मकर संक्रांति पर 10 लाइन हिंदी में
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10 Lines on Makar Sankranti in Hindi 2021
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मकर संक्रांति का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिंदू धर्म में बहुत बड़ा दिवस माना जाता है। इस तरह को मनाने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इस दिन भगवान सूर्यदेव ने धनु राशि को छोड़ा था और मकर राशि में अपना प्रवेश किया था। यह त्योहार पूरे भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का त्यौहार वर्ष 2021 में जनवरी माह की 14 तारीख को मनाया जाता है। मकर संक्रांति के महत्व में यह कहा जाता है कि सूर्य देव की मकर राशि में प्रवेश करना बहुत ही लाभदायक होता है। मकर संक्रांति का त्यौहार जिसे अलग अलग राज्य में खिचड़ी, पोंगल लड्डू, तिल आदि त्योहार के नाम से भी जाना जाता है।
मकर संक्रांति का त्यौहार भारतीय लोगों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार के लोगों द्वारा मनाया जाता है जहां इस त्यौहार को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। खिचड़ी के त्यौहार के दिन लोग खिचड़ी को भगवान को चढ़ाने और बांटने के साथ-साथ खुद खाने में आनंद महसूस करते हैं। खिचड़ी के त्यौहार के दिन बहुत सी जगह पर पतंगों का खेल भी खेला जाता है। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बड़े नौजवानों तक मकर संक्रांति के दिन पतंगों का उड़ाना व पतंगों का आनंद लेना पसंद करते हैं। चलिए, मकर संक्रांति पर कुछ ऐसे पंक्तियों के बारे में बात करते हैं जिन्हें पढ़कर आपका मन मकर संक्रांति के त्यौहार के लिए आप को तैयार कर देगा।
मकर संक्रांति के बारे में निबंध
प्रति वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है और आप सभी को मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएं। मकर संक्रांति पर कुछ पंक्तियां बहुत छोटा सा मकर संक्रांति पर निबंध निम्नलिखित लिखा गया है। उम्मीद करते हैं आपको अच्छा लगेगा और यदि आपको अच्छा लगे तो कृपया करके शेयर जरूर करें।
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10 Lines on Makar Sankranti 2021 in Hindi
1. 👉 मकर संक्रांति का त्यौहार भारत के अलग-अलग राज्य में अपने-अपने रिवाजों के अनुसार मनाया जाता है। कहीं मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बांटना पसंद है और कहीं पतंगों का उड़ान, आवाज पकवान बनाने की भी प्रथा है।
- मकर संक्रांति: छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, और जम्मू
- ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल: तमिलनाडु
- उत्तरायण: गुजरात, उत्तराखण्ड
- माघी: हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
- भोगाली बिहु: असम
- शिशुर सेंक्रात: कश्मीर घाटी
- खिचड़ी: पश्चिमी बिहार
- पौष संक्रान्ति: पश्चिम बंगाल
- मकर संक्रमण: कर्नाटक
2. 👉 मकर संक्रांति के दिन प्राचीन मान्यता के अनुसार पवित्र नदियों में लोग स्नान करते हैं।
3. 👉 प्राचीन कथाओं के मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने जाते हैं लेकिन शनि मकर राशि के स्वामी हैं। वह ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य और शनि का तालमेल असंभव व हानिकारक है इसलिए सूर्य देव खुद ही शनि के पास जाते हैं इसलिए यह दिन पिता-पुत्र के संबंधों के बीच पारस्परिक निकटता दर्शाता है जो कि बहुत ही अच्छी बात मानी जाती है।
4. 👉 मकर संक्रांति के दिन विश्व प्रसिद्ध सर्वश्रेष्ठ कुंभ का मेला मनाया जाता है। प्रत्येक पवित्र नदी वाले स्थानों पर मेले का आयोजन किया जाता है और दूर-दूर से लोग मेले को देखने वह मेले का आनंद लेने के लिए आते हैं।
5. 👉 मकर संक्रांति के दिन सबसे अधिक चावल और खिचड़ी लोकप्रिय है। यह कई जगह खिचड़ी का पर्व के नाम से भी जाने जाते हैं। बहुत से लोग खिचड़ी को गुड़ देसी घी के साथ भी खाना पसंद करते हैं।
6. 👉 मकर संक्रांति बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन घर-घर में पतंगबाजी भी की जाती है। कई स्थानों पर पतंगबाजी की अदाएं भी होती हैं जैसे कि गुजरात।
7. 👉 मकर संक्रांति के दिन घरों में पिंकी मिटायेंगे जैसे की तिल के लड्डू। तिल से बने खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं और अपने रिश्तेदारों दोस्तों सगे संबंधियों के साथ बांटे जाते हैं।
8. 👉 मकर संक्रांति के दिन पिता को पत्र के आपसी प्रेम का दिन भी माना जाता है। इस दिन पुत्र को अपने पिता का धन्यवाद करना चाहिए कि आज वह जो भी कुछ अपने पिता की वजह से ही है और अपने पिता को तिलक लगाकर उनका घर में स्वागत करना चाहिए और इस दिन की शुरुआत करनी चाहिए, साथ में अपने पिता के पैर भी छूने चाहिए।
9. 👉 मकर संक्रांति का दिन इसलिए महत्वपूर्ण भी होता है कि महाभारत काल में सर्वश्रेष्ठ योद्धा भीष्म पितामह ने अपना देह त्याग किया था और देह त्याग करने के लिए मकर सक्रांति का ही दिन चुना था।
10. 👉 मकर संक्रांति के दिन बहुत से लोग बाहर घूमना भी पसंद करते हैं। इस दिन लोग अपने घरों से बाहर निकलकर मंदिर वादी में घूमना भी पसंद करते हैं।
11. 👉 मकर संक्रांति के दिन सुबह नहाकर खिचड़ी छूकर उस खिचड़ी को दान भी दिया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दान दक्षिणा करने से भगवान खुश होते हैं।
12. 👉 मकर संक्रांति की महत्वता संपूर्ण भारत में मानी जाती है।
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Short Essay on Makar Sankranti in Hindi 2021
भारतीय रीति-रिवाजों में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं। भारतीय लोगों में सबसे ज्यादा हिंदू धर्म में त्यौहार मनाया जाता है और मकर संक्रांति भी हिंदू धर्म में मनाया जाता है। मकर संक्रांति को मनाने वालों में उत्तर प्रदेश व बिहार के निवासी अत्यधिक भाग लेते हैं।
मकर संक्रांति का अर्थ यह है कि इस दिन सूर्य महाराज मकर राशि में प्रवेश करते है और क्योंकि मकर राशि शनिवार आज की प्रिया राशि है जिससे यह प्रतीत होता है कि सूर्य महाराज अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आए हैं। मकर संक्रांति पिता और पुत्र के प्रेम को भी दर्शाता है। मकर संक्रांति के दिन घरों में गुड, वर्क, तिल के लड्डू आदि बनाए और खिचड़ी भी बनाई जाती है। इस दिन तिल और शकरकंदी का अपना अलग स्वाद देखने को मिलता है।
मकर संक्रांति को अलग अलग राज्य में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति के दिन कई राज्य में पतंग उड़ाना लोकप्रिय माना जाता है और पतंग प्रतियोगिता में भाग लेना भी एक अपने ही कला है। पतंग प्रतियोगिता में जीतने वाले को उचित इनाम भी दिया जाता है।
मकर संक्रांति के दिन कहा जाता है कि यदि सुबह-सुबह कोई व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर भगवान की पूजा आराधना करता है तो भगवान उसे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद उसे दे देते हैं। मकर संक्रांति का त्यौहार बहुत ही अनोखा त्यौहार होता है और यह खुशियों का त्योहार है। इस दिन माहौल ही कुछ अलग होता है।
उम्मीद करता हूं आपको मकर संक्रांति का लेख बहुत ही अच्छा लगा होगा और आशा करता हूं कि आप यह मेरा लेख दुनिया भर में शेयर करेंगे। धन्यवाद
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