दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दिवाली 2023: दीपावली 2023 में 12 नवंबर, रविवार के दिन मनाया जाएगा। 2023 देखा जाए तो बेहद ही खुशनुमा साल रहा है। इस साल हमारे देश मे G20 मनाया गया और हमारा देश चंद्रयान 3 में सफल रहा। हमारे भारत देश ने वो कर दिखाया जो बाकी के देश नहीं कर पाये है।
भारत में पिछले सालों के मुकाबले ये साल काफी अच्छा रहा है। इस साल दिवाली भी खूब खुशियों के साथ मनाई जाएगी क्योंकि पूरे भारत ने पिछले 2-3 सालों में कोरोना काल और मंदी का दौर देखा है लेकिन अब की बार दिवाली पर मां लक्ष्मी की असीम कृपा बरसेगी और हम सभी की परेशानियों का अंत होगा। तो चलिए आगे की तरफ हम बात करते है।
दिवाली 2023 में 12 नवंबर 2023 को रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस बार भी पिछले साल की तरह पटाखों आदि पर रोक लगाई गई है जिससे प्रदूषण होना लगभग मुश्किल है। प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए स्वच्छता अभियान की नींव रखी गयी थी। स्वच्छता अभियान आज भी हम सब उसी खुशी से मनाएंगे जैसे पहले मनाया था।
दिवाली खुशियों का त्योहार है इसलिए इस दिन चारों तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ होती है। इसका कारण ये है कि पिछली दिवाली पर ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हम भारतीय लोगों की सेहत और भारत की स्वस्था को देखते हुए बम पटाखे फोड़ने के लिए रोक लगा दी थी। पिछली बार बम पटाखे पर लगी रोक के कारण भारत में स्वच्छता अभियान बरकरार रहा। इसकी वजह से भारत में भी इस बार बम पटाखे की आवाज कम सुनाई देगी। बात सारी मानव कल्याण की होती है।
बम पटाखे से जो आनंद मिलता है वो केवल कुछ समय के लिए होता है और ऐसा आनंद केवल अपने तक ही समिति होता है। लेकिन पर्यावरण के लिए कुछ ऐसी चीज जो अच्छी है वो सबके हित में अच्छे फलस्वरूप होता है। बम पटाखे, फुलझड़ियाँ इन सबका इस्तेमाल ना करने से भारत में साफ और शुद्ध हवा होती है।
दिवाली सनातन धर्म में मनाया जाने वाला त्यौहार है। दिवाली भगवान श्री राम जी के वनवास से वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। सनातन धर्म में बहुत से देवी देवता है। भगवान श्री राम ने रावण का वध कर और माता सीता को प्राप्त किया था।
भगवान श्री राम जी जब वापस अपने राज्य अयोध्या आए थे तब उनके आने की खुशी में पूरे अयोध्या नगरी में घी के दीपक जलाए गए थे। अयोध्यावासियों भगवान श्री राम जी को अपना देवता मानते थे। भगवान श्री राम जी ने बुराई पर अच्छाई की जीत की थी। श्री राम जी के अयोध्या आने की खुशी में पूरा अयोध्या घी के दीपक से जगमगा उठा था। अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल चुकी थी।
इस त्यौहार को आज भी सम्पूर्ण भारत में बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली को पूरे भारत में बड़ी ही खुशी के साथ धूम -धाम से मनाते हैं। दिवाली केवल भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोग भी बहुत धूम-धाम से मनाते हैं। इस लेख में आपको हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी।
इस लेख में आपको ये मालूम होगा की दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध आदि, दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi)
सभी स्कूल के छात्र, कॉलेजों के छात्र दिवाली पर निबंध खोजते हैं। स्कूल में, कॉलेज में और अन्य जगह भी दिवली त्यौहार के लिए दीपावली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) लिखना होता है। दिवाली पर निबंध 10 वाक्य (10 Lines on Diwali in Hindi) की जरूरत होती हैं। आपके लिए दिवाली की सम्पूर्ण जानकारी निम्नलिखित कराई गई है।
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दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला त्यौहार है। ये भारत देश में सर्वश्रेष्ठ तौर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। दिवाली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप 🪔 का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
अयोध्या के राजा दशरथ जी के सबसे बड़े बेटे भगवान श्री राम ने 14 साल का वनवास काटकर माता सीता को रावण के चंगुल से वापस निकाल कर तथा रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे थे। श्रीराम के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने वहां के सभी लोगों ने घी दिये जलाए थे। तब से लेकर अभी तक प्रत्येक वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता रहा है। भारतीय लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं।
ये त्यौहार बच्चा, बड़े हर कोई बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दिवाली का त्यौहार बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार खुशियाँ बांटने का त्यौहार है। छोटी दिवाली से ही लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और मिठाइयाँ, उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।
दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष शरद ऋतु में अक्टूबर या नवंबर माह में मनाया जाता है। दिवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दिवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर, आदि को साफ सुथरा कर पुताई कर एक दम दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दिवाली का दिन भारतीय लोगों में एकता का प्रतीक है।
इस दिन सभी लोग सारे भेद भाव छोड़ के अपना दिवाली का त्यौहार सबके साथ में मनाते है। दिवाली के दिन अमावस्या होती है और अमावस्या के दिन दीपक जलाने से अमावस्या की रात पूर्णिमा में बदल जाती है। दिवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी रोशनी देने वाली लाइट, दीये, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलझड़ी आदि भी जलाते हैं। दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है।
भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दिवाली का त्यौहार बहुत की धूम-धाम से मनाया जाता है। भारतीय लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं। दीपक चाहे घी के हो या तेल के श्रद्धा पूरी होनी चाहिए। दीपक जलाकर सभी अंधेरे को दूर किया जाता है। दीपावली के दिन घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी अपने खेल कूद में लग जाते हैं, उन्हे पटाखे फोड़ना, मिठाइयाँ खाना पसंद होता है, स्वादिष्ट व्यंजनों की कतार लग जाती है।
इस दिन, मोमबत्ती और दीये की खुशबू चारों तरफ फैली रहती है। हिन्दू धर्म में ये त्यौहार अपने रिश्तेदारों, खास मित्रों के साथ मनाते है। दीपावली के दिन एक दूसरे को मिठाई देते हैं और दीपावली की बधाइयाँ देते हैं। सभी लोग द्वारा अपनी इच्छानुसार नए कपड़े खरीदे जाते हैं। दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है।
दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों में छोटी दिवाली मनाई जाती है। स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है। प्राचीन काल से ही इस त्यौहार की अपनी महत्वता है। दिवाली का त्योहार एक अंधकार को खत्म कर रोशनी को फैलाने का त्यौहार है।
दीपावली 5 दिनों का एक लंबा उत्सव है जिसको लोग पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते है।
अंधकार को खत्म कर, बुराइयों को खत्म करने का ये त्यौहार है। दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है। यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। हर प्रान्त या क्षेत्र में दिवाली मनाने के तरीके और कारण अलग है, सभी जगह यह त्यौहार पीढ़ियों से चला आ रहा है। लोगों में दिवाली की बहुत उमंग होती है।
दिवाली के दिन धन, कपड़ा, मिठाइयाँ बांटने से और भी ज्यादा फायदा होता है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं, लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है, घरों में रंग बिरंगी रंगोलियां मनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।
दीपावली का त्यौहार अब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा में भी कई जगह मनाया जाने लगा। वहां पर रह रहे भारतीय हिन्दू आज भी इस त्यौहार को बरकरार रख रहे हैं। जितना हो सके इस दिन लोगों में खुशियाँ बांटनी चाहिए। बिना किसी भेद भाव के दिवाली की खुशियाँ सब में बाटनी चाहिए। दिवाली की खुशी में एक दीपक उनके घर में भी जलाना चाहिए जहां धन नहीं हो सकता है जो असमर्थ हो एक दीपक जलाने में भी.
धन्यवाद…!
1. दिवाली कब मनाई जाती है?दिवाली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है, जो हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। 2023 में दिवाली 18 नवंबर को मनाई जाएगी। |
2. दिवाली का क्या महत्व है?दिवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इसके अलावा, दिवाली को कई अन्य हिंदू देवी-देवताओं के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिनमें लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती शामिल हैं। |
3. दिवाली पर क्या-क्या किया जाता है?दिवाली पर लोग अपने घरों को सजाते हैं, मिठाइयां बनाते हैं और आतिशबाजी करते हैं। इस दिन लोग भगवान राम, लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती की पूजा करते हैं। साथ ही, लोग एक-दूसरे को उपहार और मिठाइयां देते हैं। |
4. दिवाली पर कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?दिवाली एक त्योहार का समूह है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज शामिल हैं। |
5. धनतेरस क्या है?धनतेरस दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी और अन्य कीमती सामान खरीदते हैं। |
6. नरक चतुर्दशी क्या है?नरक चतुर्दशी दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा करते हैं। |
7. गोवर्धन पूजा क्या है?गोवर्धन पूजा दिवाली के बाद एक दिन मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, जिन्होंने इंद्र देवता को हराकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। |
8. भैया दूज क्या है?भैया दूज दिवाली के बाद दो दिन बाद मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को दूध, मिठाई और उपहार देती हैं। |
9. दिवाली पर क्यों आतिशबाजी की जाती है?दिवाली पर आतिशबाजी की जाती है ताकि बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक मनाया जा सके। इसके अलावा, आतिशबाजी के शोर से लोगों में उत्साह का संचार होता है। |
10. दिवाली पर क्या-क्या खाया जाता है?दिवाली पर लोग कई तरह की मिठाइयां और व्यंजन बनाते हैं। इनमें मालपुआ, लड्डू, रसगुल्ला, मिठाई, गुलाब जामुन, इत्यादि शामिल हैं। |
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