रक्षाबंधन के अवसर पर आज मै आप सभी के साथ रक्षाबंधन पर निबंध का लेख प्रस्तुत करने जा रहा हूँ| लेख शुरू करने से पहले आपको HindiParichay.com की और से रक्षाबंधन की ढेर सारी बधाईयाँ|
रक्षा बंधन भारत के प्रमुख त्यौहार में से एक है| ये त्यौहार एक वचन को पूरा करने के लिए भी जाना जाता है.
कई लोगों को केवल यही पता होता है की रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के बिच प्रेम को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए मनाया जाता है| लेकिन मै आपको ये बता दूँ की ये बात बिलकुल सच है.
भाई बहन का रिश्ता दुनिया के सभी रिश्तों से अलग है| भाई अपनी बहन की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकता है अपने हिस्से की ख़ुशी भी ये दोनों एक दुसरे के साथ साझा कर लेते हैं.
रक्षा बंधन का निबंध भाई बहन के प्रेम को दर्शाता है| इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम के धागों से बनी एक छोटी से लड़ी को बांधती है| बहन की इस ख़ुशी में भाई अपनी बहन को कुछ भी तोहफे के रूप में देता है| एक भाई अपनी बहन की खुशियों के लिए कुछ भी कर सकता है.
रक्षा बंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में मनाया जाता है| रक्षाबंधन हिन्दू धर्म में मनाया जाता है इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम की छोटी सी लड़ी बांधती है और जिसके बदले में भाई अपनी इच्छानुसार अपनी बहन को तोहफे, नेक देते हैं.
रक्षा बंधन का त्यौहार अगस्त माह में आता है|
15 अगस्त के आस पास इस त्यौहार का आना होता है| इस दिन भाई अपनी बहन की रक्षा करने के लिए वादा करता है और बहन अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान से मन्नत मांगती है| रक्षा बंधन एक अलग ही महत्व रहता है|रक्षा बंधन का त्यौहार ढेर सारी खुशियों का त्यौहार है.
ऐसे तो भारत में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है| भारत के सभी त्योहारों में एक अनोखा त्यौहार है रक्षाबंधन का त्यौहार|
रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है|
प्रचीन काल में श्रावण मास में ऋषिगण साधूसंत आदि आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे|
श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी । यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षासूत्र बाँधने की प्रथा थी । जीस वजह से इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ.
इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षासूत्र बाँधते हैं। बाद में इसी रक्षासूत्र को राखी कहा जाने लगा । कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधते हुए ब्राह्मण निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं.
येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल: ।
तेन त्वां प्रति बच्चामि, रक्षे! मा चल, मा चल ।।
इस मन्त्र का अर्थ है “रक्षा के जिस साधन (राखी) से अतिबली राक्षसराज बली को बाँधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बाँधता हूँ । हे रक्षासूत्र! तू भी अपने कर्त्तव्यपथ से न डिगना अर्थात् इसकी सब प्रकार से रक्षा करना।
आज के समय में रंग बिरंगी राखियाँ आने लगी हैं लोगों को अपने तरीके से राखी का यह त्यौहार मनाना अच्छा लगता है बहने बहुत पहले से ही इस त्यौहार का इन्तजार करती है| भाई के तिलक लगा कर कलाई में राखी बांध कर उनको मिठाई खिलाती है.
रक्षा बंधन का त्यौहार बहनों और भाइयों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है| भाई और बहन का त्यौहार राखी का त्यौहार भी कहलाता है|
रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
रक्षा बंधन को लेकर प्राचीन काल की दो कहानियाँ बहुत प्रचलित है| प्रचीन काल में श्रावण मास में ऋषिगण साधूसंत आदि आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे।
श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी। यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षासूत्र बाँधने की प्रथा थी । जीस वजह से इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ।
इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं| बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा.
एक और कहानी है जब मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: रानी मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की।
हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुँच कर बहादुरशाह के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती व उसके राज्य की रक्षा की|
एक अन्य प्रसंगानुसार सिकन्दर की पत्नी ने अपने पति के हिन्दू शत्रु पुरूवास को राखी बाँधकर अपना मुँहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकन्दर को न मारने का वचन लिया।
पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बँधी राखी और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकन्दर को जीवन-दान दिया.
रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन का एक दुसरे के प्रति प्यार और स्नेह का प्रतीक है| रक्षा बंधन के दिन सवेरे सवेरे बहन स्नान कर नए वस्त्र पहन कर भाई का इन्तजार करती है भाई यदि किसी अन्य देश विदेश में है तो उनके लिए राखी भेजती है.
राखी को बांध कर तिलक लगा कर आरती उतारती है और मिठाई भी खिलाती है|
भाई अपनी बहन की रक्षा करनी की कसम खाता है| भाई बहन के रिश्ते में जरुरी नहीं की बहन भाई का खून एक हो धर्म एक ही होना चाहिए| जो जिसे चाहे उसे अपनी बहन या भाई बना सकते है.
पूरी दुनिया में अलग अलग देशों में अलग अलग प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं| ऐसे ही भारत वर्ष में अनेकों प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है| सोने की चिड़िया वाले देश की तो बात ही कुछ और है आज मुझे सच में बहुत गर्व होता है की मेरा जन्म ऐसे देश में हुआ है.
भारत के सभी त्योहारों में एक त्यौहार रक्षा बंधन भी है| रक्षा बंधन का त्यौहार बहनों और भाइयों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है| भाई और बहन का त्यौहार राखी का त्यौहार भी कहलाता है| रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बंधन को लेकर प्राचीन काल की दो कहानियाँ बहुत प्रचलित है.
प्रचीन काल में श्रावण मास में ऋषिगण साधूसंत आदि आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे । श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी ।
यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षा-सूत्र बाँधने की प्रथा थी । जिस वजह से इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ।
इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं। बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा।
एक और कहानी है|
जब मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: रानी ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की।
हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुँच कर बहादुरशाह के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती व उसके राज्य की रक्षा की|
एक अन्य प्रसंगानुसार सिकन्दर की पत्नी ने अपने पति के हिन्दू शत्रु पुरूवास को राखी बाँधकर अपना मुँहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकन्दर को न मारने का वचन लिया।
पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बँधी राखी और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकन्दर को जीवन-दान दिया।
रक्षा बंधन के त्यौहार पर भारत सरकार के डाक-तार विभाग द्वारा इस अवसर पर दस रुपए वाले आकर्षक लिफाफों की बिक्री की जाती हैं।
लिफाफे की कीमत 5 रुपए और 5 रुपए डाक का शुल्क। इसमें राखी के त्योहार पर बहनें, भाई को मात्र पाँच रुपये में एक साथ तीन-चार राखियाँ तक भेज सकती हैं।
डाक विभाग की ओर से बहनों को दिये इस तोहफे के तहत 50 ग्राम वजन तक राखी का लिफाफा मात्र पाँच रुपये में भेजा जा सकता है जबकि सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक ही राखी भेजी जा सकती है।
यह सुविधा रक्षाबन्धन तक ही उपलब्ध रहती है| रक्षा बंधन पर अनेकों प्रकार के अवसर उपलब्ध रहते है जैसे की बसों का किराया स्त्रियों के लिए मुफ्त, विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को स्त्रियों द्वारा ख़रीदे जाने पर विशेष छुट आदि इस दिन स्त्रिओं के चलते बाजार में काफी रौनक हो जाती है.
रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन का एक दुसरे के प्रति प्यार और स्नेह का प्रतीक है| रक्षा बंधन के दिन सवेरे सवेरे बहन स्नान कर नए वस्त्र पहन कर भाई का इन्तजार करती है भाई यदि किसी अन्य देश विदेश में है तो उनके लिए राखी भेजती है|
बहन राखी को बांध कर तिलक लगा कर,आरती उतारती है और मिठाई भी खिलाती है|
भाई अपनी बहन की रक्षा करनी की कसम खाता है| भाई बहन का रिश्ते में जरुरी नहीं की बहन भाई का खून एक हो धर्म एक ही होना चाहिए| जो जिसे चाहे उसे अपनी बहन या भाई बना सकते है|
दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको रक्षाबंधन पर निबंध पढ़ कर अच्छा लगा होगा| राखी का ये त्यौहार आज पुरे देश में मनाया जाता है राखी के त्यौहार का निबंध पढ़कर अच्छा लगा हो तो रक्षाबंधन के निबंध को शेयर करना न भूलें|
रक्षाबंधन पर निबंध को आप फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर इत्यादि पर शेयर कर सकते है आपके शेयर से लोगों को ये जरुर पता चलेगा की आज पुरे देश में रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है| धन्यवाद|
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I am very happy to see that such great information on rakshabandhan
badiya post hai.
apne acha likha sir
I am happy to see that information rakshabandhan
Hi hello nice 100 words others are too long very bad