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भारतीय अभिनेता/अभिनेत्री

धर्मेंद्र का जीवन परिचय, शिक्षा, परिचय, फ़िल्में और उनकी पत्नी

धर्मेंद्र का जीवन परिचय

नमस्कार, आज के इस लेख में आपको धर्मेंद्र का जीवन परिचय बताया जाएगा| धर्मेन्द्र सिंह की जीवनी में आपको धर्मेन्द्र सिंह का सम्पूर्ण जीवन परिचय बताया जाएगा.

धर्मेन्द्र सिंह जी के बारे में बताने की जरूरत तो नहीं है लेकिन फिर भी मै आपको धर्मेन्द्र सिंह के बारे में सारी जानकारी दूंगा|

धर्मेन्द्र सिंह बॉलीवुड में बहुत पहले से एक अभिनेता के रूप में काम करते आ रहे हैं| धर्मेन्द्र सिंह का जन्मदिन 08 दिसम्बर को आता है धर्मेन्द्र सिंह के फैन फोलोवेर्स लाखों करोड़ों की तादाद में हैं.

धर्मेन्द्र सिंह जी के बारे में बहुत सी बातें हैं जो किसी किसी को पता है|

धर्मेन्द्र सिंह जी भारत में जन्मे हैं उन्होने अपना फिल्मी करीयर 1960 के दशक में शुरू कर दिया था|

धर्मेन्द्र सिंह जी के फिल्मी डायलोग से उन्हे लाखों लोगों से प्रसंसा मिली| लोगों को धर्मेन्द्र सिंह इतने पसंद है की आज भी उनकी फिल्मों को देखने के लिए लाखों फेन लाइन में होते हैं|

धर्मेंद्र का जीवन परिचय हिंदी में

नाम : धर्मेन्द्र सिंह देओल
जन्मदिन : 08 दिसम्बर 1935
आयु : 83 वर्ष (2018)
जन्मस्थान : नसराली (गाँव), खन्ना (तहसील), पंजाब (भारत)
राशि : धनु
घर : साहनेवाल, पंजाब, भारत
निक नाम : “धर्म, “गर्म धर्म,””बॉलीवूड के ही-मैंन”
माता पिता : सतवन्त कौर (माता) ओर केवल किशन सिंह देओल (पिता)
भाई बहन : आजमीट देओल (भाई)
पहली पत्नी : प्रकाश कौर
दूसरी पत्नी : हेमा मालिनी (बॉलीवूड अभिनेत्री)
बच्चे : सन्नी देओल (अजय सिंह देओल), बॉबी देओल( विजय सिंह देओल)(पहली पत्नी से), बेटियाँ- विजेता देओल और अजीता देओल(पहली पत्नी से) और ईशा देओल और आहाना देओल (दूसरी पत्नी से)
शिक्षा : 12वीं पास (इंटरमीडिएट आर. जी. (रामगड़िया) कॉलेज फगवाड़ा, पंजाब
काम काज : फिल्म अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ
राजनितिक साफर : भारतीय जनता पार्टी
राजनीतिक यात्रा : सन् 2003 : भारतीय जनता पार्टी, सन् 2004  : में भारतीय जनता पार्टी से राजस्थान के बीकानेर क्षेत्र से सांसद चुने गए|
धर्मेन्द्र सिंह की बॉडी
लंबाई : 173 से० मी०, 1.73 मी०, 5’8’’ फिट
(वजन) : 70 कि० ग्रा०
आँखों का रंग : काला
बालों का रंग : काला

धर्मेन्द्र सिंह के पुरस्कार – Dharmendra Biography in Hindi

1991 : सर्वश्रेष्ठ फिल्म घायल निर्माता के रूप में फिल्मफेयर अवॉर्ड और उत्तम मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए  राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया|

1997 : भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया|

2007 : IIFA लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया|

1991 : प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया|

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धमेन्द्र सिंह के वाद विवाद – धर्मेन्द्र की जीवन कहानी

  • 1980 में, जब उन्हें हेमा मालिनी से विवाह करना था, तब उस समय उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर ने उन्हें तलाक नहीं दिया था| जिसके चलते धर्मेन्द्र ने इस्लाम धर्म अपनाया| जिसकी मीडिया में काफी आलोचना हुई|
  • वर्ष 2004 में अपने चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा एक विवादास्पद बयान दिया, जिसकी काफी आलोचना हुई| अपने बयान में उन्होंने कहा था कि “उन्हें भारत का प्रशासक बना देना चाहिए, ताकि वह यहाँ के नागरिकों को शिष्टाचार/नैतिकता के उन नियमों को सीखा सकें, जो लोकतंत्र के लिए आवश्यक हैं|”
  • संसद में संसदीय सदस्य के रूप में गैरहाजिर होने पर मीडिया में उनकी काफी आलोचना की गई|

धर्मेंद्र का जीवन परिचय – Biography Of Dharmendra in Hindi

धर्मेंद्र सिंह का जन्म लुधियाना में हुआ था| लुधियाना के नुसराली गांव में धर्मेंद्र सिंह के पिता केवल किशन सिंह सरकारी मैथ के टीचर थे जो साहनेवाल गाँव के प्रारंभिक स्कूल में पढ़ाई करते हुए और उनकी माँ का नाम से सतवन्त कौर था.

धर्मेंद्र सिंह का बचपन साहनेवाल गांव में गुजरा| धर्मेंद्र सिंह की पढ़ाई उनके पिता के स्कूल से ही हुई| धर्मेंद्र बचपन से ही बहुत शरारती थे.

धर्मेन्द्र सिंह की पर्सनल लाइफ – धर्मेन्द्र का इतिहास

धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की शादी : हेमा मालिनी से शादी करने के लिए धर्मेन्द्र ने इस्लाम धर्म अपना लिया| धर्मेन्द्र की पहली शादी प्रकाश कौर से 19 वर्ष की उम्र में 1954 में हुई, उनकी दूसरी शादी बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ हुई| असल में धर्मेन्द्र का गाँव जिला लुधिआना के अंतर्गत साहनेवाल है। जो अब कसबे का रूप ले चुका है.

धर्मेन्द्र की पढाई फगवाडा के आर्य हाई स्कूल एवं रामगढ़िया स्कूल में हुई| ये उनकी बुआ का शहर है| जिनका बेटा वीरेंदर पंजाबी फ़िल्मों का सुपर स्टार तथा प्रोड्यूसर डायरेक्टर था| आतंक के दौर में लुधिआना में ही फ़िल्म जट ते ज़मीन की शूटिंग के दौरान आतंकियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी.

धर्मेन्द्र का फिल्मी करियर – धर्मेन्द्र की पहली फिल्म का नाम क्या है ?

धर्मेन्द्र की फिल्मों की शुरुआत “फिल्मफेयर मैगज़ीन न्यू टैलेंट अवार्ड” जीतने के बाद हुई| धर्मेन्द्र पंजाब से मुंबई काम ढूंढने के इरादे से आये थे| धर्मेन्द्र की पहली फिल्म सन् 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की आई फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से उन्होंने बॉलीवुड में कदम बड़ाया था|

इसके बाद 1961 में आई फिल्म बॉय फ्रेंड में वे सह-कलाकार की भूमिका में नजर आये और फिर 1960 से 1967 के बीच उन्होंने कई रोमांटिक फिल्मे की|

धर्मेन्द्र की फिल्में नूतन के साथ सूरत और सीरत (1962), बंदिनी (1963), दिल ने फिर याद किया (1966) और दुल्हन एक रात की (1967) में काम किया है|

माला सिंह के साथ अनपढ़ (1962), पूजा के फूल (1964), बहारें फिर भी आएँगी में काम किया है|

नंदा के साथ आकाशदीप, सायरा बानू के साथ ‘शादी’ और आयी मिलन की बेला (1964) और मीना कुमारी के साथ मैं भी लड़की हूँ (1964), काजल (1965), पूर्णिमा (1965) और फूल और पत्थर (1966) में काम किया है|

धर्मेन्द्र की पहली एक्शन फिल्म फूल और पत्थर (1966) में उनका एकल किरदार था जिसकी वजह से इसी फिल्म से लोग उन्हें एक्शन हीरो के नाम से पहचानने लगे थे और इसके बाद उन्होंने 1971 में आई एक्शन फिल्म मेरा गाँव मेरा देश की|

सन् 1966 की हाईएस्ट-ग्रोसिंग फिल्म “फूल और पत्थर” साबित हुई और धर्मेन्द्र को इसके लिये बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर में पहला नॉमिनेशन भी मिला था|

उन्होने 1975 से रोमांटिक और एक्शन दोनों तरह की फिल्मे की । उस समय में उन्होंने कई कॉमेडी फिल्मे भी की थी जिनमे तुम हसीं मै जवान, दो चार, चुपके चुपके, दिल्लगी, नौकर बीवी का शामिल है|

धर्मेन्द्र की अभी तक की सबसे सफलतम साथी कलाकार उनकी पत्नी हेमा मालिनी रहीं| धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी दोनों ने कई फिल्मो में एक साथ काम किया है जिनमे राजा जानी, सीता और गीता, शराफत, नया ज़माना, पत्थर और पायल, दोस्त, चरस, माँ, चाचा भतीजा, तुम हसीन मैं जवान, जुगनू, आज़ाद और शोले शामिल है.

इंडिया टाइम्स ने शोले फिल्म को “टॉप 25 मस्ट सी बॉलीवुड फिल्म ऑफ़ ऑल टाइम” भी बताया| 2005 में 50 वे एनुअल फिल्मफेयर अवार्ड के जज ने शोले फिल्म को फिल्म फेयर बेस्ट फिल्म ऑफ़ 50 इयर का अवार्ड भी दिया.

धर्मेन्द्र की फिल्मी कहानी – धर्मेंद्र का जीवन परिचय

सन् 1974 से सन् 1984 के दरमियाँ आई ज्यादातर एक्शन फिल्मे धर्मेन्द्र ने ही की, जिनमे धरम-वीर, चरस, आज़ाद, कातिलों के कातिल, गजब राजपूत, भागवत, जानी दोस्त, धर्म और कानून, मैं इन्तेकाम लूँगा, जीने नहीं दूंगा, हुकूमत और राज तिलक शामिल है। राजेश खन्ना के साथ उन्होंने 1986 में बी फिल्म मोहब्बत की कसम की थी|

धर्मेन्द्र ने बहुत से डायरेक्टरो के साथ काम किया है, जिनके साथ उन्होंने अलग-अलग तरह की फिल्मे की है| उनका सबसे लंबा सहयोग डायरेक्टर अर्जुन हिंगोरानी के साथ 1960 से 1991 तक रहा|

बतौर अभिनेता दिल भी तेरा हम भी तेरे धर्मेन्द्र की पहली फिल्म थी| इसके बाद अर्जुन और धर्मेन्द्र ने कब ? क्यू ? और कहाँ ?, कहानी किस्मत की, खेल खिलाडी का, कातिलों का कातिल और कौन करे कुर्बानी में साथ-साथ काम किया|

धर्मेन्द्र की जीवनी – Dharmendra History in Hindi

इसके बाद उन्होंने डायरेक्टर प्रमोद चक्रवर्ति के साथ नया जमाना, ड्रीम गर्ल, आजाद और जुगनू में साथ-साथ काम किया|

इसके बाद धर्मेन्द्र ने फिल्म यकीन (1969) में दोहरी (हीरो और विलन) भूमिका निभाई, इसके बाद समाधी (1972) में पिता और पुत्र, गज़ब (1982) में जुड़वाँ भाई और जीओ शान से में ट्रिपल रोल में नजर आये थे|

धर्मेन्द्र की सफलता की कहानी – Dharmendra Success Story in Hindi

धर्मेन्द्र ने कपूर परिवार में पृथ्वीराज और करीना कपूर को छोड़कर सभी के साथ काम किया है| इसके साथ ही उन्होंने अपनी स्थानिक भाषा पंजाबी में भी, कंकन दे ओले (मेहमान की भूमिका) (1970), दो शेर (1974), दुःख भजन तेरा नाम (1974), तेरी मेरी इक जिन्दरी (1975), पुत्त जट्टां दे (1982) और कुर्बानी जट्टां दी (1990) जैसी फिल्मे की|

1980 और 1990 के बीच उन्होंने बतौर मुख्य अभिनेता और बतौर सह-कलाकार कई फिल्मे की|

सन् 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला| दिलीप कुमार और उनकी पत्नी सायरा बानू के हाँथो से अवार्ड लेते समय धर्मेन्द्र भावुक हो गए थे.

उस समय धर्मेन्द्र ने कहाँ की बहुत सी सफल और सुपरहिट फिल्मे करने के बावजूद कभी उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड नही मिला और अबतक वे 100 से भी ज्यादा सफल फिल्मे कर चुके है|

उसी मौके पर दिलीप कुमार ने कहाँ की, “जब कभी भी मै भगवान से मिलूँगा तब मै उनसे एक ही शिकायत करूंगा की उन्होंने मुझे धर्मेन्द्र जितना खुबसूरत क्यु नही बनाया ?”

इसके बाद उन्होंने प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाया, उन्होंने अपने दोनों बेटो को फिल्म में लांच किया, सनी देओल को बेताब (1983) में और बॉबी देओल को बरसात (1995) और भतीजे अभय देओल को सोचा ना था (2005)|

इसके साथ ही वे अपनी फिल्म सत्यकाम (1969) और कब क्यु और कहाँ (1970) के प्रेसेंटर भी थे। प्रिटी जिंटा ने एक इंटरव्यू में कहाँ था की धर्मेन्द्र ही उनके सबसे पसंदीदा अभिनेता है|

वह चाहती थी की फिल्म हर पल (2008) में धर्मेन्द्र उनके पिता की भूमिका निभाए।

2003 से कुछ समय तक एक्टिंग से दूर रहने के बाद, बतौर अभिनेता 2007 में उन्होंने फिल्म लाइफ इन ए….मेट्रो और अपने की। उनकी ये दोनों ही फिल्मे दर्शको और आर्थिक रूप से सुपरहिट रही|

इसके बाद वे अपने दोनों बेटो के साथ पहली बाद फिल्म में दिखे। इसके बाद उनकी दूसरी फिल्म जोहनी गद्दार थी, जिसमे उन्होंने एक विलन का किरदार निभाया था|

2011 में उन्होंने फिर अपने बेटो के साथ फिल्म यमला पगला दीवाना में काम किया जो 14 जनवरी 2011 को रिलीज़ हुई। इसके बाद उन्होंने इसका ही दूसरा भाग यमला पगला दीवाना 2 भी की जो 2013 में रिलीज़ हुई|

अपनी बेटी ईशा और पत्नी हेमा के साथ धर्मेन्द्र 2011 में आई फिल्म टेल मी ओ खुदा में नजर आये थे| 2014 में उन्होंने पंजाबी फिल्म डबल दी ट्रबल में डबल रोल किया है|

सन् 2011 में धर्मेन्द्र ने साजिद खान की जगह प्रसिद्ध टीवी शो इंडिया गोट टैलेंट की के तीसरे संस्करण को जज किया है| 29 जुलाई 2011 को इंडिया गोट टैलेंट कलर्स पर आया था जिसकी शुरुवाती रेटिंग उसके पिछले दो संस्करणों से काफी ज्यादा थी|

धर्मेन्द्र अपने स्टंट दृश्य बिना डुप्लीकेट की सहायता के स्वयं ही करते थे। धर्मेंद्र ने चिनप्पा देवर की फ़िल्म माँ में एक चीते के साथ सही में फाइट किया था.

धर्मेंद्र का राजनीतिक करिय – धर्मेंद्र का जीवन परिचय हिंदी में

धर्मेन्द्र का फिल्मों के करियर के साथ साथ उन्होने राजनीति में भी अपना करियर बनाया है| धर्मेन्द्र राजनीती में काफी सक्रीय है|

सन् 2004 के जनरल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पे वे राजस्थान के बीकानेर से चुनाव जीते थे और उन्हें पार्लियामेंट का सदस्य भी बनाया गया|

धर्मेन्द्र के चुनावी अभियान के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों तक अपने विचार प्रकट किये थे और देश के लोगो को लोकतंत्र का अर्थ समझाने की कोशिश की थी। लेकीन इस दौरान उन्होंने कई आलोचनात्मक बाते भी की थी|

संसद के सदस्य होने के बावजूद वे बहुत कम संसद जाते थे। क्योकि वे अपना ज्यादातर समय फिल्मो की शूटिंग और फार्म हाउस को ही देते थे।

तो दोस्तों धर्मेन्द्र का जीवन परिचय यहीं पर विराम लेता है उम्मीद करता हूँ की आपको ये लेख बहुत अच्छा लगा होगा| अगर आपको सच में ये लेख अच्छा लगा है तो कृपया करके देरी न करें इसको जितना हो सके उतना शेयर करें| “धन्यवाद”.

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