गणतंत्र दिवस के देश भक्ति गीत और स्वतंत्रता दिवस के देशभक्ति गीत – (Desh Bhakti Geet 2023, Desh Bhakti Song in Hindi, Desh Bhakti Geet in Hindi and Republic Day Patriotic Songs in Hindi)
26 जनवरी के इस राष्ट्रपर्व पर आप सभी को ढेर शुभकामनाएँ। 26 जनवरी 1950 का इतिहास कोई नहीं जानता और हमारे देश के वीर जवानों ने कितने कष्ट सहे थे। आज उनके त्याग और बलिदान के चलते हमारा देश आजाद है और आजादी को सभी जी रहे है।
भगत सिंह, सुखदेव, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चंद्र बॉस, महात्मा गांधी जी आदि जैसे न जाने किन किन देशभक्तों को अपने जीवन का त्याग देना पड़ा था। आजादी के बाद जब हमारे नेताओं को लगा की भारत के पास अपने नियम कानून होने चाहिए तब जाकर 26 जनवरी 1950 से सभी अधिनियम और संविधान लागू किए गए थे। भारतवासी होने का हमें गर्व है इस दिन पर क्योंकि भारतीय संविधान (Indian Constitution) दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है और भारत देश में सामान रूप से 72 सालों बाद भी लागू है। यही कारण है कि आज भी इस दिन को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
राष्ट्रीय पर्व के गणतंत्र दिवस के इतिहास (Republic Day History) और स्वतंत्रता दिवस के इतिहास (Independence Day History) पर नजर डालें तो हर साल 26 जनवरी को ही मनाया जाता है क्योंकि 26 जनवरी, 1950 को ही हमारा संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर मातृभूमि के प्रति अपने प्यार को दर्शाने के लिए लोग इस दिन को राष्ट्र त्यौहार को अपने तरीके से मानते है। गणतंत्र दिवस के मौके पर लोग खासतौर से देशभक्ति के भाषण संगीत आदि सुनना पसंद करते हैं। स्कूल, कॉलेजों, संस्थानों में भी देशभक्ति गाने (Best Hindi Patriotic Songs) खूब बजाए जाते हैं और कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
26 January 2023: भारतीय गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी पर मनाया जाता है। 26 जनवरी हमारे देश और हम सब भारतीय नागरिकों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के उपलक्ष पर स्कूल, कॉलेज के बच्चे अपने विद्यालय में स्कूल फंक्शन में Freedom Fighters आजादी क्रांतिकारी की ड्रेस पहन कर cultural program को celebrate करते हैं जिसमें वो Republic Day Songs, Desh Bhakti Song For Republic Day in Hindi, Republic Day Geet Download, 26 January Geet 2023 MP3, रिपब्लिक डे गीत लीरिक्स गाते व प्रस्तुत करते हैं।
आइये देखें कुछ अच्छे गणतंत्र दिवस गीत हिंदी में जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं।
गणतंत्र दिवस व अन्य सभी राष्ट्रीय दिवस के लिए बहुत ही बेहतरीन गीत है जिन्हें आप सभी पसंद करेंगे। भारतीय देश भक्ति गीत को पढ़ने व सुनने के बाद हम सभी में देशभक्ति का जुनून जाग उठता है। जुनून ऐसा जो की सच में कुछ करने की ताकत देता है, अपने देश प्रेम के प्रति जाग उठाता है। देशभक्ति ही एक मात्र ऐसी भक्ति है जिसकी भक्ति करने के लिए सवा सौ करोड़ जनसंख्या आतुर रहती है। देश भक्ति में कोई जात धर्म या फिर कोई अलग रीति रिवाज नहीं होते है, कोई भी देश भक्ति को कर सकता है, बस दिल में प्रेम भावना होनी चाहिए।
देशप्रेमी अपने देश से अत्यंत प्रेम करते है और अपने देश के प्रति जीने मरने से नहीं डरते। मैं हमेशा से सैनिको की बहुत इज्जत करता हूँ। आज हम जो अपने घरों में सुरक्षित है केवल अपने सैनिकों की वजह से ही है। आज वो न होते तो हमारी बहन बेटी और हम खुद सुरक्षित नहीं होते। धन्य है वो महान जिसने सैनिको जैसे वीर जवानों को जन्म दिया है। खैर बात करे की देश भक्ति गीत की। सच में देश भक्ति गीत जो दिल को छु जाती है और आपको रुला भी देते है ऐसे कुछ नीचे लिखे हुए है उम्मीद करता हूँ कि आपको ये सभी गीत अच्छे लगेंगे। देश भक्ति गीत स्कूल में गाने के लिए इसका प्रयोग विद्यालयों, कॉलेज, सार्वजनिक समारोह आदि में प्रयोग कर सकते है।
26 जनवरी क्यों मनाई जाती है: भारत में गणतंत्र और संविधान की स्थापना के उपलक्ष में यह दिन मनाया जाता है।
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शायद ही ऐसा कोई हो जो कर्मा फिल्म के इस गीत को सुनकर देश पर मर मिटने के लिए तैयार न हाे जाए। बच्चों की आवाज में देश के प्रति प्यार बढ़ाने में यह गीत हर किसी के लिए प्रेरणा बन सकता है।
देश भक्ति गीत को आप अपने सीने में दबाए रख सकते है लेकिन एक दिन जब समय आए तो जरूर इसे बाहर निकाले। तो दोस्तों इतने सारे देशभक्ति गीतों में एक ये भी गीत है जो आपको बेहद ही अच्छा लगेगा।
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन, सर झुका सकते नहीं हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है सैकड़ों कुर्बानियां देकर ये दौलत पाई है मुस्कुराकर खाई है सीनों पे अपने गोलियां कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं अपनी आज़ादी… क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने लाख फ़ौजें ले के आए अम्न का दुश्मन कोई रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं अपनी आज़ादी… वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख बदलते जाएंगे गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं अपनी आज़ादी…
हम वतन के नौजवां हैं हमसे जो टकराएगा वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जाएगा वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मों-सितम आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहराएगा जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं सर कटा सकते
2023 में इतने आधुनिक जमाने में भी लोगों को अपने काम से फुर्सत नहीं है लेकिन अपने देश भक्ति गीत जो अमर हैं और हमेशा अमर ही रहेंगे। कृपया करके इन्हें कभी भूलना नहीं और आगे शेयर करना जिससे लोगों को पता चले की हमारे देश के लिए गाए गए इन गीतों को कितनी मेहनत के साथ बनाया और गाया गया था। जय हिन्द।
फिल्म -: कर्मा
संगीतकार -: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार -: आनंद बक्शी
गायक -: कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अजीज
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू, तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू, आ आ आ…. हर करम अपना करेंगे, हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है, ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है, ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है, हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम वतन, हम नाम हैं, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम वतन, हम नाम हैं, जो करे इनको जुदा मजहब नहीं इल्जाम है, हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां, लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां, लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां, लुट रहे हैं आप वो अपने घरों को लूट कर, लुट रहे हैं आप वो अपने घरों को लूट कर, खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियां, हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए, ऐ वतन तेरे लिए, ऐ वतन तेरे लिए, ऐ वतन तेरे लिए ला ला ला ला…
परदेस फिल्म का यह गीत भारत का गुणगान करने के साथ-साथ बच्चों के दिलों में बसे देशप्रेम को दर्शाता है।
लंदन देखा पैरिस देखा और देखा जापान माईकल देखा एल्विस देखा सब देखा मेरी जान... सारे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान दूसरा हिंदुस्तान... ये दुनिया.. एक दुल्हन दुल्हन के माथे की बिंदिया ये मेरा इंडिया आई लव माई इंडिया जब छेड़ा मल्हार किसी ने झूमके सावन आया आग लगा दी पानी में जब दीपक राग सुनाया सात सुरों का संगम ये जीवन गीतों की माला हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला ये मेरा इंडिया... पीहू-पीहू बोले पपीहा कोयल कूहू-कूहू गाये हँसते.. रोते.. हमने जीवन के सब गीत बनाए ये सारी दुनिया अपने-अपने गीतों को गाये गीत वो गाओ जिससे इस मिटटी की खुश्बू आये मिटटी की खुश्बू आये... आई लव माई इंडिया... (2) वतन मेरा इंडिया सजन मेरा इंडिया करम मेरा इंडिया धरम मेरा इंडिया
यहा हर कदम कदम पे धरती बदले रंग यहा की बोली मे रंगोली सात रंग यहा हर कदम कदम पे धरती बदले रंग यहा की बोली मे रंगोली सात रंग धानी पगड़ी पहने मौसम है नीली चादर ताने अम्बर है नदी सुनहरी हरा समुन्दर है रे सजीला देस रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला.... सिन्दूरी गालो वाला सूरज जो करे ठिठोली शर्मीले खेतो को ढंक दे चुनर पीली पीली घूंघट मे रंग पनघट मे रंग चम् चम् चमकीला देस रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला.. अबिल गुलाल से चेहरे है यहां मस्तानो की टोली रंग हसी मे रंग ख़ुशी मे रिश्ते जैसे होली बातो मे रंग यादो मे रंग रंग रंग रंगीला देस रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला.. इश्क का रंग यहां पर गहरा चढ़ के कभी न उतरे सछे प्यार का ठहरा सा रंग छलके पर न बिखरे रंग अदा मे रंग हया मे है रसीला देस रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला.. यहां हर कदम कदम पे धरती बदले रंग यहां की बोली मे रंगोली सात रंग धानी पगड़ी पहने मौसम हैं नीली चादर ताने अम्बर हैं नदी सुनहरी हरा समुन्दर है रे सजीला देस रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला.. हो रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला देस रंगीला रंगीला देस मेरा रंगीला....
जिस देश में गंगा बहती है फिल्म के इस गाने में देश और देश में रहने वाले लोगों के अंदर की अच्छाई और सच्चाई को बताया जा रहा है।
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है, मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है, ज्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े में गुजारा होता है, थोड़े में गुजारा होता है, बच्चों के लिए जो धरती मां, सदियों से सभी कुछ सहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं, कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं, ये पूरब है पूरब वाले, हर जान की कीमत जानते हैं, हर जान की कीमत जानते हैं, मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज यही जो रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। हम कल क्या थे हम आज हैं क्या इसका ही नहीं अभिमान हमें, हम कल क्या थे हम आज हैं क्या इसका ही नहीं अभिमान हमें, जिस राह पे आगे बढ़ना है, है उसकी भी पहचान हमें, है उसकी भी पहचान हमें, इस धारा को किसने रोका, ये बंधके भला कब रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। जो जिससे मिला सीखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने, जो जिससे मिला सीखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने, मतलब के लिए अंधे होकर, रोटी को नहीं पूजा हमने, रोटी को नहीं पूजा हमने, अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है। होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है।
वंदे मातरम एल्बम का यह गाना सुनकर हर किसी के मन में देश प्रेम का सागर उमड़ पड़ता है।
मां…… वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, यहां वहां सारा जहां देख लिया है, कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है, 80 नहीं 100 दिन दुनिया घूमा है, नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं, मैं गया जहां भी, बस तेरी याद थी, जो मेरे साथ थी, मुझको तड़पाती रुलाती, सबसे प्यारी तेरी सूरत, प्यार है बस तेरा प्यार ही, मां तुझे सलाम, मां तुझे सलाम, अम्मा तुझे सलाम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, जनम जनम, तेरा हूं दीवाना मैं, झूमूं, नाचूं, गाऊं तेरे प्यार का तराना मैं, चंदा नहीं, सूरज नहीं, दुनिया की दौलत नहीं, बस लूटूंगा, तेरे प्यार का खजाना, इक नजर जब तेरी, होती है प्यार की, दुनिया तब तो मेरी, चमके दमके महके रे, तेरा चेहरा सूरज जैसा, चांद-सी ठंड है प्यार में, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, तेरे पास ही मैं आ रहा हूं, अपनी बाहें खोल दे, जोर से मुझको गले लगा ले, मुझको फिर वो प्यार दे, मां.. ओ ओ ओ.. तू ही जिंदगी है, तू ही मेरी मोहब्बत है, तेरे ही पैरों में जन्नत है, तू ही दिल, तू जां, अम्मा… मां तुझे सलाम, मां तुझे सलाम, अम्मा तुझे सलाम, मां तुझे सलाम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम
वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्यशामलां मातरम् । शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् । कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, अबला केन मा एत बले । बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् । तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि, तुमि मर्म त्वं हि प्राणा: शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति, हृदये तुमि मा भक्ति, तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् । त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् नमामि कमलां अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् । श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।। ~बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
यहां हम दिलजले फिल्म का ऐसा गीत प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसकी हर लाइन को हमें फॉलो करना चाहिए और अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए।
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ए वतन, ए वतन, ए वतन, जानेमन, जानेमन, जानेमन, ए वतन, ए वतन, ए वतन, जानेमन, जानेमन, जानेमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, इसकी मिट्टी से बने तेरे मेरे ये बदन, इसकी धरती तेरे मेरे वास्ते गगन, इसने ही सिखाया हमको जीने का चलन, जीने का चलन.. इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ए वतन, ए वतन, ए वतन जानेमन, जानेमन, जानेमन मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन शांति का उन्नति का प्यार का चमन अपने इस चमन को स्वर्ग हम बनाएंगे, कोना-कोना अपने देश का सजाएंगे, जश्न होगा जिंदगी का, होंगे सब मगन, होंगे सब मगन.. इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ए वतन, ए वतन, ए वतन, जानेमन, जानेमन, जानेमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन शांति का उन्नति का प्यार का चमन, इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ए वतन, ए वतन, ए वतन जानेमन, जानेमन, जानेमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन
भारत देश की समृद्धी और संस्कृति के बारे में बताता यह देशभक्ति गीत सिकंदर-ए-आजम से लिया गया है। जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा..
वो भारत देश है मेरा।
गुरुब्रह्मा गुरुविष्णु
गुरुदेव महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म
तत्समये श्री गुरुवे नम:
फिल्म -: सिकंदर ए आजम
संगीतकार -: हंसराज बहल
गीतकार -: राजेंद्र कृष्ण
गायक -: मोहम्मद रफ़ी
जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा वो भारत देश है मेरा ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला जहाँ हर बालक इक मोहन है और राधा इक-इक बाला जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा वो भारत देश है मेरा… जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये ये अमृत पिलवाये कहीं ये फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा वो भारत देश है मेरा… अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी का चारों ओर है घेरा वो भारत देश है मेरा… जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले किसी नगर मे किसी द्वार पर कोई न ताला डाले और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा वो भारत देश है मेरा…
संगीतकार : सी. रामचंद्र
गीतकार : कवि प्रदीप
गायक : लता मंगेशकर
गणतंत्र दिवस देश भक्ति गीत इस प्रकार हैं: ए मेरे वतन के लोगों, तुम ख़ूब लगा लों नारा ये शुभं दिन हैं हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा पर mat भुलो sema पर, वीरों ने है praan गवाए कुछ yaad उन्हे भी कर लो, कुछ yaad उन्हे भी कर लो जो लोट के ghar न आए, जो लोट के ghar न आए… ए मैरे वतन के लोगो, जऱा आख में भर लो पानी जो शहिद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुर्बानी ऐ मेरे वतन के लोंगो ज़रा आख में भर लो पानी जो शहिद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुर्बानी तुम भुल न जाओ उनको, इसलिए सूनो ये कहानी जो शहिदों हुए हैं, उनकी, जरा याद करो क़ुर्बानी… जब ghaayl हुआ हिमालया, ख़तरे में पड़ी आज़ादी जब तक थी सास लड़े वो.जब तक थी सांस लड़े वो, फिर अपनी लास बीछा दी सगिन पे धर कर माथां, सो गए अमर बलिदानी जो शाहिद्द हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी… जंब देश में थी दीवालि, वो खेल रहे थे होळी जब हम बेठे थे घरों में… जब हम बेठे थे घरों में, वो जहेल रहे थे गोली थे धन्य जवानों वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी जो शहिद हुए हैं उनकी, जरा याद करो क़ुर्बानी… कोई शिख कोई जाठ मराटा, 2 कोई गुर्खा कोई मद्रासी, -2 सर्हद पर मर्नेवाला… सरहद पर मरनेवाला, वो वीर था हिंदुस्थानी जो खुन गिरा पर्वत पर, वो खुन था भारतवासी जो शहिद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुरबानी… थी खुन से लत – पत काया, फीर भी बन्दुक उठाके 10 – 10 को 1 ने मारा, फिर गिर गए होस गंवा के जब आखिर समय आया तो…. जब अन्त-समय आया तो, कह गए के एब मरतें हैं खुश रहना देस के प्यारों… ख़ुश रहना देश के पयारों अब हम तो सफर करते हैं।.. -2 क्या लोग थे वो दिवाने, क्या लोग थे वो अभीमानी जो शहिद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी तुम भूल न जाओ उनको, इस्लिए कही ये कहानि जो शहिद हुए हैं, उनकी जरा याद करो कुर्बानि जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद की सेना… जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद की सेना..
कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों हां हां… साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं सर हिमालय का हमने न झुकने दिया मरते मरते रहा बाँकापन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा… ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर जान देने की रुत रोज़ आती नहीं हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं आज धरती बनी है दुल्हन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा… राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो तुम सजाते ही रहना नये क़ाफ़िले फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले बांधलो अपने सर से कफ़न साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा… खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर इस तरफ़ आने पाये न रावण कोई तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे छूने पाये न सीता का दामन कोई राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों!!
गणतंत्र दिवस के गीत
राष्ट्र-भक्ति ले हृदय मे हो खडा यदी देश सारा सकटो पर मातं कर यह देश विजयी हो हमारा ॥ क्या कभि किसने सूना है सुर्य छीपता तिमीर भय से क्या कभी सरिता-रुकी है बाध से बन पर्वत से जो न रुक्ते मार्ग चलते चिर कर सब संकटों-को वर्न करती कीर्ती उनको तोड़ कर सब असूर दल को धयेय मंदीर के पतिक को कन्टकों का ही सहारा ॥ हम न रुक्ने चले है सुर्य के यदि पुतर है तो हम न हट्नें को चले है सरित् की यदि प्रेरना को चरण अगद ने रखा है आ उसे कोइ हटाएं बहकात ज्वालामुखि यह आ उसे कोइ बुझाए म्रत्यु की पी कर सुधा हम चल पडेंगे ले दु-धारा ॥ ज्ञान के वि-ज्ञान के भी क्षेत्र मे हम बढ़ पडेगे निळ नभ के रूप के नव अरथ भी हम कर सकेंगे भोगं के वातावरण मे त्याग का सदेश देंगे तरास के घन बादलों-से सोख्य की वर्शा करेंगे स्वपन यह साकार करने संघठित हो हिन्दु-सारा ॥
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे तव शुभ आशिष मागे गाहे तव जय गाथा जन गण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता जय हे जय हे जय हे जय जय जय जय हे!
LYRICS OF AAO BACHCHON TUMHEN DIKHAYEN IN HINDI:
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम... उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है बाट-बाट पे हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की, इस मिट्टी से... ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से... जलियाँ वाला बाग ये देखो यहाँ चली थी गोलियाँ ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की इस मिट्टी से... ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की इस मिट्टी से...
राष्ट्रीय गीत | National Song of India
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्, शस्यश्यामलाम्, मातरम्! वंदे मातरम्! शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्, फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्, सुखदाम् वरदाम्, मातरम्! वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
Tere Mitti Song in Hindi
गाना: | तेरी मिट्टी |
फिल्म: | केसरी |
गायक: | बी प्राक |
गीतकार: | मनोज मुन्तशिर |
संगीतकार: | अर्को |
तलवारों पे सर वार दिए अंगारों में जिस्म जलाया है तब जाके कहीं हमने सर पे ये केसरी रंग सजाया है ए मेरी ज़मीं अफसोस नहीं जो तेरे लिए सौ दर्द सहे महफूज रहे तेरी आन सदा चाहे जान ये मेरी रहे न रहे ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरी मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे पीका ना पड़े कभी रंग तेरा जिस्म से निकल के खून कहे तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरजू तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरजू वो ओ.. सरसों से भरे खलिहान मेरे जहाँ झूम के भांगड़ा पा न सका आबाद रहे वो गाँव मेरा जहाँ लौट के बापस जा न सका ओ वतना वे मेरे वतना वे तेरा मेरा प्यार निराला था कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे मैं कितना नसीबों वाला था तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरजू तेरी नदियों में बह जावां तेरे खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरजू ओ हीर मेरी तू हंसती रहे तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो मैं मरता था जिस मुखड़े पे कभू उसका उजाला कम ना हो ओ माई मेरे क्या फिकर तुझे क्यूँ आँख से दरिया बहता है तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं और चाँद हमेशा रहता है तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरजू तेरी नदियों में बह जावां तेरे फसलों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरजू
पूरब और पश्चिम फिल्म का यह गीत भारत की सभ्यता, प्रेम और महानता का वर्णन बेहद अच्छे तरीके से करता है।
है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहां के गाता हूं
फिल्म : पूरब और पश्चिम
संगीतकार : कल्याणजी-आनंदजी
गीतकार : इन्दीवर
गायक : महेंद्र कपूर
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने भारत ने मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आयी तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलायी देता ना दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था धरती और चाँद की दूरी का अंदाज़ा लगाना मुश्किल था सभ्यता जहाँ पहले आयी सभ्यता जहाँ पहले आयी पहले जनमी है जहाँ पे कला अपना भारत वो भारत है जिसके पीछे संसार चला संसार चला और आगे बढ़ा यूँ आगे बढ़ा बढ़ता ही गया भगवान करे ये और बढ़े बढ़ता ही रहे और फूले-फले बढ़ता ही रहे और फूले-फले है प्रीत जहाँ की रीत सदा है प्रीत जहाँ की रीत सदा है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा काले – गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है कुछ और न आता हो हमको हमें प्यार निभाना आता है जिसे मान चुकी सारी दुनिया ओ जिसे मान चुकी सारी दुनिया मैं बात मैं बात वो ही दोहराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा जीते हो किसी ने देश तो क्या हमने तो दिलों को जीता है जहाँ राम अभी तक है नर में नारी में अभी तक सीता है इतने पावन हैं लोग जहाँ ओ इतने पावन हैं लोग जहाँ मैं नित-नित मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ इतनी ममता नदियों को भी जहाँ माता कह के बुलाते हैं इतना आदर इन्सान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं उस धरती पे मैंने जनम लिया ओ उस धरती पे मैंने जनम लिया ये सोच ये सोच के मैं इतराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा
Mera Rang De Basanti Chola Lyrics in Hindi
मेर रंग दे बसंती चोला हो आज रंग दे हो माँ ऐ रंग दे मेर रंग दे बसंती चोला आज़ादी को चली ब्याहने दीवानों की टोलियाँ खून से अपने लिखे देंगे हम इंक़लाब की बोलियाँ हम वापस लौटेंगे लेकर आज़ादी का डोला मेर रंग दे ... ये वो चोला है के जिस पे रंग न चढ़े दूजा हमने तो बचपन से की थी इस चोले की पूजा कल तक जो चिंगारी थी वो आज बनी है शोला मेर रंग दे ... सपनें में देखा था जिसको आज वही दिन आया है सूली के उस पार खड़ी है माँ ने हमें बुलाया है आज मौत के पलड़े में जीवन को हमने तौला मेर रंग दे ...
जागे हैं अब सारे लोग तेरे देख वतन गूंजे है नारों से अब ये ज़मीन और ये गगन कल तक मैं तन्हाँ था सूने थे सब रस्ते कल तक मैं तन्हाँ था पर अब हैं साथ मेरे लाखों दिलों की धड़कन देख वतन आज़ादी पाएंगे आज़ादी लायेंगे आज़ादी छाएगी आज़ादी आएगी जागे हैं अब सारे लोग तेरे देख वतन गूंजे है नारों से अब ये ज़मीन और ये गगन कल तक मैं तन्हाँ था सुने थे सब रस्ते कल तक मैं तन्हाँ था पर अब हैं साथ मेरे लाखों दिलों की धड़कन देख वतन हम चाहे आज़ादी हम मांगे आज़ादी आज़ादी छाएगी आज़ादी आएगी
अपने देश की धरती का गुण गान करने के लिए उपकार फिल्म में गाया गया यह गीत बच्चों के लिए देश की मिट्टी का महत्व बताने का सुंदर तरीका हो सकता है।
आ आ आ, ओ ओ ओ आ आ आ, ओ ओ ओ मेरे देश की धरती मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती आ आ आ, ओ ओ ओ आ आ आ, ओ ओ ओ बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं जीवन का राग सुनाते हैं, गम कोस दूर हो जाता है, खुशियों के कंवल मुस्काते हैं, खुशियों के कंवल मुस्काते हैं, ओ ओ ओ सुन के रहट की आवाजें, सुन के रहट की आवाजें यूं लगे कहीं शहनाई बजे, यूं लगे कहीं शहनाई बजे, आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे, दुल्हन की तरह हर खेत सजे, मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अंगड़ाइयां लेती है, ममता अंगड़ाइयां लेती है, क्यों न पूजें इस माटी को जो जीवन का सुख देती है, जो जीवन का सुख देती है, ओ ओ ओ ओ इस धरती पे जिसने जन्म लिया, इस धरती पे जिसने जन्म लिया उसने ही पाया प्यार तेरा, उसने ही पाया प्यार तेरा, यहां अपना पराया कोई नहीं, यहां अपना पराया कोई नहीं है सब पे है मां उपकार तेरा, है सब पे है मां उपकार तेरा, मेरे देश की धरती मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, ये बाग हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहां, खिलते हैं अमन के फूल यहां, गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहां, ऐसे हैं चमन के फूल यहां, रंग हरा हरि सिंह नलवे से, रंग लाल है लाल बहादुर से, रंग बना बसंती भगत सिंह, रंग बना बसंती भगत सिंह, रंग अमन का वीर जवाहर से, रंग अमन का वीर जवाहर से, मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती
ऐ मुहब्बत -२ ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए मैं हूँ तैयार हर इम्तिहां के लिए जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के... इक शोला हूँ मैं इक बिजली हूँ मैं आग रखकर हथेली पे निकली हूँ मैं दुश्मनों के हर एक आशियाँ के लिए जान बुलबुल की है ... ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए जान बुलबुल की है ... हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए और कोई भी कसम कोई भी वादा कुछ नहीं एक बस तेरी मोहब्बत से ज्यादा कुछ नहीं कुछ नहीं हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए सबसे पहले तू है तेरे बाद हर एक नाम है तू मेरा आग़ाज़ था तू ही मेरा अन्जाम है अन्जाम है हम जिऐंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए दिल दिया है जां भी ... मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है हम जिऐंगे या मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए दिल दिया है जां भी देंगे ... हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है हम जिऐंगे या मरेंगे ... तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां लूटते हैं सब लुटेरे दुल्हनों की डोलियां लुट रहा है आंप वो अपने घरों को लूट कर खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलीयां हम जिऐंगे या मरेंगे ...
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम आगे ही आगे बढाऊँगा कदम दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम! नन्हा मुन्ना राही हूँ... धूप में पसीना बहाऊँगा जहाँ हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ धरती पे फाके न पाएगें जन्म आगे ही आगे ... नया है ज़माना मेरी नई है डगर देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर भारत किसी से न रहेगा कम आगे ही आगे ... बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा दुनिया की आँखो का तारा बनूंगा रखूँगा ऊँचा तिरंगा हरदम आगे ही आगे ... शांति की नगरी है मेरा ये वतन सबको सिखाऊँगा प्यार का चलन दुनिया मे गिरने न दूँगा कहीं बम आगे ही आगे ...
यह देश भक्ति गीत 2023 हमने हिन्दुस्तानी फिल्म से लिया गया है। यह गाना बच्चों के लिए मुसीबत से लड़ने और हमेशा आगे बढ़ने का संदेश देता है।
फिल्म : हम हिन्दुस्तानी
संगीतकार : ऊषा खन्ना
गीतकार : प्रेम धवन
गायक : मुकेश
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ... आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं क्या देखें उस मंजिल को जो छोड़ चुके हैं चाँद के दर पे जा पहुंचा है आज ज़माना नये जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ... हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने कितने हैं अजंता हम को और सजाने अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ... आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं अपने हाथों को अपना भगवान बनाएं राम की इस धरती को गौतम की भूमी को सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ... हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो सोने की ये गंगा है चांदी की यमुना चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ...
इन्साफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्ही हो कल के दुनिया के रंज सहना और, कुछ ना मुँह से कहना सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के इन्साफ की डगर पे... अपने हों या पराए, सब के लिए हो न्याय देखो कदम तुम्हारा, हरगिज़ ना डगमगाए रस्ते बड़े कठिन हैं, चलना संभल-संभल के इन्साफ की डगर पे... इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना तन मन की भेंट देकर, भारत की लाज रखना जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के इन्साफ की डगर पे...
जागृति फिल्म का यह गीत गांधी जी के बलिदान और देश के लिए दिए गए उनके योगदान का वर्णन करता है।
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई वाह रे फकीर खूब करामात दिखाई चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल रघुपति राघव राजा राम शतरंज बिछा कर यहाँ बैठा था ज़माना लगता था कि मुश्किल है फिरंगी को हराना टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था दाना पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना मारा वो कस के दांव कि उल्टी सभी की चाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल रघुपति राघव रजा राम जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े मजदूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े हिन्दू मुसलमान सिख पठान चल पड़े कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल रघुपति राघव रजा राम मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी लाखों में घूमता था लिये सत्य की सोंटी वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी लेकिन तुझे झुकती थी हिमालय की भी चोटी दुनिया में तू बेजोड़ था इंसान बेमिसाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल रघुपति राघव रजा राम जग में कोई जिया है तो बापू तू ही जिया तूने वतन की राह में सबकुछ लुटा दिया मांगा न कोई तख्त न तो ताज ही लिया अमृत दिया सभी को मगर खुद ज़हर पिया जिस दिन तेरी चिता जली रोया था महाकाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल रघुपति राघव रजा राम
फिल्म : शहीद
संगीतकार : प्रेम धवन
गीतकार : प्रेम धवन
गायक : मुकेश, महेंद्र कपूर, राजेंद्र मेहता
मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे मेरा रंग दे बसंती चोला दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला मेरा रंग दे बसंती चोला ... जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला मेरा रंग दे बसंती चोला ...
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है मुट्ठी में है तकदीर हमारी मुट्ठी में है तकदीर हमारी हमने किस्मत को बस में किया है भोली भाली मतवाली आँखों में क्या है आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली आने वाली दुनिया का सपना सजा है नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है भीख में जो मोती मिलेगा लोगे या न लोगे ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है.. हमसे न छुपाओ बच्चो हमें तो बताओ आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज हो न भूखों की भीड़ होगी न दुखों का राज हो बदलेगा ज़माना यह सितारों पे लिखा है नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है...
भारत माता के प्रति आपने प्यार और समर्पण को दिखाता रोजा फिल्म का यह गीत हर किसी के दिल को छू जाता है।
भारत हमको जान से प्यारा है सबसे न्यारा गुलिस्तां हमारा है सदियों से भारत भूमि, दुनिया कि शान है भारत माँ कि रक्षा में, जीवन कुर्बान है भारत हमको जान से प्यारा है... उजड़े नही अपना चमन, टूटे नहीं अपना वतन गुमराह न कर दे कोई, बर्बाद न कर दे कोई मन्दिर यहाँ मस्जिद यहाँ, हिन्दु यहाँ मुस्लिम यहाँ मिलते रहे हम प्यार से, जागो... हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, सबसे प्यारा देश हमारा है जन्मभूमि है हमारी, शान से कहेंगे हम सब ही तो भाई भाई, प्यार से रहेंगे हम हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, भारत हमको जान से प्यारा है आसाम से गुजरात तक, बंगाल से महाराष्ट्र तक जाती कई धुन एक है, भाषा कई सुर एक है कश्मीर से मद्रास तक, कह दो सभी हम एक हैं आवाज दो हम एक हैं, जागो...
शहीद / ऐ वतन ऐ वतन
तू ना रोना, कि तू है भगत सिंह की माँ मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं डोली चढ़के तो लाते है दुल्हन सभी हँसके हर कोई फाँसी चढ़ेगा नहीं जलते भी गये कहते भी गये आज़ादी के परवाने जीना तो उसी का जीना है जो मरना देश पर जाने जब शहीदों की डोली उठे धूम से देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे ऐ वतन ऐ वतन... कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से कोई यूपी से है, कोई बंगाल से तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम फूल हर रंग के, आज हर डाल से नाम कुछ भी सही पर लगन एक है जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे ऐ वतन ऐ वतन ... तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का उस कदम का निशां तक मिटा देंगे हम जो भी दीवार आयेगी अब सामने ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
हकीकत / अब तुम्हारे हवाले है वतन साथियों
फिल्म : हकीकत
संगीतकार : मदन मोहन
गीतकार : कैफ़ी आज़मी
गायक : मोहम्मद रफ़ी
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथीयों अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों... सांस थमती गई, नब्ज जमती गई, फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं सर हिमालय का हमने न झुकने दिया मरते मरते रहा बाँकपन साथीयों अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों... जिन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर जान देने की रुत रोज आती नहीं हुस्न और इश्क दोनो को रुसवा करे वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं बाँध लो अपने सर पर कफ़न साथीयों अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों... राह कुर्बानियों की ना वीरान हो तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है जिन्दगी मौत से मिल रही है गले आज धरती बनी है दुल्हन साथीयों अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों... खेंच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर इस तरफ आने पाये ना रावण कोई तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे छूने पाये ना सीता का दामन कोई राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथीयों अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों...
फिल्म : काबुलीवाला
संगीतकार : सलिल चौधरी
गीतकार : प्रेम धवन
गायक : मन्ना डे
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझपे दिल कुर्बान, तू ही मेरी आरज़ू तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू तुझपे दिल कुर्बान... तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम तुझपे दिल कुर्बान... छोड़ कर तेरी गली को दूर आ पहुंचे हैं हम है मगर ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम जिस जगह पैदा हुए थे, उस जगह ही निकले दम तुझपे दिल कुर्बान...
भारत की खूबसूरती को बयान करता वीर-जारा फिल्म का यह गीत बच्चों के साथ ही बड़ों के मन को भी छू जाएगा।
ओ…….! अंबर हेठाँ धरती वसदी एथे हर रुत हँसदी हो ….! किन्ना सोणा देश है मेरा देश है मेरा ! देश है मेरा ! किन्ना सोणा देश है मेरा देश है मेरा ! देश है मेरा ! देश है मेरा ! धरती सुनहरी अंबर नीला हो ….! धरती सुनहरी अंबर नीला हर मौसम रंगीला ऐसा देश है मेरा हो ….! ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा हां ….! ऐसा देश है मेरा बोले पपीहा कोयल गाये बोले पपीहा कोयल गाये सावन घिर के आये ऐसा देश है मेरा हो …! ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा हां ….! ऐसा देश है मेरा कोठे ते का बोले ओये चिट्ठी मेरे माहिये दी विच आने दा वि ना बोले ओये चिट्ठी मेरे माहिये दी गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएं रंग बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़ उड़ जाएं पनघट पर पनहारन जब गगरी भरने आये मधुर मधुर तानों में कहीं बंसी कोई बजाए लो सुन लो कदम कदम पे है मिल जानी कदम कदम पे है मिल जानी कोई प्रेम कहानी ऐसा देश है मेरा हो …! ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा हां …! ऐसा देश है मेरा ओ ….! हां मेरी जुगनी दे धागे बांधे जुगनी ओस दे मूंह तो फब्बे जीनु साड इश्क दी लग्गे ओये साने मेरेया जुगनी मेरेया जुगनी कहंदी है ओ नाम सही पा लेंदी है ओ दिल कड़ लिता ई जींद मेरिये बाप के कंधे चढ़ के जहाँ बच्चे देखे मेले मेलों में नट के तमाशे कुल्फी के चाट के ठेले कहीं मिलती मीठी गोली कहीं चूरन की है पुड़िया भोले भोले बच्चे हैं जैसे गुड्डे और गुड़िया और इनको रोज सुनाये दादी नानी हो …! रोज सुनाये दादी नानी एक परियों की कहानी ऐसा देश है मेरा हो …! ऐसा देश है मेरा ऐसा देश है मेरा हां …! ऐसा देश है मेरा सड़के सड़के जांदी है मुटियारे नि कांटा चुभा फिर पैर बांकी नारे नि ओये ! नि अडिये कांटा चुभा फिर पैर बांकी नारे नि कौन कड़े तेरा कन्दरा मुटियारे नि कौन सहे तेरी पीड़ बांकिये नारे नि ओये ! नि अडिये कौन सहे तेरी पीड़ बांकिये नारे नि हो …! मेरे देश में मेहमानों को भगवान कहा जाता है वो यहीं का हो जाता है जो कहीं से भी आता है आ …! तेरे देश को मैंने देखा तेरे देश को मैंने जाना आ …! तेरे देश को मैंने देखा तेरे देश को मैंने जाना जाने क्यूँ ये लगता है मुझको जाना पहचाना यहाँ भी वही शाम है वही सवेरा ओ …! वही शाम है वही सवेरा ऐसा ही देश है मेरा जैसा देश है तेरा वैसा देश है तेरा हां …! जैसा देश है तेरा ऐसा देश है मेरा हो …! जैसा देश है तेरा ऐसा देश है मेरा हां …! जैसा देश है तेरा ऐसा देश है मेरा हो …! जैसा देश है मेरा
बच्चों के दिलों में देशभक्ति का जुनून भर देने वाला यह गाना लीडर फिल्म से लिया गया है, जो बच्चों को भी अच्छा लीडर बनने को प्रेरित करता है।
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है सैंकड़ों कुर्बानियाँ देकर ये दौलत पाई है मुस्कुरा कर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियां कितने वीरानो से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है ख़ाक में हम अपनी इज्ज़़त को मिला सकते नहीं अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं... क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले-वफ़ा के सामने आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने लाख फ़ौजें ले के आए अमन का दुश्मन कोई रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं... वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख बदलते जाएंगे ’गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं... हम वतन के नौजवाँ है हम से जो टकरायेगा वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जायेगा वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मो-सितम आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहरायेगा जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं...
पूरब और पश्चिम / है प्रीत जहाँ की रीत सदा
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाई देता ना दशमलव भारत तो, यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था धरती और चाँद की दूरी का, अंदाज़ लगाना मुश्किल था सभ्यता जहाँ पहले आई, पहले जनमी है जहाँ पे कला अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला संसार चला और आगे बढ़ा, ज्यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले-फले है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ जीते हो किसीने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है जहाँ राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ इतनी ममता नदियों को भी, जहाँ माता कहके बुलाते है इतना आदर इन्सान तो क्या, पत्थर भी पूजे जातें है उस धरती पे मैंने जन्म लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
जागृति / हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के... देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के... दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के... एटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया तुम हर कदम उठाना जरा देखभाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के... आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो सपनों के हिंडोलों मे मगन हो के न झुलो अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो उठो छलांग मार के आकाश को छू लो तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...
लन्दन देखा, पेरिस देखा और देखा जापान, माईकल देखा, एल्विस देखा , सब देखा मेरी जान, सारे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान, यह दुनिया एक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया, यह मेरा इंडिया , यह मेरा इंडिया, आई लव माय इंडिया , आई लव माय इंडिया...... जब छेड़ा मल्हार किसी ने, झूम के सावन आया, आग लगा दी पानी में जब, दीपक राग सुनाया, सात सुरों का संगम यह जीवन गीतों की माला, हम अपने भगवन को भी कहते हैं बांसुरी वाला, यह मेरा इंडिया, आई लव माय इंडिया...... पीहू पीहू बोले पपीहा , कोयल कुहू कुहू गाये, हँसते रोते हमने जीवन के सब गीत बनाये, यह सारी दुनिया अपने अपने गीतों को गाये, गीत वो गाओ जिससे इस मिट्टी की खुश्बू आये, मिट्टी की खुश्बू आये , आई लव माय इंडिया...... वतन मेरा इंडिया, सजन मेरा इंडिया, यह दुनिया एक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया, यह मेरा इंडिया , यह मेरा इंडिया, आई लव माय इंडिया , आई लव माय इंडिया...... करम मेरा इंडिया, धरम मेरा इंडिया...
-कमल
हमारा हक है हमारी दौलत़ किसी के बाबा का जर नहीं है, है मुल्क भारत वतन हमारा, किसी की खाला का घर नहीं है। ये आत्मा तो अजर-अमर है निसार तन-मन स्वदेश पर है है चीज क्या जेल, गन, मशीनें, कजा का भी हमको डर नहीं है। न देश का जिनमें प्रेम होवे, दु:खी के दु:ख से जो दिल न रोए, खुशामदी बन के शान खोए वो खर है हरगिज बशर नहीं है। हुकूक अपने ही चाहते हैं न कुछ किसी का बिगाड़ते हैं, तुझे तो ऐ खुदगरज ! किसी की भलाई मद्देनजर नहीं है। हमारी नस-नस का खून तूने बड़ी सफाई के साथ चूसा, है कौन-सी तेरी पालिसी वो कि जिसमें घोला जहर नहीं है। बहाया तूने हैं ख़ूँ उसी का, है तेरी रग-रग में अन्न जिसका, बता दे बेदर्द तू ही हक से, सितम यह है या कहर नहीं है। जो बेगुनाहों को सताता, कभी न वो सुख से बैठ पाता, बड़े-बड़े मिट गए सितमगर, तुझे क्या इसकी खबर नहीं है।
वंदे मातरम: ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भरलों पानी
– लता मंगेशकर जी_
कवि श्री प्रदीन जी द्वारा लिखित और दिल्ली स्टेडियम में सन् 1963 में कोकिला श्रीमती लता मंगेशकर द्वारा प्रस्तुत किया गया यह गाना हर किसी को उन महान सैनिकों की याद दिलाता है, उन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो -२ जो लौट के घर न आये -२ ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो क़ुरबानी जब घायल हुआ हिमालय खतरे में पड़ी आज़ादी जब तक थी साँस लड़े वो फिर अपनी लाश बिछा दी संगीन पे धर कर माथा सो गये अमर बलिदानी जो शहीद... जब देश में थी दीवाली वो खेल रहे थे होली जब हम बैठे थे घरों में वो झेल रहे थे गोली थे धन्य जवान वो आपने थी धन्य वो उनकी जवानी जो शहीद... कोई सिख कोई जाट मराठा कोई गुरखा कोई मदरासी सरहद पर मरनेवाला हर वीर था भारतवासी जो खून गिरा पवर्अत पर वो खून था हिंदुस्तानी जो शहीद... थी खून से लथ-पथ काया फिर भी बन्दूक उठाके दस-दस को एक ने मारा फिर गिर गये होश गँवा के जब अन्त-समय आया तो कह गये के अब मरते हैं खुश रहना देश के प्यारों अब हम तो सफ़र करते हैं क्या लोग थे वो दीवाने क्या लोग थे वो अभिमानी जो शहीद... तुम भूल न जाओ उनको इस लिये कही ये कहानी जो शहीद... जय हिन्द... जय हिन्द की सेना -२ जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा तुझे है पुकारा.. ये वो बंधन है, जो कभी टूट नहीं सकता -2 मिट्टी की है जो खुशबू , तू कैसे भुलायेगा तू चाहे कही जाए, तू लौट के आएगा नई-नई राहों में, दबी-दबी आहों में खोए-खोए दिल से तेरे, कोई ये कहेगा ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा तुझे है पुकारा.. ये वो बंधन है, जो कभी टूट नहीं सकता हम्म.. हम्म.. तुझ से ज़िन्दगी, है ये कह रही सब तो पा लिया, अब है क्या कमी पर दूर तू है अपने घर से आ लौट चल तू अब दीवाने जहाँ कोई तो तुझे अपना मानें आवाज़ दे तुजे बुलाने, वही देस ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा तुझे है पुकारा.. ये वो बंधन है, जो कभी टूट नहीं सकता हम्म.. हम्म.. ये पल है वही, जिस में है छुपी कोई एक सदी, सारी ज़िन्दगी तू ना पूछ रास्ते में काहे आये हैं इस तरह दो राहें तू ही तो है राह जो सुझाए तू ही तो है अब जो ये बताये चाहे तो किस दिशा में जाए वही देस ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा तुझे है पुकारा.. ये वो बंधन है, जो कभी टूट नहीं सकता हम्म.. हम्म..
[ कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं ] x 2 अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना [ कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं ] x 2 निकले हैं मैदाँ में हम जां हथेली पर लेकर अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंज़िल पर खतरों से हँसके खेलना इतनी तो हम में हिम्मत है मोड़े कलाई मौत की इतनी तो हम में ताक़त है हम सरहदों के वास्ते लोहे की एक दीवार हैं हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं जोश दिल में जगाते चलो जीत के गीत गाते चलो जोश दिल में जगाते चलो जीत के गीत गाते चलो जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं अपने लहू से हमे को उसमे रंग भरना है साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है या तो अब करना है, या तो अब मरना है चाहे अंगारे बरसे की बिजली गिरे तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे कोई मुश्किल या हो कोई मोर्चा साथ हर मोड़ पे होंगे साथी तेरे अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं एक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है इस दिल को चुपके चुपके वो तड़पाता है जब घर से कोई भी खत आया है कागज़ को मैंने भीगा भीगा पाया है पलको पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते है कुछ सपनें ऐसे है जो साथ साथ चलते हैं कोई सपना ना टूटे कोई वादा ना टूटे तुम चाहो जिसे दिल से वो तुमसे ना रूठे अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं चलता है जो ये कारवां, गूंजी सी है ये वादियाँ है ये जमीं, ये आसमा है, ये हवा, है ये समा हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर पर्बत ने सदा दी है हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हर बाज़ी [ कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं ] x 4
फिल्म -: नया दौर
संगीतकार -: ओ. पी. नय्यर
गीतकार -: साहिर लुधियानवी
गायक -: मोहम्मद रफी
ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का ओ … ओ … अति वीरों की ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का इस देश का यारों … होय!! इस देश का यारों क्या कहना ये देश है दुनिया का गहना ओ… ओ… यहाँ चौड़ी छाती वीरों की यहाँ भोली शक्लें हीरों की यहाँ गाते हैं राँझे … होय!! यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में मस्ती में झूमें बस्ती में ओ… ओ… पेड़ों में बहारें झूलों की राहों में कतारें फूलों की यहाँ हँसता है सावन … होय!! यहाँ हँसता है सावन बालों में खिलती हैं कलियाँ गालों में ओ… ओ… कहीं दंगल शोख जवानों के कहीं कर्तब तीर कमानों के यहाँ नित नित मेले … होय!! यहाँ नित नित मेले सजते हैं नित ढोल और ताशे बजते हैं ओ… ओ… दिलबर के लिये दिलदार हैं हम दुश्मन के लिये तलवार हैं हम मैदां में अगर हम … होय!! मैदां में अगर हम दट जाएं मुश्किल है के पीछे हट जाएं...
दुल्हन चली दुल्हन चली, ओ पहन चली, तीन रंग की चोली बाहों में लहराये गंगा जमुना, देख के दुनिया डोली दुल्हन चली, ओ पहन चली... ताजमहल जैसी ताजा है सूरत चलती फिरती अजंता की मूरत मेल मिलाप की मेहंदी रचाये बलिदानों की रंगोली दुल्हन चली ... और चमकेगी अभी और निखरेगी चढ़ती उमरिया है और निखरेगी अपनी आज़ादी की दुल्हनिया, ? के ऊपर होली दुल्हन चली ... मुख चमके ज्यों हिमालय की चोटी हो ना पड़ोसी की नीयत खोटी ओ घर वालों जरा इसको बचाना ये तो है बड़ी भोली दुल्हन चली ... देश प्रेम ही आज़ादी की दुल्हनिया का वर है इस अलबेली दुल्हन का सिन्दूर सुहाग अमर है माता है कस्तूरबा जैसी बाबुल गांधी जैसे चाचा जिसके नेहरु शास्त्री डरें ना दुश्मन कैसे डरें ना दुश्मन कैसे जिसके लिये जवान बहा सकते हैं ख़ून की गंगा आगे पीछे तीनों सेना ले के चलें तिरंगा सेना चलती है ले के तिरंगा - २ हों कोई हम प्रान्त के वासी हों कोई भी भाषा-भाषी सबसे पहले हैं भारतवासी - २ देश भक्ति गाना
हिन्दुस्तानी सुनो गौर से दुनिया वालों बुरी नजर ना हमपे डालो सुनो गौर से दुनिया वालों बुरी नजर ना हमपे डालो चाहे जितना जोर लगा लो सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी सुनो गौर से दुनिया वालों बुरी नजर ना हम पे डालो चाहे जितना जोर लगा लो सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी हमने कहा है तुम भी कहो हमने कहा है जो तुम भी कहो आओ मिलजुल के बोले अब तो यारा अपना जहां है सबसे प्यारा आओ मिलजुल के बोले अब तो यारा अपना जहां है सबसे प्यारा हमने कहा जो तुम भी कहो ओ ओ.. जलते सरारे पानी के धारे हैं हम काटे कटते नही जो वादा करते हैं करके निभाते हैं हम पीछे हटते नहीं वक्त है उम्र है जोश है और जान है ना झुके ना मिटे देश तो अपनी शान है हमने कहा है जो तुम भी कहो सुनो गौर से दुनिया वालों बुरी नजर ना हम पर डालो चाहे जितना जोर लगा लो सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी
मुझे उड़ाने हैं ऊंचे इरादे है हम कल की तस्वीरें हैं। जो हमें प्यार दे हम उसे यार प्यार दे दोस्ती के लिए जिंदगी अपनी वार दे हमने कहा है जो तुम भी कहो सुनो गौर से दुनिया वालों बुरी नजर ना हम पर डालो चाहे जितना जोर लगा लो सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी
फिल्म : बॉर्डर
संगीतकार : अनु मलिक
गीतकार : जावेद अख्तर
गायक : सोनू निगम, रूप कुमार राठौर
संदेशे आते हैं हो हो हो... संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन ये घर सूना सूना है संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन ये घर सूना सूना है किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने हमें खत लिखा है ये हमसे पूछा है किसी की साँसों ने किसी की धड़कन ने किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने महकती सुबहों ने मचलती शामों ने अकेली रातों में अधूरी बातों ने तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन ये दिल सूना सूना है संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन ये घर सूना सूना है मोहब्बत वालों ने हमारे यारों ने हमें ये लिखा है कि हमसे पूछा है हमारे गाँवों ने आम की छांवों ने पुराने पीपल ने बरसते बादल ने खेत खलियानों ने हरे मैदानों ने बसंती बेलों ने झूमती बेलों ने लचकते झूलों ने दहकते फूलों ने चटकती कलियों ने और पूछा है गाँव की गलियों ने के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन गाँव सूना सूना है संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन ये घर सूना सूना है ओ ओ ओ... कभी एक ममता की प्यार की गंगा की जो चिट्ठी आती है साथ वो लाती है मेरे दिन बचपन के खेल वो आंगन के वो साया आंचल का वो टीका काजल का वो लोरी रातों में वो नरमी हाथों में वो चाहत आँखों में वो चिंता बातों में बिगड़ना ऊपर से मोहब्बत अंदर से करे वो देवी माँ यही हर खत में पूछे मेरी माँ के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन आँगन सूना सूना है संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे के तुम बिन ये घर सूना सूना है ऐ गुजरने वाली हवा बता मेरा इतना काम करेगी क्या मेरे गाँव जा मेरे दोस्तों को सलाम दे मेरे गाँव में है जो वो गली जहाँ रेहती है मेरी दिलरुबा उसे मेरे प्यार का जाम दे उसे मेरे प्यार का जाम दे वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ मेरी माँ के पैरों को छू के तू उसे उसके बेटे का नाम दे ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा मेरे दोस्तों मेरी दिलरुबा मेरी माँ को मेरा पयाम दे उन्हें जा के तू ये पयाम दे मैं वापस आऊंगा मैं वापस आऊंगा घर अपने गाँव में उसी की छांव में कि माँ के आँचल से गाँव की पीपल से किसी के काजल से किया जो वादा था वो निभाऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
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तो दोस्तों मेंने आपको सभी देश भक्ति गीतों की लिस्ट दे दी है उम्मीद करता हूँ कि आपको ये लेख अच्छा लगा होगा और आप इन सभी कविताओं का प्रयोग किसी भी सरकारी कार्यक्रम में कर सकते है। धन्यवाद, हो सके तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा साझा जरूर करें और देशभक्ति दिखाएँ आपकी अति कृपया होगी।
Desh Bhakti Geet 2023, देश भक्ति गीत 2023 का कलेक्शन आपको अच्छा लगा हो तो अपने देश के प्रेम के लिए इसे शेयर करें और देश भक्त होने के नाते आपको देश को स्वच्छ रखना है और समानता और प्रेम को बढ़ावा देना है।
भारतीय देश भक्ति गीत ऐसे गीत है जिसे सुनना हर किसी को पसंद है और प्रत्येक व्यक्ति देश भक्ति माहौल में देश भक्ति गाने सुनना पसंद करते है और गाना भी। भारतीय संगीत दुनिया में देश भक्ति गीत को इस कदर गाया गया है जिससे ये मिलता है कि हमारे देश के लोगों में अपने देश को लेकर काफी प्यार है और देश भक्ति लगाव भी है और ये भी माना जाता है कि देश प्रेमी देश के लिए। देश भक्ति गीत एक शक्ति है। भारतीय गणतंत्र दिवस और स्वतंत्र दिवस के साथ साथ बहुत से ऐसे दिवस आते है जब हमे देश भक्ति गाने सुनने का मौका मिलता है।
जय हिन्द जय भारत, धन्यवाद
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बहुत अच्छा पोस्ट आपने लिखा है सभी अच्छे भक्ति गीतों का संग्रह किया
धन्यवाद!
great song
Bahut ache deshbhakti song.
Lal rang kisko darsata hai reil
very nice
बहुत अच्छा पोस्ट आपने लिखा है सभी अच्छे भक्ति गीतों का संग्रह किया
धन्यवाद!
I'm so happy it's so good 👍
Very good