दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – भारत का सबसे बड़ा त्योहार का निबंध पढ़ने के लिए यहाँ देखें
HindiParichay.com की तरफ से आप सभी को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं, आज मैंने दीपावली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) आपके लिए लिखा है दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण त्यौहार है।
दीपावली का त्यौहार दीप की आवली को दर्शाता है| दीपावली का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है और जो कोई व्यक्ति भारत से बाहर भी होता है तो दीपावली का त्यौहार मानाना नहीं भूलता है.
दीपावली का त्यौहार अलग ही महत्व रखता है किसी किसी को शायद ही ना पता हो की दीपावली के दिन क्या हुआ था ? लेकिन फिर भी मैं आपके लिए दीपावली की पूरी जानकरी आपके सामने लेकर आया हूँ| उम्मीद करता हूँ की आपको दीपावली पर निबंध बहुत ही अच्छा लगेगा.
सभी त्यौहार किसी ना किसी वजह से मनाए जाते हैं उसी तरह दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है|
दीपावली के दिन छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग, घरों की औरतें आदि इस त्यौहार का इंतजार करते है तक इस त्यौहार को मनाते हैं| दीपावली के दिन श्री राम जी रावण का सर्वनाश कर, अपना चौदह वर्ष का वनवास खत्म कर अयोध्या वापस आए थे.
श्री राम जी को मर्याद पुरुषोत्तम माना जाता है उन्होंने रावण का वध किया था और ये भी कहा था की लंका ने रावण जैसा महान ज्ञानी ब्राह्मण खो दिया है.
राम जी के वापस घर आने की खुशी को अयोध्यावासियों ने अपने घरों में घी के दिये जलाए थे| इस दिन लक्ष्मी माता के आगमन का दिन भी कहा जाता है.
मैंने आपके लिए जो दिवाली निबंध लिखा है कृपया करके पढ़िए और अपने मित्रों परिवारों रिश्तेदारों दोस्तों आदि में शेयर जरूर करें.
छोटे बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध के लिए हमने दिवाली पर निबंध 100, 200 , 300, 400, 500, 600, 700,800 शब्दों के बीच लिखे गए है.
Diwali Essay in Hindi For Kids 100 Word (2023)
|| Deepawali Essay in Hindi ||
अन्य त्योहारों की तरह भारत में दीपावली का त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। दीपावली हिन्दू धर्म में मनाया जाता है.
दीपावली का त्यौहार भगवान श्रीराम के चौदह वर्ष वनवास काटने के बाद अपने घर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया गया था। अयोध्या वासियों के प्रेम में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे.
भगवान श्री राम के चौदह साल बाद अपने घर लौटने पर पूरी अयोध्या नगरी में घी के दीपक जला कर भगवान श्री राम का स्वागत किया गया था|
दीपावली के अवसर पर लोग नई नई वस्तुएँ खरीदते हैं जैसे की कपड़े, आभूषण, घरों का समान, वाहन गाड़ी इत्यादि |
दीपावली से कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की सफाई करते हैं घरों में पुताई आदि करवाते हैं.
इसी दिन लक्ष्मी गणेश जी की पूजा भी की जाती है और अपने भगवान से ये मन्नत मांगी जाती है की कृपया करके अपना आशीर्वाद हम पर बनाए रखे.
दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में 2023: Essay on Diwali in Hindi
|| Diwali Essay in Hindi For School Students ||
त्योहारों में दीपावली का त्यौहार सबसे ज्यादा आकर्षित त्यौहार है। दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही बड़ा त्यौहार है। ठंड की शुरुआत में ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है.
दीपावली का त्यौहार अक्टूबर या नवम्बर में होता है। दीपावली का त्यौहार भगवान श्री राम जी के चौदह वर्ष वनवास काटने के बाद अपने घर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है.
दीपावली के दिन अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाये थे और आज भी अयोध्या में दीपावली का त्यौहार घी के दिये जला कर सम्पूर्ण किया जाता है। अयोध्या में दीपावली सबसे ज्यादा मनाया जाता है.
दीपावली की खुशी में घी, सरसों का तेल आदि से घरों में दिये जलाते है और घरों की शोभा बढ़ाते हैं साथ में घरों को विभिन्न चीजों आदि से सजाते हैं.
सालों सालों के बाद लोग दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की आवली अर्थात दीपों की पंक्तियां और ढेर सारी दीपों की पंक्तियों को दीपावली कहा जाता है.
समय के बदलाव के अनुसार लोग अपने घरों में बिजली की रोशनी वाली लड़ियाँ लगाने लगे हैं लेकिन जो सजावट मिट्टी के दिये से होती है वो की अन्य से नहीं.
ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है.
Essay on Diwali in Hindi For Kids | Diwali Information in Hindi
|| Short Essay on Diwali For Kids in Hindi ||
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प्रस्तावना
भारतीय संस्कृति में दीपावली का त्यौहार बहुत ही ख़ुशी से मनाया जाता है। दीपावली हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.
दीपावली का त्यौहार कई सारे संस्कार परम्परा और संस्कृति मान्यता से जुड़ा हुआ है.
दीपावली का त्यौहार भारत में ही नहीं बाहर के देशों में भी दीपावली का त्यौहार खूब मनाया जाता है.
दीपावली से जुड़ी बहुत सी कहानियां है जिसमे भगवान श्री राम जी का राक्षस के देवता रावण का वध कर बुराई पर सच्चाई की जीत कराना है.
उस दिन अमावस्या की रात थी जिस वजह से लोगों ने दीपक जलाए थे और अंधेरे को दूर किया था.
धन की देवी लक्ष्मी जी और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा
दीपावली के दिन सभी लोग लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा करते हैं। देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए मिट्टी के दीपक में इच्छानुसार घी के या फिर सरसों के तेल के दीये जलाए जाते हैं.
दीपक चाहे घी के हो या तेल के श्रद्धा पूरी होनी चाहिए। दीपक जला कर सभी अँधेरों को दूर किया जाता है.
दीपावली के दिन घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी अपनी खेल कूद में लग जाते हैं उन्हें पटाखे फोड़ना, मिठाइयां खाना पसंद होता है।स्वादिष्ट व्यंजनों की कतार लग जाती है इस दिन|
मोमबत्ती और दीए की खुशबू चारों दिशाओं में फैली रहती है.
देखा जाए तो हिन्दू धर्म में त्योहारों की मात्रा आये सभी धर्मो से ज्यादा है और दीपावली का त्यौहार बिना किसी जाती भेद भाव के साथ मनाया जाता है.
दीपावली के दिन एक दूसरे को मिठाई देते हैं और दीपावली की बधाइयाँ देते हैं। सभी लोग अपनी योग्यतानुसार नए कपड़े खरीदते हैं.
दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है.
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निष्कर्ष
दीपावली के दिन लोग मिठाइयां बांटकर और अन्य सारे काम निपटा लेने के बाद लोग शाम को दीपक जलाते है.
धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिए घरों की साफ-सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। इसे पूरे भारतवर्ष में एकता के प्रतीक के रुप देखा जाता है.
भारत में यहाँ समय-समय पर विभिन्न जातियों समुदायों द्वारा अपने-अपने त्यौहार मनाये जाते हैं सभी त्योहारों में दीपावली सर्वाधिक प्रिय है.
Diwali Essay in Hindi For Class 5 | Paragraph on Diwali in Hindi 400 Words
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प्रस्तावना
त्योहारों में त्यौहार दीपावली का त्यौहार जो कि भारत के सभी त्योहारों में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है| दीपावली का त्यौहार कई सारे संस्कार परम्परा और संस्कृति मान्यता से जुड़ा हुआ है.
दीपावली का त्योहार भारत में ही नहीं बाहर के देशों में भी खूब मनाया जाता है. हिंदुस्तान के लोग बाहर के देशों में भी रह रहे हैं.
दीपावली से जुड़ी बहुत सी कहानियां है जिसमे भगवान श्री राम जी का राक्षस के देवता रावण का वध कर बुराई पर सच्चाई की जीत कराना है.
श्री राम जी जब अपने घर लौटे थे वो दिन अमावस्या की रात थी जिस वजह से लोगों ने दीपक जलाए थे और अंधेरे को दूर किया था.
धन की देवी लक्ष्मी जी और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा
भारतीय लोग जो हिन्दू धर्म से है वो लक्ष्मी माता और बुद्धि ज्ञान के देवता श्री गणेश जी की पूजा करते हैं.
दीपावली का त्योहार अधिकतर भारत में ही मनाया जाता है लेकिन बाहर अमेरिका, न्यूयॉर्क, स्विट्ज़रलैंड आदि में भी दीपावली का त्योहार लोगों द्वारा खूब मनाया जाने लगा है.
गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा के समय इस मंत्र का सबसे ज्यादा उच्चारण किया जाता है|
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |
लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं आती है गणेश जी की पूजा करने से गणेश जी को प्रसन्न करने से कभी बुद्धि ज्ञान की कमी नहीं होती है। गणेश जी की पूजा करने से नालायक भी लायक बन जाता है.
दीपावली पर मिट्टी से बने दिये जलाए जाते हैं। दीपक में घी हो या तेल अपनी इच्छा पर निर्भर करता है.
दीपों को जलाने का त्यौहार है इस दिन देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं|
दीपक चाहे घी का हो या तेल का श्रद्धा पूरी होनी चाहिए| दीपक जला कर सभी अंधेरों को दूर किया जाता है| दीपावली के दिन घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी अपनी खेल कूद में लग जाते है.
उन्हें पटाखे फोड़ना मिठाइयां खाना पसंद होता है। स्वादिष्ट व्यंजनों की कतार लग जाती है.
दीपावली के दिन मोमबत्ती और दीये की खुशबू चारों तरफ फैली रहती है। दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है।
हिन्दू धर्म में दीपावली का त्योहार अपने रिश्तेदारों, खास मित्रों के साथ बढ़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
दीपावली के दिन एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और दीपावली की बधाइयाँ देते हैं। लोग अपनी इच्छानुसार नए कपड़े खरीदते हैं.
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निष्कर्ष
गली मोहल्लों में, घरों दुकानों दफ्तरों आदि की सफाई कर लेने के बाद लोग शाम को दीपक जलाते है.
धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है…
ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिये घरों की साफ सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। दीपावली का त्योहार एक नयी शुरुआत का त्यौहार भी कहा जाता है.
दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में 2023: Importance Of Diwali Festival in Hindi
एक सौ तेतिस करोड़ की जनसंख्या वाले भारत में अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे होली, ईद, रक्षा बंधन, भैया दूज आदि|
भारत में सभी धर्म के लोग रहते है उसी वजह से यहाँ बहुत से त्यौहार मनाए जाते है| अनेकों त्यौहार में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध त्यौहार है दीपावली का त्यौहार|
दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म का त्यौहार है इसे सभी धर्म के लोग मनाते है प्रत्येक भारतीय द्वारा दीपावली को मनाया जाता है| दीपावली का त्यौहार देश विदेश में भी मनाया जाता है|
हिन्दुओं के लिये दीवाली एक सालाना समारोह है जो अक्टूबर और नवंबर के महीने में आता है। दीपावली को राजा रावण को मारने के बाद भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काट कर अयोध्या वापस लौटे थे|
दीपावली कार्तिक मास में मनाया जाता है| दीपावली के समय बाज़ारों की हालत बहुत ही सुधर जाती है, दुकाने सजी हुई होती है, व्यापारियों के लिये बहुत ही अच्छा सीजन होता है|
दीवाली के अवसर पर लोग अपने प्रियजनों को शुभकामना संदेश के साथ उपहार वितरित करते है जैसे मिठाई, मेवा, केक इत्यादि। अपने सुनहरे भविष्य और समृद्धि के लिए लोग लक्ष्मी देवी की पूजा करते है|
गंदगी साफ करने के लिए घरों दुकानों आदि में साफ सफाई की जाती है और बुराई और नकारात्मक शक्तियों को भगाने के लिये हर तरफ चिरागों की रोशनी की जाती है और देवी-देवताओं का स्वागत किया जाता है|
दीपावली पर्व आने के एक महीने पहले से ही लोग वस्तुओं की खरीदारी, घर की साफ-सफाई आदि में व्यस्त हो जाते है| दीयों की रोशनी से हर तरफ चमकदार और चकित कर देने वाली सुंदरता बिखरी रहती है|
छोटे छोटे बच्चे बंदूकें लेकर चोर पुलिस खेलते हुए नजर आते है| छोटे दीपावली छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक बड़ी ही खुशी के साथ मनाई जाती है|
दीपावली का त्यौहार स्कूल आदि में भी मनाया जाता है. अध्यापकों आदि में भी इस दिन की खास तैयारी रहती है.
स्कूल में कक्षाओं आदि में रंगोली बनवाकर, खेलना कूदना, मिठाइयाँ खाना, अपने से बड़ों के पैर छूना उन्हे दीपावली की बधाइयाँ देना आदि जैसे कार्य होते हैं| बड़ी खुशी के साथ इस पर्व को मनाया जाता है.
दीवाली के दो हफ्ते पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों में कई सारे क्रियाकलाप शुरु हो जाते है.
स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रीति रिवाज आदि भी बताते है.
दीपावली 5 दिनों का एक लंबा उत्सव है जिसको लोग पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते है। दीपावली के पहले दिन को धनतेरस, दूसरे को छोटी दीवाली, तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा तथा पाँचवें को भैया दूज कहते है|
दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताए है।
दीपावली के दिन प्रकाश का त्यौहार होता है जिसकी वजह से घर की सभी औरते कुछ दिनों पहले ही शाम को दिये जलाना शुरू कर देती है.
दीपावली के शुभ अवसर पर लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं।
लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है, घरों में रंग बिरंगी रंगोलियां बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है.
अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है. दीपावली का त्यौहार सभी धर्म के लोगों से प्रेम बड़ाने का त्यौहार है बिना किसी से भेदभाव के इस त्यौहार को मानना चाहिए|
Diwali Essay in Hindi – Diwali Speech in Hindi For School 600 Word
|| Diwali Essay in Hindi ||
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प्रस्तावना
हिंदुस्तान में अनेकों त्यौहार के बीच दीपावली का त्यौहार खूब धूम धाम से मनाया जाता है| अंधेरे को खत्म कर रोशनी फैलाने का त्यौहार दीपावली का त्यौहार कहलाता है|
अमावस्या के दिन चारों तरफ रोशनी करने का त्यौहार है| अमावस्या की रात अंधेरी रात होती है जिसको खत्म कर दीप जगमगा उठते हैं|
दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पर्व है जिसे प्रत्येक वर्ष देश-विदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है|
दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है| इस दिन भगवान श्री राम जी ने रावण का वध किया था| रावण एक राक्षस कुल का देवता था जिन्होंने सीता माता का अपहरण किया था|
भगवान श्री राम के चौदह वर्ष भी पूरे हो गए थे और उन्हे अपने राज्य वापस आना था| भगवान राम के स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह के साथ घी के दीपक जलाए थे अमावस्या की रात को रोशनी से भर देने की रात को ही दीपावली कहते है|
सिक्खों में कहा जाता है की सिक्खों के छ्टवें गुरु श्री हरगोविंद जी की रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है जब उनको ग्वालियर की जैल से जांहगीर द्वारा छोड़ा गया था|
दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है?
दीपावली का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है और दीपावली के त्यौहार में गली गली दीपक जला कर रोशनी करने की प्रथा होती है|
भगवान श्री राम जी चौदाह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाये थे और राम जी लक्ष्मण जी सीता जी का स्वागत किया था|
दीपावली पर बाजार में तेजी आ जाती है जिसकी वजह से दीपावली के दिन बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है|
इस दिन बाजारों में खास भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है|
दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए छोटे बच्चों में अलग ही खुशी होती है| दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ साथ अपने घरों में बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है|
स्कूलों में रंगोली बनवाकर, अपनी अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है| दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों छोटी दीपावली मनाई जाती है|
स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है.
दीपावली के त्यौहार से पहले धनतेरस आता है, दूसरे दिन को छोटी दीवाली, तीसरे दिन दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा तथा पाँचवें को भैया दूज कहते है|
दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ है। दीपावली अंधकार और सभी बुराइयों को खत्म कर देने का त्यौहार है|
दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है| यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है.
भारतीय लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है| लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं| लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है, घरों में रंग बिरंगी रंगोलियाँ बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है.
अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है|
दीपावली के दिन दीप जलाए तो जाते ही है लेकिन याद रखें की हो सके तो एक दीपक उनके घर में भी जलाए जिनके घरों में अंधेरा होता है|
हो सके तो ऐसा जरूर करना की आपकी वजह से किसी आम व्यक्ति को परेशानी न हो| हो सके तो आप पटाखों की जगह दिये जलाए| पटाखों की जगह अच्छे कपड़े खरीदना अच्छा भोजन खाना मिठाइयाँ खाना, आदि|
“धन्यवाद”
My Favourite Festival Diwali Essay in Hindi 700 Word
दिवाली पर निबंध हिंदी में
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प्रस्तावना
दीपावली का त्यौहार अंधेरे को खत्म कर रोशनी फैलाने का त्यौहार है अमावस्या के दिन चारों तरफ रोशनी करने के त्यौहार है|
अमावस्या की रात अंधेरी रात होती है जिसको खत्म कर दीप जगमगा उठते हैं| दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पर्व है| जिसे प्रत्येक वर्ष देश-विदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है|
दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है| इस दिन भगवान श्री राम जी ने रावण का वध किया था| रावण एक राक्षस कुल का देवता था जिन्होंने सीता माता का अपहरण किया था|
भगवान राम के चौदह वर्ष भी पूरे हो गए थे और उन्हे अपने राज्य वापस आना था| भगवान राम के स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह के साथ घी के दीपक जलाए थे अमावस्या की रात को रोशनी से भर देने की रात को ही दीपावली कहते है|
सिक्खों में कहा जाता है की सिक्खों के छ्टवें गुरु श्री हरगोविंद जी की रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है जब उनको ग्वालियर की जैल से जांहगीर द्वारा छोड़ा गया था|
दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है?
दीपावली का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है और दीपावली के त्यौहार में गली गली दीपक जला कर रोशनी करने की प्रथा होती है|
वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहते हैं भगवान राम चौदाह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाये थे और राम जी लक्ष्मण जी सीता जी का स्वागत किया था.
दीपावली के दिन बाजारों में गणेश जी लक्ष्मी जी राम जी आदि की तस्वीरे खरीदी जाती है और बाजार को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है.
इस दिन बाजारों में खास भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है|
दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ साथ अपने घरों में बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है.
दीपावली पर चारों तरफ दीप जलते हैं लोगों को अपने रिशतेदारों संबंधियों के साथ दीपावली का त्यौहार मनाते है| दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए छोटे बच्चों में अलग ही खुशी होती है| इसको मनाने के लिये बच्चे बेहद व्यग्र रहते है और इससे जुड़ी हर गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है|
स्कूलों आदि में अध्यापकों द्वारा बच्चों को कहानियाँ सुनाकर, रंगोली बनवाकर, अपनी अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है| दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों छोटी दीपावली मनाई जाती है|
स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है|
दीपावली 5 दिनों का एक लंबा उत्सव है जिसको लोग पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते है। दीपावली के पहले दिन को धनतेरस, दूसरे दिन को छोटी दीवाली, तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा तथा पाँचवें को भैया दूज कहते है.
दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ है|
दीपावली का त्यौहार लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते है लोगों को बहुत पसंद आता है| अंधकार को खत्म कर, बुराइयों को खत्म करने का ये त्यौहार है|
दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है| यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है।
हर प्रान्त या क्षेत्र में दीवाली मनाने के तरीके और कारण अलग है, सभी जगह यह त्यौहार पीढ़ियों से चला आ रहा है। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं| लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है|
घरों में रंग बिरंगी रंगोलियाँ बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है, अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है.
दीपावली के दिन दीप जलाए जाने चाहिए हो सके तो एक दीपक उनके घर में भी जलाए जाने चाहिए जिनके घरों में अंधेरा होता है| हो सके तो ऐसा जरूर करना की आपकी वजह से किसी आम व्यक्ति को परेशानी न हो| हो सके तो आप पटाखों की जगह दिये जलाए|
“धन्यवाद”
दीपावली पर निबंध 800 शब्दों में – Essay Diwali Essay in Hindi For Class 12
भारत अपनी संस्कृतियों रीति रिवाजों और प्राचीन ग्रंथों पुराणों वेदों आदि के लिए प्रसिद्ध है और इस देश में अनेकों जाती धर्म के लोग एक साथ प्रेम पूर्वक रहते है। ऐसे में प्राचीन काल से चले आ रहे दिवाली का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता आ रहा है। दीपावली का त्यौहार केवल भारत में ही नहीं विदेशों में भी मनाया जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते है।
हिन्दू धर्म के लिये दीपावली का त्यौहार सबसे महत्वपूर्ण, पारंपरिक और सांस्कृतिक त्यौहार है जिसको सभी लोग अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों के साथ पूरे उत्साह से मनाते है। दीपावली को दीपों का, रोशनी का, त्यौहार भी कहा जाता है।
दीपावली का त्यौहार कब आता है?
दीपवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में अक्टूबर या नवंबर के महीने में अमावस्या की रात को मनाया जाता है।
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
इसके पीछे की ऐतिहासिक घटना के बारे में जिसके बारे में हमें अपने बच्चों को जरूर बताना चाहिये।
दिवाली मनाने का बड़ा कारण भगवान श्री राम जी का अपने राज्य अयोध्या लौटना भी है, जब उन्होंने लंका के असुर राजा रावण को मारा था। इसके इतिहास को हर साल बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रुप में याद किया जाता है। राम जी अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने श्री राम का घी के दीये जलाकर धूम धाम से स्वागत किया था। अयोध्यावासियों की प्यार की सीमा अपार थी जिसके कारण उन्होंने भगवान श्री राम के लिए घी के दिये जलाए थे।
अयोध्यावासियों ने अपने घर और पूरे राज्य को रोशनी से जगमग कर दिया था और तभी से श्री राम जी के लिए राजा राम के स्वागत के लिए आतिशबाजी की भी शुरुआत हुई। तभी से प्रत्येक वर्ष दीपावली के दिन आतिशबाजी की जाती है।
दिवाली का अर्थ
दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है “दीप” अर्थात “दीपक” और “आवली” अर्थात “लाइन” या “श्रृंखला” जिसका मतलब हुआ “दीपकों की श्रृंखला” इसे दीपोत्सव भी कहते है।
लेकिन आधुनिकता की दौड़ में दीपावली के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दीपक और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियाँ खरीदना है क्योंकि इस दिन उनकी पूजा करना बहुत ही शुभ होता है। भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दीपावली सर्वाधिक लोकप्रिय और जन-जन के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने वाला पर्व है।
वैदिक प्रार्थना है- “तमसो मा ज्योतिर्गमय:” अर्थात अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला पर्व है- ‘दीपावली’।
- दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। देश के कुछ हिस्सों में हिन्दू दिवाली को यम और नचिकेता की कथा के साथ भी जोड़ते हैं।
- 7वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागनंद में राजा हर्ष ने इसे दीपप्रतिपादुत्सव: कहा है जिसमें दिये जलाये जाते थे और नव दुल्हन और दूल्हे को तोहफे दिए जाते थे।
- फारसी यात्री और इतिहासकार अल बरूनी ने 11 वीं सदी के संस्मरण में, दिवाली को कार्तिक महीने में नये चंद्रमा के दिन पर हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार कहा है।
- दिवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। उस दिन अमावस्या थी इसलिए उनके राज्यवालों ने पूरे राज्य को दीपक से जलाया था।
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।
- दीपावली का जैन धर्म में अलग ही महत्व है उनकी नजर में दीपावली का त्यौहार त्याग और संयम का त्यौहार है। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को 24वें तीर्थकार भगवान महावीर ने निर्वाण पद (मोक्ष, सिद्धावस्था) को प्राप्त किया था।
- जैन समाज भगवान की निर्वाण पद प्राप्ति की खुशी में बहुत समय से दीपावली का त्यौहार मानते है। निर्वाण का पद ग्रहण करना बहुत ही महत्व रखता है क्योंकि हर कोई इस पद को नहीं ग्रहण कर सकता। निर्वाण पद की प्राप्ति आसक्ति से नहीं विरक्ति से मिलती है, भोग से नहीं त्याग से मिलती है, वासना से नहीं साधना से मिलती है, बाहरी लिप्तता से नहीं अहिंसा से मिलती है, संयम और कठोर ताप से मिलता है।
दीपावली के पहले लोग दुकानों व घरों दफ्तरों आदि की साफ-सफाई करते है, रंग रोगन कराते है। लोग माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते है। दीपावली के दिन सभी लोग शाम को पूजा आरती करते है और विधिपूर्वक लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा की जाती है। लक्ष्मी माँ की पुजा करने से दरिद्रता दूर होती है और गणेश जी की पूजा करने से धैर्य व बुद्धि का जन्म होता है।
घर, दफ्तर, कार्यालय आदि में में सरसों के तेल के दीये जलाए जाते है, सुंदर रंगोलियाँ बनाई जाती है और पूजा करने के बाद खिल बतासों का प्रसाद बांटा जाता है लोग मिठाइयाँ अपने रिशतेदारों मित्रों आदि में बांटते है और फिर रात्रि में फूल झड़ी पटाखे भी जलाए जाते है कहा जाता है इस दिन कोई भी काम किया जाता है तो वो प्रत्येक वर्ष वो काम चलता रेहता है माना जाता है की इस दिन यदि पढ़ाई की जाए तो माँ सरस्वती भी प्रसन्न होती है दिवाली के दिन काफी लोगों का मानना है की इस दिन आपका पैसा दोगुना होसकता है यदि आप इस दिन पैसो का निवेश करेंगे पावली को बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा की विजय से जोड़कर देखते हैं। इसलिए इस दिन केवल घरों को ही दियों से रौशन ना करें बल्कि अपने अंदर के अंधकार को भी मिटाने का कष्ट करे।
दीपावली के दिन मिट्टी के दीपक गढ़ने वाले कुम्हार अपने घरों को रोशन करने से वंचित हैं और अपनी पुस्तैनी कला एवं व्यवसाय से जैसे विमुख हो रहे हैं| कुम्हार की कला के आगे दुनिया की सारी मशीन असफल है।
कुम्हारों के लिए दीपावली मात्र एक पर्व न होकर जीवन यापन का बड़ा जरिया है। इसलिए हमें मिट्टी से बने मटके दिये बर्तन आदि इस्तेमाल करने चाहिए जिनसे कोई प्रदूषण भी नहीं होता है ओर हमारी सेहत को भी कोई असर नहीं पड़ता है.
उम्मीद करता हूँ की आपको दीपावली से संबन्धित सभी जानकारी मिल ही गयी होगी. यदि कोई जानकारी रह गयी हो ओर आपको पता है तो कृपया करके कमेंट के माध्यम से हमे बताएं|
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“धन्यवाद”
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