माता लक्ष्मी जी की आरती – ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
जय लक्ष्मी माता की, प्रिय पाठकों मै आज आपको माँ लक्ष्मी जी की आरती के फायदे बताने जा रहा हूँ|
जी हाँ, अगर आप दुखी है तो चिंता मत कीजिये आपकी परेशानियों का हल निकालने के लिये लक्ष्मी माता की आरती और भजन ही काफी है.
जीवन में लोगों की सबसे जरूरी चीज है धन, पैसा आदि| सभी सुख चैन आपको आपके पैसों से ही मिलता है| आपको ज्ञान की जितनी जरूरत होती है उतनी ही धन की जरूरत भी होती है.
बिना धन के जीवन की कल्पना करना भी असंभव है| आप लक्ष्मी जी की आरती से उन्हे प्रसन्न कर सकते हैं| लक्ष्मी माता की आरती सुबह शाम सुनने से मन में शांति रहती है और लक्ष्मी माता भी आपसे बहुत प्रसन्न रहती है.
अगर आपको सुखी और सम्पन्न होना है तो बस लक्ष्मी माता की पूजा में लग जाइए| यकीन मानिए कुछ दिनों में ही आपको बहुत सारा आनंद आयेगा.
लक्ष्मी माता ही हैं जो आपको गरीबी से निकाल सकती है|
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लक्ष्मी माता की आरती के लाखों फायदे हैं| लक्ष्मी माता जी की आरती को जो व्यक्ति सुबह शाम गाता है लोगों को सुनाता है| उसे कभी धन की कमी नहीं हो सकती है, दरिद्रता भी उसके पास नजर नहीं आती है.
लक्ष्मी माता और सरस्वती माता दोनों की अपनी अपनी शक्ति है बिना किसी एक के जीवन जीना व्यर्थ होता है.
इस संसार में जीवन जीने के लिए बहुत से लोग जी रहे हैं लेकिन सभी एक सा जीवन नहीं जी पाते ये सब उनके कर्मों का फल होता है|
एक चाय बेचने वाला भी एक बंगले का मालिक होता है और इतना ही ये भी सच है की एक डॉक्टर, वकील या व्यवसायी एक छोटे या किराए के घर में रह रहा हो|
सब कर्मों का फल होता है इसलिए जितना हो सके अपने काम में भगवान की पूजा को भी शामिल कीजिये.
लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स – Mata Lakshmi Ji Ki Aarti
#1.
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता || ॐ जय… ||
#2.
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#3.
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#4.
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#5.
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#6.
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#7.
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#8.
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… ||
#9.
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता || ॐ जय…||
लक्ष्मी जी की आरती के फायदे
हर शुक्रवार को सुबह और शाम लक्ष्मी जी की आरती करने से सुख, संपत्ति और ऐश्वर्य मिलता है| सभी तरह के पाप खत्म हो जाते हैं| लक्ष्मी जी की आरती तो कई लोग करते हैं, लेकिन बिना अर्थ जाने और अशुद्ध उच्चारण की वजह से उसका फल नहीं मिल पाता है.
लक्ष्मी जी की आरती 16 पंक्तियों की है| जिनमें माँ लक्ष्मी जी की उत्पत्ति से लेकर उनकी कृपा से मिलने वाले फल का वर्णन है.
इस आरती में लक्ष्मी जी की महिमा और उनके गुणों का गान किया गया है| आरती का अर्थ जानने के बाद देवी लक्ष्मी जी का महत्व और प्रभाव के बारे में अच्छे से पता चल जाता है.
इससे मन में भक्ति-भाव जागृत होते हैं| हम आपको लक्ष्मी जी की आरती और उसकी हर लाइन का अर्थ बता रहे हैं| जिससे लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे।
लक्ष्मी जी की आरती अर्थ सहित – Lakshmi Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi
लक्ष्मी जी की आरती अर्थ सहित, लक्ष्मी जी की सम्पूर्ण आरती अर्थ सहित है|
#1. ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निसदिन सेवत, हरी विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ ॐ जय लक्ष्मी मां, मैया आपकी जय हो, भगवान विष्णु हर दिन आपका ही ध्यान करते हैं| आपको प्रणाम है| श्री लक्ष्मीजी की आरती|
#2. उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता |
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ आप उमा, रमा और ब्रह्माणी (तिनों माताओं) के रुप में जगत का पालन-पोषण करती हो। सूर्य-चंद्रमा भी आपका ध्यान करते हैं और नारद ऋषि भी आपकी स्तुति गाते हैं| आपको प्रणाम है|
#3. दुर्गारुप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता |
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ आप मां दुर्गा का ही रुप हैं और सुख-संपत्ति देने वाली हैं| जो भी आपका ध्यान करता है और पूजा करता है उसे ऋद्धि, सिद्धि और धन सब कुछ मिल जाता है| आपको प्रणाम है|
#4. तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता |
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ पाताल में भी आपका निवास है, आपकी कृपा हर लोक में है| आप हर तरह का शुभ और मंगल करने वाली हो| आपकी प्रेरणा से ही अच्छे कर्म हो पाते हैं और उनके प्रभाव से भवनिधि की प्राप्ति भी हो जाती है| आपको प्रणाम है|
#5. जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ जिस घर में आपका निवास हो जाता है वहां हर तरह के मांगलिक कार्य होते हैं। सब कुछ शुभ हो जाता है। हर असंभव काम भी पूरा हो जाता है। मन में किसी भी तरह का डर और शंका नहीं रहती| आपको प्रणाम है|
#6. तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता |
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ आपके आव्हान और पूजा के बिना किसी भी तरह के यज्ञ और मांगलिक कार्य नहीं होते हैं| तुम्हारी कृपा के बिना कोई राजसिक सुख नहीं पाता यानी किसी को भी वस्त्र नहीं मिलते, अच्छा भोजन नहीं मिलता और तुम्हारी कृपा से हर तरह का वैभव और सुख मिल जाता है| आपको प्रणाम|
#7. शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरनिधि जाता |
रत्न चतुर्दश तुम बिन ,कोई नहीं पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ समुद्र मंथन से आपकी उत्पत्ति हुई है| आपका मंदिर यानी आपका लोक, जहां आप निवास करती हो वो भव्य और सुंदर है| आपकी कृपा से ही इस पृथ्वी पर रत्न और मणियां उपलब्ध है| आपकी कृपा के बिना ऐसा नहीं हो पाता| आपको प्रणाम है|
#8. महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता….
अर्थ ⇒ आपकी आरती जो भी कोई गाता है उसे हर तरह का आनंद और आध्यात्मिक सुख मिलता है और उस मनुष्य के हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं| आपको प्रणाम है|
तो प्रिय पाठकों आपको कैसी लगी श्री लक्ष्मी जी की आरती, आपको माँ लक्ष्मी की आरती के फायदे के साथ साथ लक्ष्मी जी की आरती अर्थ सहित तो पता चला|
लक्ष्मी जी की आरती पूजा से कभी भी आपके घर में गरीबी का वास नहीं हो सकता है|
अगर लक्ष्मी जी की आरती आपको सच में अच्छी लगी हो तो आप लक्ष्मी माता की आरती को व्हाट्सएप्प, फेसबुक, ट्विटर इत्यादि जगह शेयर करें.
“धन्यवाद”
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