भारत के त्योहारों में बहुत से त्योहार शामिल है उसी तरह बाल दिवस एक खुशी का अवसर होता है। आज के इस लेख में मैं आपको बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस कब है 2023 में, बाल दिवस 2023 पर निबंध, बाल दिवस पर भाषण, इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे.
बाल दिवस को इंग्लिश में चिल्ड्रेन डे भी कहा जाता है और आज हम निम्न प्रकार के विषय पर चर्चा करेंगे जैसे की:-
बाल दिवस को बंगाली में सिसु दिवस भी कहा जाता है.
14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री का जन्म दिवस होता है|
प्रथम प्रधानमंत्री पं० जवाहर लाल नेहरू जी का जन्मदिन मनाने के लिए लाखों बच्चे अपने विद्यालय में इस अवसर पर भाग लेते है और पंडित जवाहर लाल नेहरू जी छोटे छोटे बच्चों के साथ अपना जन्म दिवस मनाते थे.
भारत में बाल दिवस सन् 1923 से मनाया जाने लगा था और जो की बाद में सन् 1953 में बाल दिवस को पूरी मान्यता प्राप्त हुई जिसके साथ यह दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
बाल दिवस कुछ देशों में आज भी 20 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है और कई देशों में सन् 1950 से 01 जून को ही बाल सुरक्षण दिवस बनाया जाने लगा|
बाल दिवस मनाने के बहुत से कारण है जिनमे से एक ये भी है की इस दिन बच्चों को लाकर बहुत गंभीरता से उनके भविष्य को लेकर निर्णय लिए जाते है.
बच्चों की अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सके इसलिए उनके बारे में अलग अलग नियम लागू किए जाते है जिसकी वजह से आज भारत देश में बाल मजदूरी पर रोक लगा दी गयी है|
कोई भी किसी 14 साल के बच्चे से काम नहीं करवा सकता है और यदि किसी ने ऐसा किया तो उसे कानूनी तौर पर सजा भुगतनी पड़ जाएगी.
भारतीय आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू जी पहले प्रधानमंत्री बने थे।
बच्चों से प्रेम लगाव को लेकर उन्होने बच्चों की शिक्षा प्रगति को लेकर बहुत काम किया है। जिसके चलते नेहरू जी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की.
नेहरू जी का बच्चों के प्रति लगाव व चिंता को लेकर उनके जन्मदिन को ही बाल दिवस घोषित कर दिया गया था| नेहरू जी अपना ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों को ही दिया करते थे.
भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
बाल दिवस का महत्व भारत में बहुत है। बाल दिवस की खासियत है की इस दिन विद्यालयों में सभी बच्चों के लिए विद्यालय द्वारा समारोह आयोजित होता है जिसका सबसे अलग ही प्रबंध होता है.
बाल दिवस 2023 में 14 नवंबर मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। बाल दिवस की तैयारी एक हफ्ते पहले ही की जाती है और बताया जा रहा है की इस बार बाल दिवस पर बाहर देश के लोग भी भारत आएंगे। बाल दिवस की बात की जाए तो बाल दिवस प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है।
पूरे भारत वर्ष में बाल दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह कोई पौराणिक कथाओं के अनुसार नहीं मनाया जाता है लेकिन इसके पीछे एक ऐसा मुख्य उद्देश्य है जिसकी वजह से लाखों बच्चों का जीवन बदल जाता है.
बाल दिवस के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म दिवस होता है। नेहरू जी का बच्चों से बहुत ही गहरा लगाव था उनको बच्चों से प्यार होने से आज पूरे देश में बाल दिवस का दिन बहुत ही खुशी के साथ मनाया जाता है.
प्रधानमंत्री जी ने बहुत से नियम और योजनाएँ लागू की थी। इसी वजह से प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.
बाल दिवस 2023 नई दिल्ली में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाने वाला है देखते है इस बार हमारे वर्तमान और सबके प्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी क्या करते है?
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी (Pandit Jawaharlal Nehru) के जन्मदिन को बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है.
जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का जन्म 14 नवंबर (November 14) को हुआ था. नेहरू जी का बच्चों से गहरा लगाव था जिसकी
वजह से बच्चे आज भी उन्हे चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं.
चाचा नेहरू हमेशा कहा करते थे कि “बच्चे देश का भविष्य है” इसलिए यह जरूरी है कि उनके भविष्य के बारे में सोचा जाए और उनके वर्तमान को अच्छे से बनाया जाए।
उनका मानना था की बच्चों को प्यार दिया जाना चाहिए और उनकी देखभाल की जाए जिससे वह अपने पैरों पर खड़े हो सके.
आज भी बाल दिवस (Bal Diwas) के दिन स्कूलों में कई समारोह में विभिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रमों, मेलों, नाट्य प्रतियोगिता में और ढेर सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है.
इस दिन विद्यालय में बच्चों के बीच फल, जूस, मिठाई चॉकलेट और टॉफियां बांटी जाती हैं. नाट्य प्रतियोगिता में जो भी बच्चा विजय प्राप्त करता है उसे उपहार दिया जाता है.
भारत में प्रत्येक वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.
जवाहरलाल नेहरू जी के बच्चों के प्रति प्यार और लगाव को देखते हुए ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरु जी के निधन होने के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए यह घोषणा की गयी की प्रत्येक वर्ष जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन के दिन बाल दिवस को खुशी के साथ मनाया जाएगा.
चाचा नेहरू जी के जन्मदिन को बहुत ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है और बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.
भारत में बाल दिवस सन् 1923 से बनाया जाने लगा था और सन् 1953 में बाल दिवस को पूरी मान्यता प्राप्त हुई जिसके साथ यह दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
बाल दिवस कुछ देशों में आज भी 20 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है और कई देशों में सन् 1950 से 01 जून को ही बाल सुरक्षा दिवस मनाया जाने लगा.
बाल दिवस मनाने के बहुत से कारण है जिनमे से एक यह भी है की इस दिन बच्चों को लाकर बहुत गंभीरता से उनके भविष्य को लेकर निर्णय
लिए जाते है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को कौन नहीं जानता है ?
भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी थे। अभी तो श्रीमान नरेंद्र मोदी जी हमारे देश के प्रधानमंत्री (2018) है। नरेंद्र मोदी जी के बारे में पूरा भारत जानता है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को चाचा नेहरू जी के नाम से भी जाना जाता है| चाचा नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था.
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी अब तो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें आज भी हमारे साथ है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने भारत की आजादी में महात्मा गांधी जी (मोहन दास करमचंद गांधी) व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ खूब योगदान दिया.
चाचा नेहरू जी ने भारत के लिए बहुत कुछ किया है और आज भी उनके परिवार के सदस्य भारत की सेवा में आज भी लगे हुए हैं.
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म दिन 14 नवम्बर को आता है जिसकी खुशी में पूरे भारत में अलग ही माहौल बनाया जाता है.
जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म इलाहाबाद में मोतीलाल नेहरू जी के यहाँ हुआ था। उनकी माता का नाम “स्वरूप रानी नेहरु” था| उनके माता पिता को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी पर बहुत गर्व था.
वो अपने घर में इकलौते बेटे थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई देश विदेश के नामी ग्रामी स्कूल से करी थी जिसकी वजह से उनको काफी ज्यादा जानकारी थी। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने जीवन पर भी एक किताब लिखी थी.
नेहरू जी का अपना परिवार भी है जिनको हम भारतीय लोग अच्छी तरह से जानते हैं| उनकी बेटी का नाम स्वर्गीय इंदिरा गांधी था| जो की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। उनकी हत्या कर दी गयी थी.
बाल दिवस का इतिहास सन् 1925 से मनाया जाता रहा है, लेकिन यूएन ने 20 नवंबर सन् 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा कर दी थी.
अलग अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है.
भारत में बाल दिवस सन् 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद से मनाया जाने लगा.
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है ?, बाल दिवस कब मनाया जाता है ? और बाल दिवस कैसे मनाया जाता है ? जानने के लिए लेख अंत तक पढ़े|
यह सब बातें हमें मालूम होनी चाहिए। एक भारतीय होने के नाते में आपको बता दूँ की भारत में इतने त्योहार होते हैं की किसी ओर देश में भारत के बराबर आधा भी त्योहार नहीं मनाया जाता है। देखा भारत देश हमारा कितना महान है.
बाल दिवस के दिन बच्चे बाल दिवस पर कविता, बाल दिवस पर निबंध लिखते हैं। बच्चे अपने चाचा जी को बहुत पसंद करते हैं ओर नेहरू जी का जन्म दिन अपने स्कूल में नाच गाने के साथ मनाया जाता है.
किसी ने सच ही कहा है की इंसान पैसे से ज्यादा नाम कमाएगा तो उसे दुनिया के लोग उसके जाने के बाद भी अपने दिलों दिमाग में बैठा लेंगे.
बाल दिवस बच्चों के लिए बहुत ही लोक प्रिय दिन है| बच्चे नए नए कपड़े पहन कर स्कूल में जाते हैं| कहीं कहीं तो जवाहर लाल जी का रोल भी अदा किया जाता है.
बच्चे अलग अलग कहानियों पर भाग लेते हैं उन्हे अपने ऐसी कला में भाग लेने में ओर ऐसे कृत्य देखने में आनंद आता है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का बच्चों के प्रति प्यार बहुत था जिसकी वजह से नेहरू जी ने बच्चों के लिए उनके कल्याण के लिए बहुत किया है.
आज मैंने आपको बाल दिवस क्यों मनाया जाता है और बाल दिवस कैसे मनाया जाता है ? इसकी पूरी जानकारी दी है। उम्मीद करता हूँ की अब आपके प्रश्नों का हल मिल ही गया होगा.
बाल दिवस का त्यौहार भी सबसे अनोखा है और इसे दुनिया भर में बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है.
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Nice