शनि महाराज की आरती जो कि लाखों करोड़ों भक्तों की मांग पर हम अपनी वेबसाइट पर लिखने जा रहे है जो कि मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है। शनि चालीसा, शनि देव जी के 108 नाम, और Shani Aarti आपको यहाँ मिल जाएगी।
शनि देव की महिमा जिससे पूरा विश्व अवगत है। शनि देव कि शक्ति और शनि देव कि दयालुता सभी को पता है। शनि देव एक सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीश है उनका न्याय जो कि पूरी दूनिया को पता है और जिसे नहीं पता उन्हें समय के अनुसार पता चल ही जाता है।
शनिदेव की शक्ति और शनि देव की महिमा अपरंपार है। शनिदेव को दुनिया में बहुत से नामों से जाना जाता है।
भक्तों शनि देव की शक्ति और उनकी महिमा का गुणगान करना बहुत ही गर्व कि बात है। शनि देव की महिमा की कहानी भी आपको आपकी मांग पर मिल ही जाएगी।
शनिदेव आरती का संक्षेप में अर्थ भी दिया जायेगा। शनि देव की आरती का अर्थ समझने के लिए शनि देव की आरती अर्थात अमृतवाणी नीचे लिखा हुआ है।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव.... श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव.... क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि देव.... मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव.... देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
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शनि देव की आरती का अर्थ क्या है?
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
अर्थ: शनि देव जो कि सूर्य भगवान और छाया माता के पुत्र है। शनि देव कि जय हो शनिदेव हमेशा अपने भक्तों के भले के लिए ही सोचते है।
जय जय श्री शनि देव.... श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
अर्थ: शनि देव कि जय हो, श्याम श्री कृष्ण जैसे आपका शरीर भी चतुर्भुज है आपके पास भी चारों हाथ में अस्त्र और शस्त्र है। आपका रंग नीला है और आप कौए की सवारी करते है।
जय जय श्री शनि देव.... क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
अर्थ: आपके सिर पर भी एक मुकुट है जो कि बहुत ही सुन्दर लगता है और आपकी माला जो कि गले में सबसे ज्यादा सुन्दर लगती है।
जय जय श्री शनि देव.... मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
अर्थ: शनिदेव आपको लड्डू, मिठाई, पान और सुपारी चढ़ाई जाती है जो कि आपको बहुत पसन्द है साथ में लोहा, काला तिल, सरसों का तेल, उड़द की दाल के दाने, आपको अत्यंत प्यारी है।
जय जय श्री शनि देव.... देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
अर्थ: भगवान शनिदेव आपको भगवान, राक्षस, ऋषि मुनि, आदमी, औरत आदि पूजते है और आपका सुमिरन करते है। विश्वनाथ आपका ध्यान करते है और आपकी शरण में रहते है।
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
अर्थ: जय जय श्री शनिदेव भगवान आप अपने भक्तों का ध्यान रखते है और उनके हित के लिए हमेशा करते है।
भक्तों उम्मीद करता हूँ कि आपको शनि देव जी की आरती पढ़ कर आनंद आया होगा और शनि देव कि चालीसा पढ़ने के लिए आप हमारा ये लेख अपने मित्रों आदि में शेयर कर सकते है।
शनि देव जी कि महिमा का गुणगान करने से भगवान शनि देव का प्रचार होता है और लोगों को शनि देव कि महिमा का पता चलता है।
जय शनि देव: Shani Aarti
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