आज मै आपको शाहरुख खान का जीवन परिचय बताने जा रहा हूँ| शाहरुख खान का संघर्ष और शाहरुख खान की कामयाबी की वजह अथवा शाहरुख खान की कामयाबी का राज.
शाहरुख खान के जीवन में उन्होने बहुत सी परेशानियों का सामना किया| शाहरुख खान की लव लाइफ के बारे में भी आपको आज जानकारी मिलेगी.
शाहरुख खान के बारे में बताना एक अपने आप में ही अलग बात है क्योंकि शाहरुख खान की जीवनी से हमे मोटिवेशन मिलता है हमें शाहरुख खान के बच्चों आदि के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी| तो चलिए आगे पढ़ते है शाहरुख खान का जीवन परिचय.
शाहरुख खान का बायोडाटा
पूरा नाम : | शाहरुख खान |
जन्म : | 02 नवंबर 1965 |
शाहरुख खान की माता : | लतीफ फातिमा |
शाहरुख खान के पिता : | मीर ताज मोहम्म्द खान |
शाहरुख खान की पत्नी का नाम : | गौरी खान (हिन्दू) |
बहन : | शहनाज (लालरुख) |
धर्म : | पठान (मुस्लिम) |
शाहरुख खान की शादी : | 25 अक्टूबर 1991 (लव मैरिज) |
लंबाई : | 173 से० मी० |
जन्मस्थान : | नई दिल्ली |
घर : | मन्नत (मुंबई) |
काम काज : | अभिनेता, निर्माता, टीवी होस्टिंग| |
अवार्ड्स : | पदमश्री, किंग खान | |
संपत्ति : | 5100 करोड़ रुपए (15-10-2018) |
बच्चे : | आर्यन खान, सुहाना खान, अबराम खान |
शाहरुख खान के पिता श्री ताज मोहम्म्द खान भारत की आजादी के एक सेनानी थे| उन्होने भी आजादी के लिए अपना योगदान दिया था| पेशे से वे एक वकील थे.
ख़ान के पिता हिंदुस्तान के विभाजन से पहले पेशावर के किस्सा कहानी बाज़ार से दिल्ली आए थे हालांकि उनकी माँ रावलपिंडी से आयीं थी.
शाहरुख खान की एक बहन भी हैं जिनका नाम है शहनाज़ और जिन्हें प्यार से लालारुख बुलाते हैं.
अपने माता पिता के देहांत के उपरांत ख़ान 1991 में दिल्ली से मुम्बई आ गए|
1991 में उनका विवाह गौरी ख़ान के साथ हिंदू रीति रिवाज़ों से हुआ| उनकी तीन संतान हैं – एक पुत्र आर्यन (जन्म 1997) और एक पुत्री सुहाना (जन्म 2000) व पुत्र (27 मई 2013) अब्राहम|
शाहरुख खान लोगों के दिलों में राज करने वाले व्यक्ति है हालांकि शाहरुख खान का काम काज फिल्में बनाना है|
शाहरुख खान ने अपने जीवन काम में बहुत सी फिल्मों में काम किया है आज भी 50 से ज्यादा उम्र होने के बावजूद भी फिल्मों में काम करने की जिज्ञासा रखते है.
शाहरुख खान को बॉलीवुड का किंग खान कहा जाता है| शाहरुख खान ने भी गरीबी का सामना किया है उन्होने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई थी|
शाहरुख खान के जीवन काल में जब शाहरुख खान के करियर की शुरुआत ही हुई थी तब उन्होने गरीबी का मुंह भी देखा था.
शाहरुख खान का नाम मशहूर ब्रांड अमबेसडेर लोगों में आता है लेकिन क्या किसी ने सोचा था की एक छोटा सा लड़का जिसके पास पैसों की कमी थी कैसे कैसे उसने अपने करियर की शुरुआत की ?
खैर कुछ लोगों को ये जानने में मजा आता है की सामने वाले के पास कितना पैसा है वो कितना अमीर है लेकिन कोई ये जरा भी नहीं जानना चाहता की सामने वाले ने कैसे कैसे अपने जीवन की शुरुआत की कितनी ठोकरे खाईं होंगी अपने जीवन में, कितने लोगों ने अपने दरवाजे पर से धक्का देके निकाला होगा.
मैं शाहरुख खान की फिल्में देखना पसंद करता हूँ इसलिए नहीं क्योंकि मुझे शाहरुख खान पसंद है बल्कि इसलिए क्योंकि शाहरुख खान की प्रत्येक फिल्म में हंसी मजाक, लड़ाई झगड़े, प्यार मोहब्बत वाली, सारी बाते होती है और साथ में सबसे बड़ी चीज की कुछ न कुछ सीखने को भी मिलता है.
ऐसे तो बहुत से अभिनेता है जो कुछ न कुछ अलग करते ही है लेकिन शाहरुख खान अपनी जगह हिट है.
शाहरुख खान की शिक्षा सेंट कोलम्बिया स्कूल (दिल्ली) से सम्पन्न हुई|
सन् 1985 में शाहरुख खान की शिक्षा हंसराज कॉलेज (दिल्ली) में शुरू हुई और सन् 1988 उन्होने अर्थशास्त्र (Economics) की डिग्री हंसिल की, उसके बाद जब वो ग्रेजुएट हो गए थे तब आगे की शिक्षा के लिए उन्होने जामिया मिलिया इसलामिया यूनिवरसिटि में दाखिला लिया लेकिन अपने अभिनय में रुचि के चलते उन्होने आगे की शिक्षा को पूर्णविराम दे दिया.
शाहरुख खान का कठिन समय भी कहा जा सकता है| शाहरुख खान को बचपन से ही अभिनय करने का शौक था| वे अपने स्कूल कॉलेज आदि में अभिनय किया करते थे.
अब उन्हे उनकी जिंदगी में इतना कुछ सीखने को मिला की उन्होने सोचा क्यों न अभिनय में अपना करियर बनाया जाए| उन्हे अभिनय के चलते काफी सारे पुरस्कार आदि भी मिले थे.
शाहरुख खान के माता पिता भी उनको काफी सपोर्ट करते थे| लेकिन वो कहते हैं की भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था| जी हाँ कुछ समय के बाद जब शाहरुख खान 16 वर्ष के हुए तो उनके पिता श्री ताज मोहम्म्द खान जी का कैंसर के चलते दिहान्त हो गया.
उनके पिता जी के गुजर जाने के बाद उनकी माता ने शाहरुख खान की हिम्मत को बढ़ाया और आगे की पढ़ाई के लिए उन्हे हंसराज कॉलेज में दाखिला दिला दिया| शाहरुख खान का मन अभिनय करने में था जिसके चलते उनकी माता ने उन्हे थिएटर एक्शन ग्रुप भी जॉइन करा दिया.
थिएटर एक्शन ग्रुप में उनके गुरु बैरी जॉन ने अभिनय का पूरा ज्ञान दिया| शाहरुख खान की ग्राजुएशन की शिक्षा तो पूरी हो गयी थी लेकिन आगे की शिक्षा के लिए उन्होने जामिया में दाखिला लिया पर अभिनय में रुचि के चलते उन्होने पढ़ाई को छोड़ दिया.
उनका पूरा मन अभिनय में था वो अपना पूरा ध्यान अपनी एक्टिंग के क्षेत्र में लगाते रहे|
सन् 1990 में उनकी माता जी का स्वर्गवास हो गया| शाहरुख खान से आज भी उन दिनो के बारे में बात की जाती है तो उनकी आँखें नम हो जाती है और उनका कहना होता है की वो दिन उनके सबसे नाजुक दिनों में से थे|
बिना माता पिता के जीवन जीना बिलकुल अकेले रेहना अपने आप में ही एक सजा है.
शाहरुख खान के पास उस समय कोई साया भी नहीं था न माता-पिता का हाथ और न ही कमाई का कोई जरिया था.
शाहरुख खान की पर्सनल लाइफ के बारे में कहें तो वो बहुत अच्छे पिता है और उससे भी ज्यादा अच्छे पति है उन्होने पूरी लाइफ में एक ही शादी की है.
शाहरुख खान की पत्नी का नाम गौरी खान है| जी हाँ उन्होने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन पर आ रहे सिरीयल फौजी से की थी उसमे उन्होने एक कमांडो की भूमिका अदा की|
शाहरुख खान की लाइफ में एक लड़की आयी जिनका नाम गौरी खान है| शाहरुख खान उनसे प्यार कर बैठे लेकिन तब उनका करियर सैटल नहीं हुआ था| गौरी एक हिन्दू लड़की थीं और शाहरुख खान एक मुस्लिम परिवार से थे शाहरुख खान का समय कठिन था.
हिन्दू समाज और मुस्लिम समाज में थोड़ी अनबन थी| गौरी के घर वाले मुस्लिम लड़के के लिए बिलकुल खिलाफ थे लेकिन कुछ समय के बाद जब शाहरुख खान को काम मिलने लगा| शाहरुख खान ने अपने 1989 में सर्कस नाम के शो में काम किया था| जो लोगों को काफी पसंद आया.
शाहरुख खान ने उसी साल एक अँग्रेजी फिल्म में छोटा सा रोल् किया जिसे हेमा मालिनी (अभिनेत्री) ने देखा और शाहरुख खान को फोन किया की तुम मुंबई आ जाओ में तुम्हारे साथ एक फिल्म करना चाहती हूँ लेकिन शाहरुख खान को लगा की कोई उनके साथ मज़ाक कर रहा है.
शाहरुख खान की बेरोजगारी को देख कर गौरी के माता-पिता को शाहरुख से कोई उम्मीद नहीं रही| उन्होने गौरी को मुंबई भेज दिया और फिर से शाहरुख खान अकेले पढ़ गए थे| कुछ समय के बाद शाहरुख खान ने मुंबई जाने का फैसला लिया ओर गए भी|
सन् 1991 में शाहरुख खान का मुंबई में आना हुआ उस समय उनके हाथ में केवल 10000 रुपए थे|
शाहरुख खान गौरी को खोजते रहे| लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था उनके हाथ जो रुपए थे सब खर्च हो गए थे|
अब इतना खराब समय था की उनके पास 20 रुपए ही बचे थे जिसमे वे केवल एक या दो टाइम का खाना ही खा सकते थे|
शाहरुख खान का समय कठोर था और उन्हे सड़कों पर सोना पड़ा| उनके पास दिल्ली आने के लिए भी ट्रेन आदि की टिकिट के पैसे नहीं बचे थे.
उन्होने खूब ठोकरे खाईं और तब केवल उनके मन में एक ही बात थी की इस मुंबई ने मुझे ठोकरे दी हैं एक दिन यही मुंबई मुझे बादशाह कह कर बुलाएगी.
“इस शहर ने मुझे इतना तंग कर दिया है की, एक दिन मुझे बादशाह कह कर बुलाएगी”
कुछ चीजें ही बची हुई थी की उन्हे अपना कैमरा भी गिरवी रखना पड़ा|
गौरी ओर शाहरुख खान की जोड़ी सच में बहुत अच्छी है| दोनों का प्यार इतना सच्चा था की एक दिन शाहरुख खान सड़क पर टहल रहे थे की उन्हे गौरी नजर आ गयी| शाहरुख खान की मुलाक़ात उनसे हुई लेकिन तब भी शाहरुख खान बेरोजगार थे.
शाहरुख खान गौरी से ढेर सारा प्यार होने की वजह से, गौरी से दुबारा मिलने की वजह से उनके अंदर दुबारा हिम्मत जाग उठी थी.
गौरी ने शाहरुख खान से कहा की तुम मेरे मामा-मामी से बात कर के देखों वो बहुत अच्छे लोग हैं वो मेरे मम्मी पापा से तुम्हारे लिए बात करेंगे| फिर क्या था कुछ समय के बाद शाहरुख खान की मेहनत रंग लायी और उन्हे काम मिलने लगा.
शाहरुख खान की शादी 25 अक्टूबर 1991 में हो गयी|
शाहरुख खान को अपने पिछले अभिनय से काफी पहचान मिल गयी थी| एक दिन क्या हुआ की शाहरुख खान बांद्रा (मुंबई में एक जगह) बीर्यानी खा रहे थे और उनके पास एक प्रोड्यूसर आए श्री विवेक वासवानी|
उन्होने शाहरुख खान से पूछा की तुम फिल्मों में काम करोगे| शाहरुख खान ने हाँ कर दी जे॰पी॰ सिप्पी की फिल्म जो की ब्लॉकब्स्टर रहती थी|
शाहरुख खान, जे॰पी॰ सिप्पी से मिलने विवेक वासवानी जी के साथ जे॰पी॰ सिप्पी के ऑफिस गए|
जे॰पी॰ सिप्पी ने शाहरुख़ खान को देख कर सीधे बोला की एक दिन ये बहुत बड़ा स्टार बनेगा| जे॰पी॰ सिप्पी ने अपनी फिल्मों का ऑफर दिया| खान ने उस दिन 5 फिल्मों के लिए साइन कर दिया.
अब शाहरुख खान ने जोखिम उठते हुए हेमा मालिनी से मिलने की हिम्मत की| शाहरुख खान हेमा मालिनी से मिलने गए| हेमा मालिनी ने शाहरुख खान से कहा:-
“I like your nose, it’s very aristocratic and you got into my film because of that” (मुझे आपकी नाक पसंद है, यह बहुत अलग है और जिसकी वजह से आप मेरी फिल्म में शामिल हुए)”
अब तो शाहरुख खान की किस्मत बदल चुकी थी| उन्हे काम मिलने के बाद गौरी के घर वाले शाहरुख खान से गौरी की शादी के लिए तैयार हो गए थे और तीन महीने के बाद 25 अक्टूबर 1991 को उनकी शादी करा दी गयी.
शाहरुख खान को दोनों चीज मिल गयी| प्यार और कामयाबी|
शाहरुख खान का कहना था शुरू से ही की “अगर तुम किसी चीज को पूरे दिल से चाहों, तो ये पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है”.
शाहरुख खान की हिम्मत बढ़ाने के लिए उनका कॉन्फ़िडेंस जो की इस लाइन को बोल कर आता था की “सफलता एक अच्छी टीचर नहीं है, असफलता आपको विनम्र बनाती है” कामयाबी और नाकामयाबी दोनों ज़िन्दगी के हिस्से है| दोनों ही स्थायी नहीं हैं.
शाहरुख खान की सुपर हिट फिल्में :
शाहरुख खान ने अपनी एक्टिंग और शानदार अभिनय के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई|
शाहरुख खान के पूरी दुनिया में कई फैन है जो शाहरुख खान की एक्टिंग के दीवाने है| आज बॉलीवुड में शाहरुख़ सबसे अधिक लोकप्रिय स्टार में शामिल है.
शाहरुख खान ने बहुत कुछ खोया भी था और बहुत कुछ पाया भी बादशाह, किंग खान|
साल, फिल्म का नाम, फिल्मफेयर अवार्ड्स बेस्ट एक्टर
कैसा लगा शाहरुख खान की जीवनी पढ़ कर| शाहरुख खान की पूरी जानकारी आपके सामने रख दी है| अगर आपको शाहरुख खान की जीवनी पढ़ कर अच्छा लगा हो तो कृपया करके अपने मित्रों आदि में शेयर करना न भूलें.
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– Shahrukh Khan Biography in Hindi
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Atul Kumar author
Atul Kumar author ka biography aapki website pr nahi hai
हम इसके ऊपर जल्द ही लिखेंगे|
O hay
Nice information about Shahrukh Khan