Advertisement
एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

जीवनी: ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी के बारे में पूरी जानकारी आपको यहाँ दी जाएगी। भारत कि शान के पीछे कुछ ऐसी महान हस्तियां है जिनका नाम लेते ही गर्व महसूस होता है और ऐसा लगता है कि भारत माता कि मिट्टी में शक्ति है और वो ताकत है जो पूरे संसार को ये दिखाती है कि हमारा भारत देश महान है।

आज बात करेंगे एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी कि जिसे मिसाइल मैन भी कहा जाता है। आज बेशक वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें और उनके द्वारा दी गयी सीख हमारे काम आती रहेंगी और एपीजे अब्दुल कलाम जी को हम भारतीयों का शत शत नमन।

एपीजे अब्दुल कलाम एक महान हस्ती है जिन्होंने इस भारत को बहुत कुछ दिया है। एपीजे अब्दुल कलाम के कुछ प्रश्न जिनका जवाब लोग खोजते रहते है लेकिन उन्हें ये जवाब नहीं मिलता है।

एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

पूरा नाम ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम मसऊदी
जन्म 15 अक्टूबर 1931
जन्मस्थान
रामेश्वरम, रमानाथपुरम जिला, ब्रिटिश राज (मौजूदा तमिलनाडु, भारत)
मृत्यु 27 जुलाई 2015
उम्र 83 वर्ष
शिक्षा
सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
पेशा प्रोफेसर, लेखक, वैज्ञानिक एयरोस्पेस इंजीनियर
धर्म इस्लाम
पिता जैनुलाब्दीन मराकायर
माता Ashiamma Jainulabiddin
पत्नी नहीं करी
पुरस्कार पद्म भूषण (1981)
पद्म विभूषण (1990)
भारत रत्न (1997)
हूवर मेडल (2009)
एनएसएस वॉन ब्रौन पुरस्कार (2013)
काम भारत के 11वें राष्ट्रपति
कार्यभार ग्रहण 25 जुलाई 2002
  1. भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे।
  2. ये वैज्ञानिक और इंजीनियर भी थे।

कलाम साहब ने चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (ISRO) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल थे।

बैलिस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रोद्योगिकी के विकास में कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था।

APJ Abdul Kalam Information in Hindi

  1. 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण किया।
  2. दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण में एक संगठनात्मक, तकनीकी राजनैतिक और निर्णायक जैसी भूमिका निभाई।
  3. भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ सन् 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए।
  4. उन्होने पांच साल तक सेवा की और उसके बाद वो शिक्षा, लेखन और सार्वजानिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में वापस लौट आये थे।
  5. कलाम साब ने भारत रत्न और भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्राप्त किये।

Dr. APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

History of APJ Abdul Kalam in Hindi

15 अक्टूबर 1931 को अब्दुल कलाम जी का जन्म हुआ था। ये एक मध्यमवर्ग के मुस्लिम परिवार से थे। इनका जन्म धनुषकोडी नामक गाँव जो तमिलनाडु के रामेश्वरम में हैं। वे पांच भाई और पांच बहन थे और वो घर में तीन परिवार के साथ रहा करते थे।

जैनुलाब्दीन मराकायर जोकि अब्दुल कलाम के पिता जी थे उनका काम मछुआरों को नाव किराये पर देना था। कलाम साब के पिता जी ज्यादा पड़े लिखे नहीं थे पर वो हमेशा ही अब्दुल कलाम को संस्कार और अपना अनुभव दिया करते थे।

उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि जीवन में सफलता तथा अनुकूल परिणाम करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियों को भली भांति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।

अब्दुल कलाम ने शुरुआती जीवन में एक अखबार बेचने वाले का किरदार भी निभाया। दरअसल बात ये थी की उन्हें अपनी पढ़ाई आगे भी चलानी थी। जब वे पांच वर्ष के थे तब उनको रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई शुरू की थी।

सन् 1950 में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MADRAS INSTITUTE OF TECHNOLOGY) से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि भी प्राप्त की और तो और भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश लिया और हावरक्राफ्ट नामक परियोजना पर भी कार्य किया।

Grammarly Writing Support

सन् 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आयें और कई सफलतापूर्वक उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई।

उन्होंने उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी (SLV) जो की भारत का खुद की परियोजना थी और कलाम साब ने निदेशक के रूप में कार्य को अंजाम दिया जिस कारण जुलाई (July) 1982 में रोहिणी उपग्रह नामक उपग्रह सफलता सहित अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।

एपीजे अब्दुल कलाम की खोज

“यह मेरा पहला चरण था, जिसमें मैने तीन महान शिक्षकों – विक्रम सारबाई, प्रोफेसर सतीश धवन और ब्रम प्रकाश से नेतृत्व सिखा। मेरे लिए यह सिखाने और ज्ञान के अधिग्रहण के समय था।” कलाम साब

सन् 1962 वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े। अब्दुल कलाम को परियोजना महानिदेशक के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस० एल० वी० तीसरी) प्रेक्षपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल किया।
सन् 1980 रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के पास स्थापित किया था और भारत भी अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष क्लब में शामिल हो गया। कलाम साब ने अपने देश का लक्ष्य भेदी (Guided Missile) को भी डिजाईन दिया और तो और उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसे प्रक्षेपित्र को अपने स्वदेशी तकनीक से बनाया था।
सन् 1982 भारत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में वापस निदेशक के रूप में आए और अपना सारा ध्यान लक्ष्य भेदी (Guided Missile) पर लगा दिया। अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल का काफी हद तक श्रेय उन्ही को जाता है।
सन् 1992 – 1999 जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक वे रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव भी रहे। उन्होंने रणनीतिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में किया। दूसरी बार परमाणु परीक्षण भी परमाणु उर्जा के साथ मिलाकर किया। इस तरह भारत ने परमाणु हथियार की क्षमता प्राप्त की।
सन् 1992 जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किये गए। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।

कलाम साब ने भारत के विकास स्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिये एक विशिष्ट सोच प्रदान की।

Biography of APJ Abdul Kalam in Hindi

कलाम साहब ग्यारहवें (11) राष्ट्रपति थे। 18 जुलाई 2002 को कलाम नब्बे प्रतिशत बहुमत से जीत कर भारत के राष्ट्रपति चुने गए और उन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रिय पद की शपथ दिलाई गयी।

वे भारतीय जनता पार्टी की एन० डी० ए० घटक दलों ने उम्मीदवार बनाया और जिसका सभी दलों ने समर्थन किया। वे अनुशासन पूर्ण थे और वो शाकाहारी भी थे। उन्होंने अपनी जीवनी विंग्स ऑफ़ फायर भारतीय युवाओं के मार्गदर्शक करने के लिए लिखी है। उनकी दूसरी पुस्तक “गाइडिंग सोल्स – डायलॉग्स ऑफ द पर्पज ऑफ़ लाइफ” आत्मिक विचारों को उदघाटित करते हैं।

उन्होने तमिल भाषाएँ में कविता भी लिखी हैं। यह भी ज्ञात हुआ है की दक्षिणी कोरिया में इनकी किताबों की काफी मांग है और वहां इन्हें बहुत अधिक पसंद किया जाता हैं। ऐसे तो कलाम साब राजनीतिक क्षेत्र के थे ही नहीं लेकिन उनकी सोच राष्ट्रवादी और राष्ट्रपति बनने की थी और भारत के कल्याण करने की थी। उन्हें कुछ हद तक राजनीतिक दृष्टि से संपन्न माना जा सकता है। उन्होंने अपनी किताब “द इण्डिया 2020” में अपनी बातों को स्पष्ट किया है।

उनके विचार भारत को अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया का सिरमौर राष्ट्र बनाना चाहते थे और इसके लिए इनके पास कार्य योजना भी थी। वे चाहते थे की भारत परमाणु हथियारों के मामले में ताकतवर बन जाए।

उनकी सोच हमेशा भारत को विज्ञान के क्षेत्र में आगे रखने की थी उनके मुताबिक “सॉफ्टवेयर” का क्षेत्र ऐसा हो जिससे हर व्यक्ति उसका लाभ ले सके।

उनका कहना था की “2000 वर्षों के इतिहास में भारत पर 600 वर्षों तक अन्य लोगों ने शासन किया है । यदि आप विकास चाहते हैं तो देश में शांति की स्थिती होना आवश्यक है और शान्ति की स्थापना शक्ति से होती है । इसी कारण प्रक्षेपास्त्रों को विकसित किया गया ताकि देश शक्ति संपन्न हो।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography in Hindi

कलाम साब पर 2011 में एक हिंदी फिल्म “आई एम कलाम” बनी थी जिस फिल्म में एक गरीब बच्चे पर कलाम साहब के सद्गुण के प्रभाव को स्पष्ट किया गया है। जिसमें वह बच्चा छोटू जो एक राजस्थानी लड़का है अपना नाम बदल कर कलाम रख लेता है।

सन् 2011 में, उन पर कुडनकुलम परमाणु संयंत्र पर नागरिक समूहों द्वारा आलोचना की गयी। उन पर स्थानीय लोगों के साथ बात नहीं करने का आरोप लगाया गया और उन्होंने उर्जा संयंत्र की स्थापना का समर्थन किया। उन्हें एक समर्थ परमाणु वैज्ञानिक होने के लिए जाना जाता है और जैसे की मशहूर लोगों के शत्रु भी होते हैं तो वैसे ही उनके संयंत्र की सुरक्षा सुविधाओं के बारे में इनके द्वारा उपलब्ध कराए गये आश्वासनों से नाखुश प्रदर्शनकारी इनके प्रति शत्रुता भाव रखते थे।

राष्ट्रीय पद के बाद भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो व एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।

2012 मई, भ्रष्टाचार को हराने के एक केन्द्रीय विषय के साथ भारत के युवाओं को जागरुक करने के लिए “मैं आन्दोलन को क्या दे सकता हूँ” का आरम्भ किया।

एपीजे अब्दुल कलाम का इतिहास और निधन की जानकारी

एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी: अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में एक “रहने योग्य ग्रह” में भाषण दे रहे थे ये समय 27 जुलाई 2017 का था। जब अब्दुल कलाम को दिल का दौरा पड़ा भाषाण देते तो बेथानी अस्पताल में उन्हें करीब 6:30 बजे लाया गया तदउपरांत ही उनकी मृत्यु हो गयी।

अस्पताल के सीईओ जॉन साइलो का कहना था की जब कलाम को अस्पताल लाया गया था तभी उनकी नसों और ब्लड प्रेशर ने जवाब दे दिया था की अब देर हो चुकी है। कलाम साब की हालत गंभीर सुनते ही मेघालय के राज्यपाल षणमुख नाथम उनसे मिलने के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचे। उस वर्ष कलाम 2015 अक्टूबर में 84 वर्ष के हो चुके थे।

षणमुख नाथम का कहना था की अस्पताल की कई कोशिशों के बाद भी वे उन्हें नहीं बचा पाए और करीब 7:45 बजे के बाद उनका निधन हो चूका था।

उन्होंने अपने निधन से पूर्व 9 घंटे पहले ट्वीट करके कहा था कि वे शिलांग (SHILANG) आई आई ऍम (IIM) में लेक्चर देने के लिए जा रहे हैं।

उनका कहना था “…. मैं यह बहुत गर्वान्वित पूर्वक तो नहीं कह सकता कि मेरा जीवन किसी के लिए आदर्श बन सकता है, लेकिन जिस तरह मेरे नियति ने आकार ग्रहण किया उससे किसी ऐसे गरीब बच्चे को सांत्वना अवश्य मिलेगी जो किसी छोटी से जगह पर सुविधाहीन सामाजिक दशाओं में रह रहा हो। शायद यह ऐसे बच्चों को उनके पिछड़ेपन और निराशा की भावनाओं से विमुक्त होने में अवश्य सहायता करे।”

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी का अंतिम संस्कार

30 जुलाई 2015 को अब्दुल कलाम को पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में दफना दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तमिलनाडु के राज्यपाल और कर्णाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों सहित 350000 से अधिक लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया।

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की पुस्तकें – APJ Abdul Kalam Books in Hindi

उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तके⇓

  1. द इण्डिया 2020
  2. ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम
  3. माई जर्नी
  4. Ignited Minds: Unleashing the power within india

इन किताबों का भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उन्हें 40 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी हैं।

GK Questions and Answers about Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था?

15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गांव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम अंसार परिवार में इनका जन्म हुआ।

ए पी जे अब्दुल कलाम जी के बारे में आप क्या जानते हैं?

एपीजे अब्दुल कलाम गरीबी से निकले हुए है और उन्होंने अपनी मेहनत के चलते एक वैज्ञानिक, प्रोफेसर, लेखक, एयरोस्पेस इंजीनियर के पद पर काम किया है।

अब्दुल कलाम के कितने पुत्र थे?

उनकी शादी नहीं  हुई है जिसके चलते कोई पुत्र या पुत्री नहीं है उनकी।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कहाँ हुआ था?

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम अंसार परिवार में इनका जन्म हुआ।

एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति कब बने?

सन् 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए।

डॉक्टर अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने?

सन् 2002 में एपीजे कलाम भारत के राष्ट्रपति बने।

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कैसे हुई?

एपीजे कलाम कि मृत्यु 27 जुलाई 2016 की शाम जब अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में “रहने योग्य ग्रह” पर एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और उसके तुरंत बाद ही वो बेहोश हो कर गिर पड़े।

करीब 6:30 बजे गंभीर हालत में इन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु साबित कर दी गयी।

अस्पताल के सीईओ जॉन साइलो ने बताया कि जब कलाम को अस्पताल लाया गया तब उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चुके थे। अपने निधन से लगभग 9 घण्टे पहले ही उन्होंने ट्वीट करके बताया था कि वह शिलांग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम अक्टूबर 2015 में 84 साल के होने वाले थे। मेघालय के राज्यपाल वी॰ षडमुखनाथन अब्दुल कलाम के हॉस्पिटल में प्रवेश की खबर सुनते ही सीधे अस्पताल में पहुँच गए। बाद में षडमुखनाथन ने बताया कि कलाम को बचाने की चिकित्सा दल की कोशिशों के बाद भी शाम 7:45 पर उनका निधन हो गया।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है?

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को बैलिस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रोद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में “मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है।

अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने?

सन् 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति बने।

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है?

अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी का यह लेख यही पर समाप्त होता है। अगर आपको इनके विषय में और अधिक जानकारी पता है तो आप कमेंट के माध्यम से हमारे साथ अपनी बातें शेयर कर सकते है।

अगर आपको लेख पसंद आया हो तो इसे फेसबुक, ट्विटर अथवा व्हाट्सएप्प पर शेयर अवश्य करें. “धन्यवाद”॥

Table of Contents

Similar Posts

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *