नाम | योगी आदित्यनाथ |
पूरा नाम | श्री अजय सिंह बिष्ट बाद में योगी आदित्यनाथ |
जन्म | 5 जून 1972 |
जन्मस्थान | पंचुर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू (नाथ सम्प्रदाय) |
शिक्षा | Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
पद | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री |
कार्यालय ग्रहण | 19 मार्च 2017 |
रहने का स्थान | 5, कालिदास मार्ग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
पिता | स्वर्गीय श्री आनंद सिंह बिष्ट (Forest ranger) |
माता | श्रीमती सावित्री देवी |
पत्नी | नहीं है |
बच्चे | नहीं है |
ऊंचाई (लगभग) | 5′ 4″ |
वजन (लगभग) | 70 kg |
आँखों का रंग | काला |
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में हुआ है। योगी आदित्यनाथ गढवाली राजपूत हैं।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM) है साथ में गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं। 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। योगी आदित्यनाथ के पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे।
योगी आदित्यनाथ के भाई बहन मिलकर 7 भाई बहन हैं, योगी आदित्यनाथ जी की तीन बड़ी बहन है और एक बड़े भाई हैं और दो छोटे भाई है।
योगी आदित्यनाथ का धर्म जीव जंतु से प्यार और सभी जनता के लोगों की सेवा करना है। वैसे योगी आदित्यनाथ की जाति ठाकुर है।
योगी आदित्यनाथ की पत्नी का नाम, दरअसल हम बता दे की योगी जी बचपन में ही संन्यास ले चुके हैं और उनकी शादी हुई ही नहीं हैं। मगर कुछ दिनों पहले एक महिला नीतू सिंह जो कि योगी आदित्यनाथ को अपना पति बता रही हैं।
जानकारी के अनुसार सीतापुर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के एक समूह ने सीएम योगी से मिलने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उनकी इस कोशिश को नाकाम करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्त में आई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नेता ने बताया कि उनकी शादी मुख्यमंत्री के साथ बीती 5 दिसंबर को हो चुकी है, क्योंकि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फोटो के साथ 7 फेरे लेकर उन्हें अपना पति मान लिया था।
नीतू सिंह का कहना है कि वह अपने सहयोगियों के साथ यहां पर इसलिए आई है कि या तो सीएम आंगनबाड़ियों का मानदेय 15 हजार निश्चित करें या फिर उसे अपनी पत्नी मानते हुए स्वीकार कर लें।
इस शादी में महिला ने फिल्मी गानों की धुनों के बीच योगी की तस्वीर को जयमाला पहनाई थी। शादी में सैकड़ों की संख्या में आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता मौजूद थीं। इस वजह से रचाई थी CM योगी की फोटो से शादी।
दरअसल इस शादी के पीछे महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मकसद अपनी मांगे सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाना था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना था कि पति अपनी पत्नी को हर खुशी देता है, उसकी हर जिद पूरी करता है, इसलिए नीतू सिंह ने ये रास्ता अपनाया।
योगी आदित्यनाथ की शादी ही नहीं है जिस कारण उनके कोई बच्चे नहीं हैं वे एक सन्यासी है।
योगी आदित्यनाथ जी को मुख्यमंत्री का पद मिलना बहुत बड़ा बदलाव था उत्तर प्रदेश के लिए। योगी आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। ऐसे तो योगी आदित्यनाथ जी को जीव जंतु से बहुत ही प्यार है उन्होंने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के साथ ही उत्तर प्रदेश के सारे बूचडखाने (Slaughterhouse) बंद करवा दिए थे।
योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में बहुत ज्यादा प्रभाव रहा है। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महंत अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से सन् 1991 तथा सन् 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
योगी आदित्यनाथ का लोकसभा चुनावों और नीतियों में प्रदर्शन व सहयोग: योगी आदित्यनाथ सबसे पहले सन् 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए। उन्होने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है और लोगों की पहली पसंद बन चुके है। योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश का हाल पहले से काफी अच्छा कर दिया है।
योगी आदित्यनाथ के विवाद: योगी आदित्यनाथ एक हिन्दू महंत है जो कि कुछ विवाद में भी आ चुके हैं जिसके चलते सन् 2008 में 07 सितम्बर को आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। जिस हमले में योगी जी बाल बाल बचे।
इस हमले में 100 से भी ज्यादा वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया था और बेचारे निहत्थे लोगों को लहूलुहान भी किया। आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी।
जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु योगी आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से साफ मना कर दिया।
योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी करवा दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी (CRPC) की धारा (Act) 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा दिया।
ये दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों और तीन मामलों में भी फैला गया था। योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरिओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया था।
माना तो ये जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ के दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी। योगी आदित्यनाथ धर्मांतरण के खिलाफ थे, ऐसे तो योगी आदित्यनाथ जी सन्यासी थे और अपने घर वापस जाने के लिए काफी चर्चित रहे।
सन् 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाई का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाईयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया।
उत्तर प्रदेश के लिए योगी आदित्यनाथ जी का मुख्यमंत्री बनना बहुत बड़ा बदलाव था। योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री पद रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शपथ समारोह में योगी आदित्यनाथ को शपथ दिला कर सम्पूर्ण हुई।
शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ। इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाए गए। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो उप-मुख्यमंत्री बने।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। मंच पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह भी मौजूद रहे।
राजनीति में योगी आदित्यनाथ को फायरब्रांड हिंदू नेता माना है, उनके कई बयानों ने विवादों का रूप लिया है, उनके विवादित बयानों की लिस्ट थोड़ी सी लंबी है।
योगी आदित्यनाथ जी के विवादपूर्ण बयान से कुछ लोगों के ह्रदय में ख़ुशी और कुछ के ह्रदय में दुःख ने वास कर लिया है। योगी आदित्यनाथ के बारे में जानना बेहद ख़ुशी की बात होगी।
भारत में इस समय सबसे बड़ी समस्या चल रही है जिसका नाम है “कोरोना वायरस”।
यह अभी तक सबसे बड़ी समस्या और महामारी घोषित हो चुकी है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी अपने क्षेत्र को बचाने के लिए कठोर से कठोर कदम उठा रहे है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस महामारी के बढते प्रकोप को देखते हुए बहुत बड़ी घोषणा की है जिसमें उन्होने 1 दिन का जनता कर्फ्यू रखा था लेकिन उससे खास फायदा नहीं हुआ। यह देखते हुए मोदी जी ने 31 मार्च 2020 तक पूरे भारत में जनता कर्फ्यू रखा था परंतु उससे भी उन्हे फायदा नजर नहीं तब उन्होने पूरे 21 दिन का जनता कर्फ्यू रख दिया है।
2020 में सम्पूर्ण भारत पर कोरोना वायरस का महा प्रकोप है ऐसे में सम्पूर्ण भारत अपना योगदान दे रहा है।
भारत में इस महामारी से लड़ने के लिए अस्पताल में वो सुविधा नहीं है जो होनी चाहिए इसलिए दुनिया भर के लोग PM cares में कुछ धन राशि जमा कर रहे है, ऐसे मुश्किल समय में योगी आदित्यनाथ जी ने भी कठोर कदम उठाए है।
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adiyanath) ने सोमवार को मनरेगा के तहत मजदूरों को पैसे वितरित किए हैं।
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के 27.5 लाख मजदूरों को 611 करोड़ रुपये बांटे हैं। यह रुपये मजदूरों के बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। इस दौरान सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ लाभार्थियों से बात भी की और उन्हें इस योजना के बारे में जानकारी दी।
राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद वितरित किए जाने की खबर सुनते ही मजदूरों ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया।
कोरोना संकट से निपटने के लिए सीएम योगी ने सभी अफसरों को दिए निर्देश जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण की कोशिश की गयी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आदेश दिए हैं कि कोरोना के चलते जो उद्यम या संस्थान लॉकडाउन के चलते बंद रहे हैं, उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देना ही होगा। इस बारे में अधिकारियों को कर्मचारियों को वेतन दिलाने के लिए कहा गया है।
यूपी सरकार का कहना है कि हर गरीब, दिहाड़ी मजदूर को सरकार एक हजार रूपए देगी। सरकार का कहना है कि मजदूर भले ही किसी भी प्रदेश के हों यह राशि सभी को दी जाएगी। अफसरों को कहा गया है कि मजदूर किसी भी कोने में हो, उनको ढूंढा जाए और पैसे दे दिए जाएंगे।
दिल्ली के एम्स अस्पताल में उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता श्री आनंद सिंह बिष्ट जी का (सोमवार) 20 अप्रैल, 2020 को निधन हो गया।
प्रिय पाठकों, उम्मीद करता हूँ कि आपको योगी आदित्यनाथ का इतिहास जानकर आपको अच्छा लगा होगा। योगी आदित्यनाथ की जीवनी पढ़ कर आपको कई जरूरी जानकारियां प्राप्त हुई होगी।
अगर आपको अभी भी योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय के बारे में कुछ पूछना है तो आप कमेंट करके हमसे अपना प्रश्न पूछ सकते हो और अगर जानकारी पसंद आई हो तो इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले।
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Bahut hi badhiya post sir aapne yogi ji ke bare me kafi achhi jankari share ki hain dhnyabad.
बहुत ही सुनदर लेख है
Realy good man
Rastra ki dharohar hein yogiji.
We are proud of him.
Apka har ek post bahut hi Acha HOTA hai. Issue BHI badi bat apka har post age hi rank karta hai. Apke website Ka bahut bada fan hu. apse prerna lekr mai BHI Kuch Achi Achi biography likhi hai. Sir ap ek bar jrur padhiye.