What is Good Friday and Easter in Hindi
आज हम आपको गुड फ्राइडे क्या है इसकी पूरी जानकारी बताने जा रहा हूँ। आज हम आपको Good Friday 2020 के बारे में जानकारी देने वाले है।
गुड फ्राइडे क्यों मनाते है, गुड फ्राइडे के दिन क्या हुआ था? और 2020 में गुड फ्राइडे कब है?
Good Friday and Easter Dates 2020
Good Friday 2020 Date | 10 April, 2020 |
Easter 2020 Dates | 12 April, 2020 |
गुड फ्राइडे क्यों मनाते हैं
शायद ही आपको पता हो की गुड-फ्राइडे को होली फ्राइडे (HOLI Friday), ग्रेट फ्राइडे (Great Friday) और ब्लैक फ्राइडे (BLACK Friday) के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल ये दिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए बहुत ही मायने रखता है जी हाँ Good Friday Festival (गुड फ्राइडे फेस्टिवल) ईसाई धर्म के लोगों का त्यौहार होता है।
अब हम आपको बताएँगे की गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है?
Why We Celebrate Good Friday in Hindi
दोस्तों आज आपको गुड फ्राइडे की कहानी का सम्पूर्ण ज्ञान बताया जाएगा। गुड फ्राइडे 2020 में 10 अप्रैल और ईस्टर 12 अप्रैल को है। आज आपको गुड फ्राइडे और ईस्टर की सम्पूर्ण कहानी मिलेगी।
2020 में ईस्टर और गुड फ्राइडे 10, व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा।
Easter and Good Friday के दिन क्या हुआ था? ईस्टर और गुड फ्राइडे से संबंधित पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी।
- गुड फ्राइडे और ईस्टर के दिन क्या हुआ था?
- गुड फ्राइडे और ईस्टर का त्यौहार किस तरह मनाया जाता है?
- गुड फ्राइडे और ईस्टर के तथ्य क्या है?
- सम्पूर्ण गुड फ्राइडे का इतिहास
- गुड फ्राइडे और ईस्टर का महत्व क्या है?
आप के सभी प्रश्नों के उत्तर यहाँ मिल जाएंगे। गुड फ्राइडे और ईस्टर से संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहाँ मिलेंगे।
Good Friday History in Hindi
गुड फ्राइडे के दिन कैलवरी में ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में गुड-फ्राइडे मनाया जाता है। ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह भगवान के बेटे थे। भगवान द्वारा उन्हें धरती पर भेजा गया था। ईसा मसीह को यीशु कह कर बुलाया जाता था।
दो अलग अलग वर्गों के अनुसार Good Friday का अनुमानित वर्ष 33 ई० (AD33) है और आइज़क न्यूटन ने बाइबल और जूलियन कैलेंडर के बीच अंतर किया है और उस दिन चाँद के आकार के अनुसार वर्ष 34ई० (AD34) है।
गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था। लोगों का मानना था की ये ढोंगी हैं और ये झूठ बोलते हैं कि उन्हें भगवान ने इस दुनिया में भेजा है। लोग उनके उपदेशों को सुनते है और उनको इस दिन याद किया जाता है। ये एक शोक दिवस है जिस दिन ईसा मसीह को मृत्यु दी गयी थी।
गुड फ्राइडे बड़े संडे (Easter Sunday) से पहले आने वाले शुक्रवार को आता है।
What Happened on Good Friday in Hindi
गुड फ्राइडे के दिन यीशु को मानवता की खातिर क्रूस पर चढ़ाया गया। गुड फ्राइडे का महत्व भगवान यीशु के बलिदान को जाहिर करता है और गुड-फ्राइडे उनकी याद में मनाया जाता है। बेशक तरीके थोड़े अलग अलग है जैसे क्रिस्चन लोग इस दिन काले कपड़े पहन कर चर्च जाते हैं।
Good Friday Story in Hindi
- किस तरह गुड फ्राइडे को मनाया जाता है?
गुड-फ्राइडे एक शोक का दिन होता है, लोगों द्वारा कहा गया है कि यीशु के प्राण करीब तीन बजे के आस-पास निकले थे जिस कारण इस दिन तीन घंटे तक यीशु जी के लिए प्रेयर करते हैं।
इस दिन चर्च में रोज की तरह मोमबत्ती (candle) नहीं जलाई जाती है, लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान यीशु को याद करते हैं कोई बीजारोपण करता है, कोई प्रेयर करता है, कोई यीशु की किताब पढ़ता है।
अमेरिका में गुड फ्राइडे की मान्यता क्या है?
आधुनिक संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जहाँ ईस्टर और गुड फ्राइडे को जनता के बीच व्यंजनापूर्ण शब्दावली के साथ उल्लेख किया गया है।
उदाहरण: “गुड फ्राइडे” को विद्यालयों के कैलेंडर में “वसंत अवकाश” कहना ताकि इस दिन को एक ईसाई अवकाश के दिन से जोड़कर न देखा जाए और साथ ही उसी दिन राज्य द्वारा स्वीकृत एक दिन की छुट्टी नही दी जाती है।
(ध्यान दें कि आधुनिक अमेरिका में ‘वसंत की छुट्टी’ को अब किसी भी तरह ईस्टर सप्ताह के किसी प्रतिरूप से जुड़ा नहीं माना जा सकता)
यूनाइटेड किंगडम में, जहाँ अभी भी गुड फ्राइडे और ईस्टर सोमवार को राष्ट्रीय अवकाश होता है, कई धर्मनिरपेक्ष आयोजन इन छुट्टियों के दौरान किये जाते हैं, लेकिन इन दिनों के पीछे के धार्मिक अर्थ सहित कई साथ जुड़ी वार्षिक घटनाओं को आयोजित नहीं किया जाता।
ईस्टर का इतिहास: History of Easter in Hindi
ईस्टर क्या है, ईस्टर क्यों मनाया जाता है, ईस्टर के दिन क्या हुआ था?
ईस्टर फेस्टिवल का इतिहास बहुत ही पुराना है, ईस्टर वसंत ऋतु में मनाया जाता है, पहले के समय में एक विद्वान् हुआ करते थे “सेंट बीड जिन्होंने भगवान यीशु मसीह के जी उठने पर ईस्टर डे माने था। ये बात आठवीं सदी की है।
- Easter Egg Meaning
EASTER एक बुतपरस्त, नास्तिक (pagan) त्यौहार है ये वसंत ऋतु की बहार के साथ साथ आता है, ईस्टर वसंत ऋतु के पहले रविवार को आता है, ईस्टर का मुख्य प्रतीक एक अंडे का रूप है। Easter एक नया उत्सव, पुनर्जन्म, नयापन और धरती पर रहने वाले लोगों और हर एक प्राणी के लिए हर एक मनुष्य के लिए एक प्रेरणा का प्रतीक है।
ईस्टर का महत्व और ईस्टर अंडे का महत्व
आप अगर ये सोच रहे हैं कि अंडे का क्या मतलब है तो इस ईस्टर से तो मैं बता दूँ, जिस तरह एक चिड़िया सबसे पहले अपने घोसले में अंडा देती है और अंडे में से चूजा निकलता है ठीक उसी तरह अंडे को शुभ प्रतीक माना गया है।
अंडे को शुभ मानते हुए उसे सजाया जाता है और अंडे को एक शुभ संकेत मान कर लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है उत्साह बढ़ता है, उमंग, हिम्मत और अपना जीवन नयी तरह जीना सिखाता है।
ईस्टर सेलिब्रेशन | ईस्टर का त्योहार कैसे मनाए | Easter Festival Celebration in Hindi
हर त्यौहार की तरह इस त्यौहार को भी बड़ी ही ख़ुशी और जश्न के साथ मनाया जाता है, प्रभु यीशु के जी उठने की ख़ुशी में ईस्टर सेलिब्रेशन होता है। क्रिस्चन समुदाय के लोग इस त्यौहार को बड़ी ही ख़ुशी के साथ मनाते है, इस त्यौहार में क्रिस्चन लोग आपस में तोहफा देकर ख़ुशी व्यक्त करते हैं, तोहफा खासकर अंडे के आकार के आते हैं।
तोहफा देकर अलग अलग तरीके से पार्टी करके घर भोज करने मिठाइयां बांटकर इस त्यौहार को मनाया जाता है और क्रिश्चियन लोग अलग-अलग तरीके से इस त्यौहार को सेलिब्रेट करना पसंद करते हैं।
कुछ विद्वानों के अनुसार ईस्टर के छियालीस दिन पहले, जिस दिन बुधवार (Wednesday) आता है उस दिन से ही ये ईस्टर शुरू हो जाता है और ईस्टर के दिन खत्म होता है। इस सप्ताह को पवित्र सप्ताह माना जाता है।
विद्वानों के अनुसार उन छियालीस दिनों में से एक गुरूवार (Thursday) को एक भविष्वाणी हुई थी कि अब भगवान यीशु जी उठेंगे और हुआ भी ऐसा ही रविवार (Sunday) को भगवान यीशु जी उठे और ईस्टर का त्यौहार बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाने लगा।
Easter History in Hindi
ईस्टर के तथ्य से हमारा तात्पर्य है कि ईस्टर एक ऐसा त्यौहार है जो की खुद बड़ा महत्व रखता है और जिसकी अपनी एक सच्ची कहानी है पौराणिक कथा है।
भगवान यीशु जो की क्रिस्चन समुदाय के भगवान है, ईश्वर है उनकी कब्र पर वसंत ऋतु द्वारा उगाए गए फूल ये साफ साफ जाहिर करते है कि भगवान यीशु दोबारा जन्म जी उठे हैं।
ईस्टर और गुड फ्राइडे का महत्व
संसार में गुड फ्राइडे का महत्व और ईस्टर का महत्व बहुत है और इस त्यौहार को पूरे विश्व में बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है।
भारत की स्वतंत्रता से पहले से ही गुड फ्राइडे और ईस्टर को मनाया जा रहा है।
ब्रिटिश काल से इस त्योहार को मनाते हैं, एक अनुमान के तहत जब भारत के कुल 2% लोग क्रिश्चन थे तब से ही इस त्यौहार को मनाया जाता रहा है।
गुड-फ्राइडे को शांति के साथ मनाया जाता है, और ईस्टर के दिन बड़ी ही धूम धाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है।
ज्यादातर ईसाई लोग मुंबई, गोवा, में मिलते हैं मगर ऐसा जरूरी नहीं है, ये तो बस एक अनुमान है, ईसाई इस दिन कहीं भी रहे मगर अपने चर्च में जाना नहीं भूलते हैं।
चर्च में लोग गुड फ्राइडे के दिन मोमबत्ती नहीं जलाते है और शोक मानते हैं मगर ईस्टर वाले दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर त्यौहार सेलिब्रेट करते हैं, एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं, इस त्यौहार में अपने धर्म से संबंधित गीत गाते हैं, प्रार्थना करते है कई कई जगह तो नृत्य और कार्यक्रम होते हैं।
एक दूसरे को गिफ्ट्स, फ्लावर्स, कार्ड्स, चॉकलेट, केक आदि देकर त्यौहार को मनाते है, लंच-डिनर साथ में करते हैं, पूरे विश्व में क्रिश्चियन लोग इस त्यौहार को मनाना नहीं भूलते फिर चाहे क्रिश्चियन लोग ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, ब्राजील, इंग्लैंड, कनाडा इत्यादि जैसे सभी देशों में रह रहे हो।
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