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सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय – सम्मान व् पुरस्कार, परिवार, खेलने का तरीका और नियम सहित पूरी जानकारी हिंदी में

» सचिन तेंदुलकर के बारे में जानकारी «

नाम : श्री सचिन रमेश तेंदुलकर
जन्म : 24 अप्रैल 1973
भाई : श्री अजित तेंदुलकर (बड़े) श्री नितिन तेंदुलकर
बहन : श्रीमती सविताई तेंदुलकर
पत्नी : श्रीमती अंजलि तेंदुलकर
बच्चे : सारा ( बेटी) और अर्जुन.
मशहूर : लिटिल मास्टर, तैदेल्या, क्रिकेट के भगवान, मास्टर ब्लास्टर, द मास्टर, द-लिटिल चैंपियन
कद : 5 फिट 5 इंच (1.65 मी.)
काम काज : बल्लेबाजी, बोलिंग, कीपिंग
बल्लेबाजी वाला हाथ : दायां हाथ
गेंदबाजी बाला हाथ : दायां हाथ लेग स्पिन, अफ स्पिन, मध्यमगति
भूमिका : बल्लेबाज भारतीय क्रिकेटर
राष्ट्रीयता : भारतीय हिन्दू
टेस्ट में भाग : 15 नवम्बर 1989 पाकिस्तान के खिलाफ
आखिरी टेस्ट मैच : 14 नवम्बर 2013 वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ
एक दिवसीय : 18 मार्च 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ

सचिन तेंदुलकर पर निबंध – Sachin Tendulkar Biography in Hindi

सचिन तेंदुलकर को कौन नहीं जानता उन्हें क्रिकेट की दुनिया का भगवान माना जाता है और उनके देश विदेश में बहुत सारे फैन फोलोवेर्स और चहिते हैं.

वे भारतीय क्रिकेट टीम में थे और अब उन्होंने क्रिकेट की दुनिया छोड़ दी है ये दुःख की बात है| उन्हें क्रिकेटर्स अपना गुरु मानते है.

भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था उस रत्न के लिए सर्वप्रथम खिलाडी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति है.

सचिन को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित क्रिकेटर खिलाडी भी कहा जाता है| उन्हें सन् 2008 में पद्म विभुषण दिया.

सन् 1989 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद वह बल्लेबाजी में की! उन्होंने टेस्ट व् एक दिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक शतक बनाये है और टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाडी है| उन्होंने टेस्ट मैच में 14000 से भी ज्यादा रन बनाये थे.

सचिन ने प्रथम श्रेणी मैच क्रिकेट केवल 14 वर्ष की आयु में खेला| सन् 1989 सचिन ने अंतराष्ट्रीय खेल की शुरुआत में कराची से पाकिस्तान के खिलाफ खेला था.

सचिन के फेन फोलोवेरस दुनिया भर में और भारत से बाहर भी हैं उनके फेन फोलोवेर्स उन्हें क्रिकेट के खेल का भगवान भी मानते है.

सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रयोजित खिलाडी है उनके फेन फोलोवेर्स उन्हें कई नामों से बुलाते है जैसे लिटिल मास्टर और मास्टर ब्लास्टर.

सचिन क्रिकेट के आलावा एक रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं और जिसका नाम उनके नाम पर है.

सचिन पर एक बॉलीवुड फिल्म भी बनी है “सचिन :ए बिलियन ड्रीम्स” इस फिल्म का निर्माण रवि भगचन्द्का ने किया है और निर्देशन मशहूर जेम्स अर्सकिन ने किया.

सचिन तेंदुलकर बायोग्राफी – Sachin Tendulkar History in Hindi

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट और रेस्टोरेंट के अलावा राजनीति में भी शामिल है वेह राज्यसभा के सदस्य हैं| उन्होंने सन् 2012 में उन्हें राज्य सभा के सदस्य बने है.

सचिन तेंदुलकर का परिवार – Sachin Tendulkar Family Details in Hindi

सचिन एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे| सचिन के पिता जी ने बड़े ही प्यार से अपने मंपसद संगीतकार सचिन देव वर्मन के नाम पर अपने बेटे सचिन को यही नाम दिया.

उनके बड़े भाई अजित तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट के लिए प्रोत्साहित किया और साथ में भाई नितिन तेंदुलकर और सविता तेंदुल्कार भी है उनकी शादी सन् 1995 में अंजलि तेंदुलकर से हुई थी. सचिन के दो बच्चे हैं “सारा और अर्जुन”.

सचिन तेंदुलकर का बचपन – Sachin Tendulkar Information in Hindi

शारदाश्रम विद्यामंदिर से अपनी शिक्षा ग्रहण की और अपना क्रिकेट जीवन की शुरुआत रमाकांत अचरेकर के पास से की.

एम०आर०एफ० पेस फाउंडेशन में सचिन ने गेंदबाजी के अभ्यास की पूरी कोशिश की मगर वहाँ के कोच श्री डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने को कहा.

जब सचीन अपने कोच के साथ क्रिकेट का अभ्यास किया करते थे तो उनके कोच स्टंप पर एक रूपये का सिक्का रखते थे और कहते थे की जो गेंदबाज सचिन को हराएगा ये सिक्का उसका और यदि नहीं हरा पाया या फिर सचिन ज्यादा देर तक मैच में टिका रहेगा तो ये सिक्का सचिन का.

सचिन ने बताया की उन्होंने करीब 13 सिक्के जीते और जो की उनके सभी रुपयों में ज्यादा महत्व रखते हैं.

सन् 1988 में स्कूल के एक हौरिस शील्ड मैच के दौरान साथी बल्लेबाज विनोद काम्बली के साथ सचिन ने ऐतिहासिक 664 रनों की अविजित साझेदारी की| इस धमाकेदार जोड़ी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रोने ही लगा और सचिन के विरोधी टीम ने तो मैच को आगे खेलने से ही मना कर दिया.

इस मैच में 320 रन और प्रतियोगिता में हजार से भी ज्यादा रन बनाये| सचिन हर साल 200 बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी हेतु अपनालय नाम का निजी संगठन भी चलाते है.

31 मार्च 2001 में अंतराष्ट्रीय मैच भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के साथ इंदौर में खेला और सचिन ने 10000 रनों का एक उंचा पहाड़ खड़ा कर दिया| दुनिया के दिलों में अपना घर बना लिया.

सचिन के खेलने का तरीका और नियम – Sachin’s Rule of Playing Cricket in Hindi

सचिन तेंदुलकर अपने दांये हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और बायें हाथ से गेंद फैंकने का प्रयास करते हैं वे वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया जैसे खतरनाक खिलाडियों से खेलना ज्यादा पसंद करते है.

सचिन अपनी बल्लेबाजी के लिए ज्यादा जाने जाते हैं| ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रशिक्षक जॉन ब्युकैनन का मानना है की तेंदुलकर अपनी बारी की शुरुआत में केवल शार्ट गेंद ज्याडा पसंद करते है क्योंकि उनका कहना है की बायें हाथ की तेज गेंद तेंदुलकर की कमजोरी है.

अपने क्रिकेट के शुरूआती जीवन में सचिन अपने बैटिंग को लेकर ज्यादा चर्चित थे और सन् 2004 से वह कई बार क्रिकेट के मैदान में चोट खा चुके हैं जिसकी वजह से उनकी बल्लेबाजी की आक्रामकता थोड़ी सी कम हुई थी.

ऑस्ट्रेलया के पूर्वी खिलाडी ईयन चैपल कहते है की तेंदुलकर पहले जैसे खिलाडी नहीं रहे हैं| मगर सचिन ने सन् 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन खिलाडियों को क्रिकेट खेल कर जवाब दिया.

जो कहते थे की सचिन पहले जैसा नहीं खेलता की वे अभी भी पहले जैसा खेलते हैं| भारत की जित पक्की कराने में सचिन का महत्व पूर्ण योगदान है.

सचिन ने टेस्ट मैच से सन्यास क्यों लिया ? – Information About Sachin Tendulkar in Hindi

23 दिसम्बर को 2012 को सचिन ने वन-डे क्रिकेट से सन्यास लेन की घोषणा की, लेकिन उससे भी बड़ा दिन तब आया जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से भी सन्यास ले लिया.

इस मौके पर कहा “देश का प्रतिनिधित्व करना और पूरी दुनिया में खेलना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान था.

मुझे घरेलू जमीन पर 200 वां टेस्ट खेलने का इन्तजार है और जिसके बाद में संन्यास ले लूंगा| जिसके बाद उनका अंतिम टेस्ट मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुंबई के वान्खेडा स्टेडियम में ही खेला गया और 16 जनवरी 2013 को मुबई के अपने अंतिम टेस्ट मैच में उन्होंने 74 रनों की पारी खेली और मैच को जिताया और क्रिकेट को अलविदा कर दिया| इस फैसले से दुनिया में सन्नाटा सा छा गया था.

सचिन की जिंदगी की प्रमुख घटनाएं – Sachin Tendulkar Ka Jeevan Parichay
  1. 5 नवम्बर 2001 : अपना 435वां मैच खेला| सचिन ने तब तक 434 पारियों में 44.21 की औसत से 17000 रन बनाये थे जिसमें 75 शतक और 91 अर्धशतक शामिल थे। सचिन के बाद एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने बनाये थे| उनके नाम पर इस मैच से पहले तक 12,207 रन दर्ज़ थे। जयसूर्या 441 मैच खेल चुके थे। अब तक 400 से अधिक एकदिवसीय मैच केवल इन्हीं दो खिलाडि़यों ने खेले थे।
  2. सचिन ने अपने एक दिवसीय करियर में सबसे ज्यादा रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाये। उन्होंने विश्व चैम्पियन के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन लगाये जिसमें 9 शतक और 15 अर्धशतक शामिल थे। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2471 रन बनाये लेकिन इसके लिये उन्होंने 66 मैच खेले।
  3. इस स्टार बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ 66 मैच में 2381 रन बनाये। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1655, वेस्टइंडीज के खिलाफ 1571, न्यूजीलैंड के खिलाफ 1460, जिम्बाम्ब्वे के खिलाफ 1377 और इंग्लैंड के खिलाफ भी एक हजार से अधिक रन (1274) रन बनाये हैं।
  4. सचिन ने घरेलू सरजमीं पर 172 मैच में 46.12 फीसदी के औसत से 5766 और विदेशी सरजमीं पर 127 मैच में 35.48 की औसत से 4187 रन बनाये। लेकिन वह सबसे अधिक सफल तटस्थ स्थानों पर रहे हैं जहाँ उन्होंने 140 मैच में 6054 रन बनाये जिनमें उनका औसत 50.87 है। वह भारत के अलावा इंग्लैंड (1051), दक्षिण अफ्रीका (1414), श्रीलंका (1302) और संयुक्त अरब अमीरात (1778) की धरती पर भी एक दिवसीय मैचों में एक हजार रन बना चुके हैं।
  5. मोहम्मद अजहरुद्दीन (पूर्व कप्तान) ने सचिन को सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजनी शुरू की थी| ओपनर के तौर पर 12891 रन बनाये थे| जहां तक कप्तानो का सवाल है तो सचिन सबसे ज्यादा अजहर (क्रिकेट खिलाडी) की कप्तानी में ही रहे है| सचिन ने अजहर की कप्तानी में 160 मैचों में 6270 रन बनाये जबकि सौरभ गांगुली की कप्तानी में 101 मैच हुए और 4490 रन बनाए.
  6. वेह खुद की कप्तानी में ज्यादा सफल नहीं रहे थे और 73 मैच में 37.75 के औसत से बस 2454 रन ही बनाये.
  7. 24 फरवरी 2010 : सचिन ने अपने एक दिवसीय क्रिकेट के 442 वें मैच में 200 रन बनाये। एक दिवसीय क्रिकेट खेल के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने।
  8. सचिन 160 टेस्ट मैचों में भी अब तक 15000 रन बना चुके हैं। और इस तरह उनके नाम पर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 30000 से ज्यादा रन और 100 शतक दर्ज़ हैं। सचिन ने अपने एक दिवसीय कैरियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाये। उन्होंने विश्व चैंपियन टीम के खिलाफ 60 मैच में 3000 से ज्यादा रन ठोंके जिसमें 9 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं.
  9. सचिन ने 2003 के वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड 673 रन बनाए थे। सचिन के 2003 में वर्ल्ड कप में प्रदर्शन के बारे में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान सचिन ने नेट में एक भी गेंद नहीं खेली थी। समय के हिसाब से अपनी तैयारियों में बदलाव करते रहते हैं।
सचिन का व्यवहार क्रकेट मैदान में – सचिन तेंदुलकर जीवनी

सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट कभी अपने लिये खेलते ही नहीं थे। सचिन हमेशा ही अपने देश के लिये खेले.

उनके मन में क्रिकेट के प्रति अत्यधिक सम्मान का भाव था। वे क्रिकेट को ही सब कुछ समझते है क्योंकि उन्हें क्रिकेट ने ही बहुत किया दिया है.

उन्होंने गुस्से में आकर कभी किसी को कुछ नहीं कहा चाहे वो मैच में विरोधी खिलाडी हो या फिर अपना कोई राजनीति नेता.

किसी खिलाड़ी ने अगर उनके खिलाफ कभी कोई गलत भी की तो उन्होंने उस टिप्पणी का जवाब जुबान से देने के बजाय अपने बल्ले से ही दिया और मंच को बंद कर दिया.

सचिन जब क्रिकेट के मैदान में उतरते थे तो सबसे पहले सूर्य भगवान को नस्कार करते थे| क्रिकेट के प्रति उनका लगाव इतना था या फिर देश की इज्जत की इज्जत को देख कर विश्व कप के दौरान जब उनके पिताजी का निधन हुआ तो सचिन को सूचना मिली और वह अपने घर आये.

पिता की अन्त्येष्टि में शामिल हुए और वापस लौट गये| उसके बाद सचिन अगले मैच में खेलने उतरे और शतक लगाकर अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी.

अच्छा क्रिकेट खेलने के लिये ऊँचे कद होना जरुरी है लेकिन छोटे कद के बावजूद भी लम्बे-लम्बे छक्के मारना और बॉल को सही दिशा में भेजने की कला के कारण दर्शकों ने फेन फोलोवेर्स ने उन्हें लिटिल मास्टर का खिताब दिया जो बाद में सचिन के नाम का ही पर्यायवाची बन गया.

सचिन तेंदुलकर को प्राप्त सम्मान व् पुरस्कार – Sachin Tendulkar Awards in Hindi

  1. भारत रत्न: 16 नवम्बर 2016 को मुंबई में सचिन के क्रिकेट से संन्यास लेने के संकल्प के बाद ही भारत सरकार ने भी उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की आधिकारिक घोषणा कर दी।
  2. 4 फ़रवरी 2014 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया। 40 वर्ष की आयु में इस सम्मान को प्राप्त करने वाले वे सबसे कम उम्र के व्यक्ति और सर्वप्रथम खिलाड़ी हैं| इससे पहले यह सम्मान खेल के क्षेत्र में नहीं दिया जाता था। सचिन को यह सम्मान देने के लिए पहले नियमों में बदलाव किया गया।
  3. सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।
  4. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी भी हैं।

राष्ट्रिय सम्मान ⇓

  • सन् 1994 ⇒ अर्जुन पुरस्कार खेल में उनकी प्रभावी उपलब्धि के सम्मान में भारत सरकार द्वारा|
  • सन् 1997-98 ⇒ राजीव गाँधी रत्न खेल में उपलब्धि के लिए दिए गए भारत के सर्वोच्च सम्मान|
  • सन् 1999 ⇒ पद्म श्री भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार|
  • सन् 2001 ⇒ महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, महाराष्ट्र राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार|
  • सन् 2008 ⇒ पद्म पुरस्कार, भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार|
  • सन् 2014 ⇒ भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार|

अन्य सम्मान ⇓

  • सन् 1997 => इस साल के विज्डन क्रिकेटर|
  • सन् 2002 => बराबरी की तेंदुलकर की उपलब्धि के उपलक्ष्य में डॉन ब्रैडमैन टेस्ट क्रिकेट में “एस 29 शताब्दियों” मोटर वाहन कंपनी फेरारी में अपनी मंडूक करने के लिए उसे आमंत्रित सिल्वरस्टोन की पूर्व संध्या पर ब्रिटिश ग्रांड प्रिक्स एक प्राप्त करने के लिए, 23 जुलाई को फेरारी 360 मोडेना F1 दुनिया से चैंपियन माइकल शूमाकर|
  • सन् 2003 => 2003 क्रिकेट विश्व कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट|
  • सन् 2004, 2007, 2010 => आईसीसी विश्व एक दिवसीय एकादश|
  • सन् 2009, 2010, 2011 => आईसीसी विश्व टेस्ट एकादश|
  • सन् 2010 => खेल और कम से पीपुल्स च्वाइस अवार्ड में उत्कृष्ट उपलब्धि एशियाई पुरस्कार, लंदन में|
  • सन् 2010 => विज़डन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर|
  • सन् 2010 => वर्ष के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के लिए आईसीसी पुरस्कार, सर गारफील्ड सोबर्स ट्राफी|
  • सन् 2010 => एलजी पीपुल्स च्वाइस अवार्ड|
  • सन् 2010 => भारतीय वायु सेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि|
  • सन् 2011 => बीसीसीआई द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटर|
  • सन् 2011 => कैस्ट्रॉल वर्ष के इंडियन क्रिकेटर|
  • सन् 2012 => विज्डन इंडिया आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट पुरस्कार|
  • सन् 2012 => सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) की मानद आजीवन सदस्यता|
  • सन् 2012 => ऑस्ट्रेलिया के आदेश के मानद सदस्य, ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा दिए गए|
  • सन् 2013 => भारतीय पोस्टल सर्विस ने तेंदुलकर का एक डाक टिकट जारी किया और वह मदर टेरेसा के बाद दूसरे भारतीय बने जिनके लिये ऐसा डाक टिकट उनके अपने जीवनकाल में जारी किया गया|
Sachin Tendulkar Quotes in Hindi – सचिन तेंदुलकर के अनमोल विचार

1). क्रिकेट मेरा पहला प्यार है, हारना मुझे बिलकुल नागवार गुजरता है! एक बार मैदान में उतरने के बाद नजारा बदल जाता है, और जितने की भूख हमेशा लगी रहती है|

2). मैंने कभी भी खुद को किसी भी लक्ष्य के लिए मजबूर नहीं किया और न ही कभी अपनी तुलना किसी और से किया| – Best Quotes on Sachin Tendulkar in Hindi

3). हर खिलाडी जीत के लिए अपना पूरा योगदान देते है जिस कारण जीत हमेशा महान मिलती है|

4). मैं जब भी क्रिकेट खेल रहा होता हूँ तो मैं क्रिकेट के अलावा और कुछ नहीं सोचता|

5). मैं क्रिकेट को बड़ी आसानी से लेता हूँ, गेद पर नजर बनाये रखो और उसे अपनी पूरी योग्यता से खेलो|

6). मैदान के अन्दर और बाहर हर किसी का खुद को पेश करने की शैली और तरीका अलग-अलग होता है|

7). मैं जब भी क्रिकेट खेल रहा होता हूँ तो मैं क्रिकेट के अलावा और कुछ नहीं सोचता|

8). मैं कभी भी बहुत दूर की नहीं सोचता, मैं एक वक्त पर एक ही चीज के बारे में सोचता हूँ|

9). एक बार जब मैं फील्ड में पहुँच जाता हूँ तो वो मेरे लिए एक अलग क्षेत्र होता है और मेरी जीतने की भूख हमेशा वहा होती है|

10). किसी भी एक्टिव खिलाडी को अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर केन्द्रित करना होगा और अपने मन को सही दिशा में लगाना होगा क्योंकि अगर आपका फोकस कही और होगा तो आपको अच्छा रिजल्ट प्राप्त नहीं हो सकता|

11). मैं एक खिलाडी हूँ राजनेता नहीं, मैं क्रिकेट छोड़कर पॉलिटिक्स में नहीं जा रहा| क्रिकेट मेरी Life है और मैं हमेशा उसी के साथ रहूँगा।

12). किसी भी एक्टिव खिलाडी को अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर केन्द्रित करना होगा और अपने मन को सही दिशा में लगाना होगा क्योंकि अगर आपका फोकस कही और होगा तो आपको अच्छा रिजल्ट प्राप्त नहीं हो सकता।

13). पाकिस्तान को हराना हमेशा से स्पेशल रहा है क्योंकि पाकिस्तानी टीम एक मुश्किल टीम रही हैं और पाकिस्तान का इतिहास सब कुछ स्पष्ट बता देता है|

14). अगर कोई आदमी क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हो तो कोई बात बिगड़ने पर उस ब्यक्ति को दोषी ठहराया जाना चाहिए|

15). आलोचकों को मेरे शरीर और दिमाग के बारे में कुछ भी पता नहीं उन्होंने मुझे मेरा क्रिकेट खेलना नहीं सिखाया है|

16). मैंने हमेशा से भारत के लिए खेलने का सपना देखा था किन्तु यह मुझपर कभी दबाव नहीं डाल सका|

17). वर्ल्ड कप हमेशा अलग गेम है और यहाँ परफॉर्म करने का अपना अलग महत्व होता है|

18). मुझे लगता है की मेरे साथ मैच, वास्तविक मैच की तुलना में बहुत पहले शुरू हो जाता है|

19). मेरे हिसाब से यह हमारा चेतन मन होता है जो चीजों को खराब कर देता है, चेतन मन लगातार कहता है कि यह हो सकता है या यह हुआ है और पहले भी ऐसा हुआ है| आपका चेतन मन कहता है अगली गेंद एक आउट स्विंगर हो सकता है, लेकिन यह इन स्विंगर होता है|

20). हमेशा हमारी योजनानुसार चीजें नहीं होती लेकिन मुझे लगता है कि यदि हमने ज्यादातर पहलुओं को कवर कर दिया तो यह हमें कई मुसीबतों से बाहर निकालने में मदद करता है|

21). मैं तुलना में कभी विश्वास नहीं करता, चाहे वह विभिन्न युग के बारे में हो, खिलाड़ी या कोच के बारे में हो|

22). जब मैं क्रिकेट खेलता हूँ तो क्रिकेट के बारे में सोचता हूँ और जब मैं परिवार के साथ समय बिताता हूँ तो उस समय सिर्फ परिवार के बारे में सोचता हूँ।

23). जब कोई प्लेयर लम्बे समय बाद गेम में वापसी करता है तो उसे बड़ा रन स्कोर करने की खुजली होती है|

24). मैं अपने पिता को देख बड़ा हुआ हूँ और कैसे व्यवहार किया जाता है यह मैंने उनसे सीखा है| वे स्वभाव से बड़े शांत व्यक्ति थे और मैंने उन्हें कभी गुस्सा होते नहीं देखा|

25). सामाजिक कार्य के लिए किये जाने वाले प्रयास यदि अपने स्वार्थ के लिए हों, तो वे कार्य एक समय बाद मर जायेंगे|

26). “खुद अपने लिए टारगेट सेट कीजिए। किसी और की उम्मीदों के दबाव में मत आइए| सोच को पॉजिटिव रखें।”

27).  मैं यहाँ तक अकेले नहीं पंहुचा हूँ, मुझे लोगों के प्यार ने यहाँ तक पहुंचाया है|

28). अपने सपनों का पीछा बंद मत करो, क्यूंकि सपने सच होते है।

29). मैंने कभी कोई लक्ष्य नहीं बनाया, बस मन लगाकर क्रिकेट खेला है।

सचिन तेंदुलकर की जीवनी अब यही खत्म होती है| अगर आपको कोई अलग जानकारी देनी है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते है और सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय अपने मित्रों आदि में शेयर भी कर सकते है| आपका HindiParichay.com पर आना ही हमाँरे लिए गर्व की बात है आपका साथ ही हमें कार्य करने की ऊर्जा व् शक्ति देता है.

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