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Republic Day in Hindi

गणतंत्र दिवस (भारत)

– Information About Republic Day in Hindi 2020

भारतीय गणतंत्र दिवस भारतीय इतिहास में सर्वोपरि महत्वपूर्ण माना गया है और भारतीय इतिहास में यह एक ऐसा दिवस है जो हमारे संविधान में सबसे ज्यादा महत्व रखता है.

भारत की आजादी के बाद जब लोगों की अपनी जरूरतों के बारे में सोचना पड़ा और देश के प्रिय नेताओं ने भारत को गणतंत्र दिवस दिया और सभी भारतीय लोगों को एक गणतंत्र देश बना दिया।

हमारी किस्मत अच्छी थी की हमें ऐसे देश प्रेमी क्रांतिकारी और देश भक्त लोग मिले जिनके चलते आज हम आजाद भी है और संविधान के अंतर्गत जीवन जी रहे है.

भारत की आजादी के बाद जब संविधान लागू हुआ तब कुछ परेशानियों का सामना तो करना पढ़ा लेकिन कुछ समय के बाद सब कुछ ठीक हो गया।

समय की तेजी से लोगों ने अपने संविधान पर बहुत से बदलाव देखे और आज भी संविधान के बहुत से अनुच्छेदों में बदलाव हुए है और सभी के हित में नियमों को बनाया गया है.

भारत के गणतंत्र होने की सम्पूर्ण जानकारी आपको यहाँ से मिल जाएगी।

Why We Celebrate Republic Day in Hindi

भारत में गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

आज भी लोगों को यह पूरी तरह नहीं मालूम की भारत में 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है

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भारत देश को एक सम्पूर्ण आजाद देश बनाने के पीछे ना जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों, भारत के वीर सपूतों ने अपना जीवन त्यागा है.

भारत को एक गणतंत्र देश और स्वतंत्र देश बनाने के पीछे न जाने कितने वीर जवानों ने अपना जीवन त्यागा है।

भारतीय स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 हैं।

जब भारत आजाद हो गया था तब हमारे भारतीय नेताओं ने सोचा की जब भारत आजाद हो ही गया है तो भारत में अपने कुछ नियम लागू होने चाहिए जिससे किसी भी व्यक्ति के साथ कोई गलत काम न हो सके उसका मानवाधिकार और उसको अपना अधिकार मिल सके.

भारत एक गणराज्य देश बनने के लिए न जाने कितने वर्षों तक अंग्रेजों (ब्रिटीशियों) का सामना करता रहा है लेकिन वो घड़ी आ ही गयी जब भारत देश एक गणराज्य देश में तब्दील हुआ और आखिर में अंग्रेजी हुकूमत को हमारे देश के वीरों के आगे झुकना पड़ा और हमारे देश को छोड़कर वापस अपने देश जाना पड़ा.

भारत की स्वतंत्रता का यह संघर्ष जीतना आसान लगता है, वास्तव में इतना आसान नहीं था।

भारतीय स्वतंत्रता के पीछे ना जाने कितने लोगों की कुर्बानी उनके लहू से लिखी गयी है। भारत के आजाद होने के बाद भारतीय नेताओं की एक बहुत ही गहन ज़िम्मेदारी थी की वो भारत में संविधान लागू करे और भारत को गणराज्य बना सके.

भारत को एक मजबूत और सबसे शक्तिशाली देश के पद पर लाने की कोशिश आज भी बरकरार है। भारत पूरी तरह से आजाद है और संविधान से भरपूर है.

भारत में लोकतंत्र और राजतंत्र दोनों ही भारत की जनता के पक्ष में है।

भारतीय गणतंत्र दिवस सन् 2020 में 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं.

26 जनवरी के दिन हमारे देश में गणतंत्र दिवस का त्यौहार बड़ी ही खुशियों के साथ धूमधाम के साथ भक्ति गीतों के साथ मनाया जाता है.

भारतीय स्वतंत्रता दिवस के बाद भारत का संविधान लागू 26 जनवरी 1950 में हुआ था जो की आज 2020 में 71वीं बार मनाया जाने वाला है.


Must Read :

जन गण मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिंध गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
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What do we celebrate on 26 January What is the significance of this day?

26 जनवरी का इतिहास बहुत ही महत्व रखता है। एक भारतीय के लिए 26 जनवरी का दिन भारतीय देश पूरी तरह से संविधान के अंतर्गत आने लगा।

भारत के इतिहास के उन सुनहरे चंद पन्नो में इतनी लंबी कहानी है कि जिसे कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है.

संविधान लागू होने के पीछे बहुत बड़ी गाथा है। भारत ब्रिटीशियों के अधीन था और ब्रिटीशियों की हुकूमत में ब्रिटीशियों के चंगुल में भारतीय इतिहास बहुत ही बुरा लिखने वाला था लेकिन हम सभी शुक्र गुजार है उन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के जिन्होंने हमें आजादी दिलाई.

ये बात उन दिनों की है जब अँग्रेजी सरकार, भारत को एक स्वतंत्र उपनिवेश बनाना ही नहीं चाहती थी, तभी 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की शपथ ली थी.

जिसमें ये प्रस्ताव रखा गया था की अंग्रेज सरकार को एक साल के अंतर्गत यानी 26 जनवरी 1930 तक भारत को औपनिवेशिक देश (Dominion) का दर्जा देना होगा और यदि ऐसा नही हुआ तो हम पूर्ण स्वराज की मांग करेंगे और चाहे खून ही क्यों न बहाना पड़े.

पूर्ण स्वराज के अभियान को पूरा करने के लिये सभी आंदोलन तेज कर दिये गये थे। सभी देशभक्त आजादी के लिये लड़ने मरने को तैयार हो गए थे। एकता में बल की वजह से अंग्रेजों को पीछे हटना पड़ा.

उस दिन से सन् 1947 तक लोगों ने स्वतंत्र होने से भी पहले 26 जनवरी की हर तिथि को स्वतंत्रता दिवस मनाया।

15 अगस्त सन् 1947 में को भारत आजाद हुआ, तभी यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1929 की निर्णनायक तिथी को भारतीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जायेगा। तभी 26 जनवरी 1949 को गणराज्य बनने और देश में नए कानून नियम आदि अपनाये गए.

उसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली में लागू किया गया।

इसके बाद हमारे देश को किस तरह चलाया जाए, इसके लिए संविधान तैयार किया गया और इसको तैयार करने में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी की एक अहम भूमिका रही थी.

इसको तैयार करने के लिए दो वर्ष, ग्यारह महीने और अठारह दिन का वक्त लगा था.

26 नवंबर, सन् 1949 को ये बनकर तैयार हुआ था जिसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसको भारत सरकार अधिनियम, 1935 की जगह लाया गया था. और हर साल 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस मनाया जाता है.

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में (महत्व)

26 जनवरी, 1950 भारतीय इतिहास बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन लागू हुआ था।

भारत का संविधान सबसे बड़ा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में करीब 2 वर्ष, 11 महीने, 18 दिन लगे थे.

भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ भीमराव अम्बेडकर समिति के मुख्य थे.

भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में शामिल करने का प्रयास किया है। उस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतांत्रिक देश बन गया.

देश को गौरवशाली गणतंत्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तों ने अपना बलिदान दिया जिनकी वजह से हमारा भारत स्वतंत्र हुआ है उन्हे याद करके, भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी

26 January Republic Day Story in Hindi

26 जनवरी गणतंत्र दिवस की कहानी : अंग्रेजी भारत से व्यापार का इरादा लेकर भारत आये थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होने यहाँ के राजाओं और समानता पर अपनी कूटनीति चाले से अधिकार कर लिया और अपना हक जमा लिया.

भारत की आजादी की पहली चिंगारी, पहली आग मंगल पांडे ने 1857 में कोलकाता के पास बैरकपुर में जलाई थी, किन्तु कुछ संचार संसाधनों और सपर्क न हो पाने की वजह से ये आग ज्वाला न बन पाई परन्तु, इस आग की चिंगारी कभी बुझी नहीं.

लक्ष्मीबाई जी से इंदिरा गाँधी जी तक, मंगल पांडे जी से सुभाष चन्द्र बोस जी तक, नाना साहेब जी से सरदार वल्लभ भाई पटेल जी तक, लाला लाजपत राय जी से बाल गंगाधर तिलक जी, विपिन्द्र चन्द्र पाल जी हों या गोपाल जी, महात्मा गांधी जी, नेहरू जी सभी के हृदय में धधक रही थी.

13 अप्रैल 1919 की जलियांवाला बाग की घटना, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे अधिक दुखदाई घटना थी।

जब जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हज़ारों लोगों को घायल कर दिया था.

यही वह घटना थी जिसने भगत सिंह और उधम सिंह जैसे, क्रांतिकारियों को जन्म दिया।

अहिंसा के पुजारी हों या हिंसात्मक विचारक क्रान्तिकारी, सभी का ह्रदय आजादी की आग से जलने लगा। हर वर्ग भारत माता के चरणों में बलिदान देने को तत्पर था.

26 जनवरी के दिन होने वाले कार्यक्रम

26 जनवरी गणतंत्र दिवस 2020: 26 जनवरी पर भारत देश के हर स्कूल और कॉलेजों में इस दिन का जश्न मनाया जाता है और कुछ दिनों पहले से ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है और स्कूलों में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है.

बच्चों द्वारा कई तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं.

इस गौरवमय दिन को देश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर भी तिरंगा फहराने और कई तरह के देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

भक्ति गीत, नृत्य समारोह, कविता समारोह आदि किए जाते है।

राजपथ पर की जाती है परेड (Delhi Republic Day Parade Rajpath)

26 जनवरी के दिन दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति अपने देश का ध्वज फहराते हैं और उन्हें 21 तोपों द्वारा सलामी देने की प्रथा है। जिसके बाद भारत के राज्यों द्वारा राजपथ पर उनके राज्य की झांकी निकाली जाती है.

इन झांकियों में हर राज्य अपने राज्य की वेशभूषा और अपनी संस्कृति के बारे में दर्शाता है.

भारत माता की तीनों सेनाएं भी अपनी झांकियां निकालती हैं और देश वासियों सहित पूरे विश्व को भारत की शक्ति के बारे में बताती हैं.

राजधानी में आयोजित होने वाली इस परेड को देखने के लिए कई सारे लोग और नेता शामिल होते हैं। वहीं इस कार्यक्रम को शुरू करने से पहले देश के प्रधानमंत्री अमर ज्योति पर जाकर हमारे देश के शहीद वीरों को श्रद्धांजलि दिया करते हैं.

Who Will Be Chief Guest of Republic Day 2020 in India

गणतंत्र दिवस पर आने वाले अतिथि…

इस दिन को और खास बनाने के लिए हर साल दूसरे देश से किसी ना किसी राजनेता को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है.

वहीं साल 1950 में सबसे पहले भारत ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया था और उनका नाम सुकर्णो था.

वहीं साल 2017 में इस दिन के लिए अबू धाबी के क्राउन प्रिंस को निमंत्रण भेजा गया था और शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान इस अवसर पर भारत आए थे.

2019 में भारत ने अपने इस दिन के जश्न में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा (President Cyril Ramaphosa) भारत के 70वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे.

India Republic Day 2020 Chief Guest

2020 गणतंत्र दिवस में ब्राजील के प्रधानमंत्री जाइर बोलसोनारो (President Jair Bolsonaro) आ रहे है और इनकी सेवा में कोई भी कमी नहीं होने वाली है। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उनकी सेवा में बहुत तैयारी कर रखी है.

गणतंत्र दिवस पर की जाने वाली सुरक्षा

हर साल गणतंत्र दिवस से कुछ दिनों पहले दिल्ली में सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए जाते हैं.

इन सुरक्षा इंतजामों से लोगों को थोड़ी सी परेशानी भी होती है। मगर इस दिन कोई हादसा ना हो इसलिए ये इंतजाम करने काफी जरूरी होती हैं.

2020 India Republic Day in Hindi – Closing Ceremony
  1. 29 जनवरी के दिन विजय चौक पर शाम को देश की तीनों सेनाएं राष्ट्रपति की मौजूदगी में इस कार्यक्रम का समापन करती है।
  2. वहीं सेना द्वारा की जाने वाली बीटिंग रिट्रीट समारोह को देखने के लिए काफी लोग भी इस अवसर पर वहां मौजूद होते हैं।
  3. सेना के विभिन्न रेजिमेंट पाइप और ड्रम बैंड, गर्ल्स और ट्रम्पेट्स बजाकर इस कार्यक्रम को समापन करते हैं।
  4. सेना द्वारा सारे जहाँ से अच्छा जैसी धुन को बजाई जाती है।
  5. इस कार्यक्रम को बीटिंग रिट्रीट समारोह के नाम से जाना जाता है।
Interesting Facts About Republic Day in Hindi

गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ रोचक बातें और कुछ आश्चर्यजनक तथ्यों को निम्नलिखित लिखा गया है। जिनके बारे में शायद ही आपको इससे पहले जानकारी होगी और ये मुख्य जानकारी इस तरह हैं-

  1. सन् 1950 से सन् 1954 के दौरान गणतंत्र दिवस समारोह दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाता था। राजपथ पर इस दिन का आयोजन साल सन् 1955 से शुरू किया गया था।
  2. 11 जनवरी 1966 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के निधन के कारण इस दिन किसी को भी चीफ गेस्ट के तौर पर निमंत्रित नहीं किया गया था।
  3. भारत के संविधान में कुल 448 लेख, 12 अनुसूची और 25 भाग शामिल है, जो कि हमारे देश के संविधान को विश्व का सबसे बड़ा लिखा हुआ संविधान बनाता है।
  4. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता का दर्जा प्राप्त है। उनके द्वारा ही हमारे देश के संविधान को तैयार किया गया था। वहीं भारत के पहले राष्ट्रपति का पद का गौरव राजेन्द्र प्रसाद जी द्वारा बढ़ाया गया.
  5. भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब  देश के राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन की तबीयत ठीक ना होने के कारण वो गणतंत्र दिवस पर सलामी नहीं ले सके।
  6. कांग्रेस सरकार ने 26 जनवरी, 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। लेकिन, 1947 में 15 अगस्त को आधिकारिक स्वतंत्रता दिवस के रूप में ही सामने आया। जिसके बाद 1930 के घोषणापत्र को यादगार बनाने के लिए, 26 जनवरी 1950 को नए भारतीय संविधान पर लागू किया गया।
  7. 26 जनवरी का मुख्य कार्यक्रम भारत के जवानों को उनकी वीरता को सम्मान देने के लिए परमवीर चक्र, अशोक चक्र एवं वीर चक्र जैसे पुरस्कारों का वितरण किया जाता है।
  8. 2020 में ब्राज़ील के प्रधानमंत्री जाइर बोलसोनारो मेहमान के रूप में आ रहे है।

दोस्तों, उम्मीद करता हूँ कि आपको India Republic Day in Hindi का लेख बहुत ही अच्छा लगा होगा और आप 26 जनवरी की जानकारी को साझा करने से नहीं हटने वाले…

॥ धन्यवाद ॥

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