूमने फिरने के लिए आए।
ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं आपको आज प्रियंका रेड्डी के साथ हुई बेहद शर्मनाक और दिल को सहमा देने वाली सबसे घटिया और दर्दनाक हादसे की बात बताने जा रहा हूँ।
प्रियंका रेड्डी हैदराबाद की निवासी है, जिनका जन्म 1992 (26 वर्षीय), प्रियंका रेड्डी की मौत 27 नवंबर 2019 को कर दी गयी थी।
प्रियंका रेड्डी जो पेशे से एक पशु चिकित्सा थी। उनके पिता का नाम श्रीधर रेड्डी है वे एक सरकारी कर्मचारी है, उनकी माता का नाम विजया रेड्डी है और उनकी एक बहन भव्य रेड्डी है।
प्रियंका रेड्डी को जानवरों से बहुत लगाव था जिसके चलते उन्होंने अपना करियर पशु चिकित्सा में देखा और वो एक पशु चिकित्सक बनी।
प्रियंका रेड्डी हैदराबाद के शादनगर कोल्हापुर गांव के पशु चिकित्सालय में एक पशु चिकित्सक के तौर पर काम करती थी।
प्रियंका रेड्डी न्यूज़ के बारे में सम्पूर्ण जानकारी निम्नलिखित है।
पूरा नाम | डॉ प्रियंका रेड्डी |
उपनाम | प्रियंका रेड्डी |
जन्म | 1992 |
पिता | श्रीधर रेड्डी (सरकारी कर्मचारी) |
माता | श्रीमती विजया रेड्डी |
बहन | भव्य रेड्डी |
भाई | ज्ञात नहीं |
पति | प्रियंका रेड्डी की शादी नहीं हुई थी |
जन्मस्थान | हैदराबाद, तेलंगाना, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू धर्म |
शिक्षा | पशु चिकित्सा |
प्रियंका रेड्डी की मृत्यु तिथि | 27 नवंबर 2019 |
प्रियंका रेड्डी की मृत्यु का कारण | हत्या |
प्रियंका रेड्डी की मृत्यु का कारण “हत्या” थी। उनको कुछ दरिंदों ने बड़ी ही बेरहमी के साथ जिंदा जला दिया था, उनका शरीर अधजला मिला जिसकी वजह से उनके गुनहगारों का पता चल पाया।
26 साल की Priyanka Reddy Veterinary Doctor (प्रियंका रेड्डी वेटरनरी डॉक्टर) थी जो कि अपने घर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित वेटनरी हॉस्पिटल में काम करती थी। वह हर दिन हैदराबाद-बेंगलुरु नेशनल हाईवे स्थित टोंडुपल्ली टोल प्लाजा पर अपना टू-व्हीलर पार्क करती थी और वहां से कैब लेकर अस्पताल तक जाती थी।
उस दिन जब बुधवार रात वो अपने टू-व्हीलर से जा रही थी तब उनका टायर पंक्चर हो गया जिसकी वजह से वह टोल प्लाजा पर रुकी और आगे जाने का साधन खोज रही थी।
डॉक्टर प्रियंका रेड्डी वेटनरी हॉस्पिटल से टोल प्लाजा पर लौटी और वहां से एक और क्लिनिक पर जाने के लिए रवाना हो गई।
रात 9 बज कर 22 मिनट पर डॉक्टर ने अपनी बहन भव्य रेड्डी को फोन पर बताया कि उसके टू-व्हीलर का एक टायर पंक्चर है। वहां गुजर रहे एक व्यक्ति ने उसे मदद की पेशकश की है। कुछ देर बाद प्रियंका ने अपनी बहन को दोबारा फोन कर बताया कि मदद की पेशकश करने वाला व्यक्ति कह रहा है कि आसपास की सभी दुकानें बंद हैं और पंक्चर ठीक करवाने के लिए गाड़ी को कहीं और ले जाना होगा।
बहन भव्या रेड्डी का कहना था कि जब प्रियंका रेड्डी ने जब फोन किया, तब वह कुछ डरी हुई लग रही थी। परिवार के लोगों ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि जब डॉक्टर ने अपनी बहन को फोन किया, तब वह डरी हुई थी।
बहन ने उसे कहा कि वह टू-व्हीलर वहीं छोड़े और कैब बुक कर घर लौटे। लेकिन प्रियंका रेड्डी ने कहा कि हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा के किनारे इंतजार करने में उसे अजीब महसूस हो रहा है। डॉक्टर ने बाद में अपनी बहन से यह भी कहा कि आसपास अजनबी लोग हैं, वे उसे घूर रहे हैं और उसे डर लग रहा है।
पास में ही एक लॉरी खड़ी है, जहां कुछ लोग मौजूद हैं। डॉक्टर ने अपनी बहन से कहा कि वह उससे फोन पर बात करती रहे। बाद में रात 9 बज कर 44 मिनट पर डॉक्टर का फोन स्विच ऑफ हो गया। कुछ समय का इन्तजार किया और पूरा परिवार टोल प्लाजा पर जा पहुंचा।
आसपास के क्षेत्र में खोजबीन की लेकिन प्रियंका का पता नही चला फिर परिवार ने पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
28 नवंबर 2019 की सुबह हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित जिस टोल प्लाजा पर प्रियंका रेड्डी को आखिरी बार देखा गया था, वहां से करीब 30 किमी दूर एक किसान ने गुरुवार सुबह उसका जला हुआ आधा शरीर देखा। उसने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के परिवार के लोगों को घटनास्थल पर बुलाया। अधजले स्कार्फ और गोल्ड पेंडेंट से डॉक्टर के शव
की पहचान हुई। पुलिस को आसपास से शराब की बोतल भी मिली।
जब किसी किसान के पुलिस को बताए जाने पर पुलिस ने जाँच के लिए कई विशेष टीम बुलाई और जाँच में उन्हें पता चला कि प्रियंका की हत्या टोल प्लाजा के करीब एक सुनसान जगह पर गयी है और उसके शव को बाइक सहित बाहरी इलाके में सडक पर फेंका गया था।
पुलिस ने टोल प्लाजा का सीसीटीवी फुटेज देखा तो उसमें केवल 9 बजे तक की ही रिकॉर्डिंग पाई गई और उसमें किसी भी प्रकार का अपहरण सामने नहीं आया।
विशेष टीम को झाड़ियों में से प्रियंका की चप्पल और आईडी कार्ड प्राप्त हुए और एक गाँव के पास झाड़ियों में से प्रियंका की स्कूटी मिली जिसकी नम्बर प्लेट निकाल कर फेंकी जा चुकी थी। सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में थे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या के पहले रेप की भी पुष्टि की गई थी।
शमशाबाद के डीजीपी प्रकाश रेड्डी के मुताबिक, “वेटनरी डॉक्टर को केरोसिन” डालकर जलाया गया। जांच के लिए पुलिस ने 10 टीमें बनाई थी। हैदराबाद के कमिश्नर वी सी सज्जानर ने बताया कि चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
प्रियंका रेड्डी हत्याकांड की इस दर्दनाक मौत के बात भारत में बहुत बड़ी भीड़ जाग उठी जिसने उन सभी अपराधियों को फांसी देने की गुजारिश की लेकिन उन सभी अपराधियों की सजा सुनाने में कुछ समय बाकी था।
प्रियंका रेड्डी केस: प्रियंका रेड्डी के गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाने से पहले ही जब पुलिस द्वारा उन दरिंदों से पूछताछ शुरू हुई तब पुलिस को वो हादसा समझने के लिए उसी घटना स्थल पर ले जाया गया और उनसे प्रियंका रेड्डी की मौत किस तरह की गई ये पूछा जाने लगा जिसमें उन्होंने बताने के बजाय भागने की कोशिश की।
दरिंदों ने वहाँ से भागने के साथ-साथ पुलिस पर हमला कर दिया और उनकी बंदूकें लेकर भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने किसी तरह उनको रोकना चाहा और उनको इन्कोउन्टर में मार दिया। पुलिस का कहना था कि यदि वो उन्हें नहीं मारते तो वो पुलिस वालों को ही मार देते।
लाखों लोगों की उम्मीद थी कि प्रियंका रेड्डी के मुजरिमों को फांसी दी जाए लेकिन भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, उन सभी चार दोषियों को उसी जगह मारा गया जहाँ डॉ प्रियंका रेड्डी को जलाया गया था। जाने अनजाने उन चार दोषियों को उनकी सजा मिल ही गयी।
अगर देश में ऐसे ही रेप और हत्या होती रही तो यकीन मानिए हमारा देश अपराधियों का सबसे बड़ा देश कहलाया जाएगा।
मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि जितना हो सके उतना अपराध से बचना है किसी भी प्रकार के गलत काम को शुरू ही नहीं करना है। अपने आस पास के लोगों में शिक्षा को बढ़ाना है क्योंकि शायद शिक्षा की कमी की वजह से ही लोगों में जानवरों जैसी हरकत आती है।
जय हिन्द, जय भारत
– प्रियंका रेड्डी की कहानी
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